भिंड। देहात थाना क्षेत्र में ढाई साल पहले हुए नाबालिग से दुष्कर्म मामले में न्यायालय ने आरोपी युवक को अलग-अलग धाराओं में 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दोषी युवक शादी के नाम पर बहलाकर नाबालिग को घर से भगाकर नोएडा ले गया था. वहां शादी का नाटक कर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मीडिया सेल प्रभारी प्रवीण कुमार गुप्ता ने बताया कि इस केस का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी (District Prosecuting Officer) अरविंद कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) (Special Public Prosecutor) कल्पना गुप्ता द्वारा किया गया था. मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि घटनाक्रम ढाई वर्ष पुराना है. जब 6 जून 2020 को पीड़ित नाबालिग अपने घर में सो रही थी. अगली सुबह जब परिजन ने देखा तो वह घर में नहीं थी. काफी ढूंढने के बाद भी जब नाबालिग का कुछ पता नहीं लगा तो पीड़ित पिता अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट कराने देहात थाने पहुंचा और FIR दर्ज कराई थी.
पिता ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की FIR: पुलिस को दी जानकारी में फरियादी पिता ने शक जाहिर करते हुए बेटी के साथ पढ़ने वाले देहात थाना क्षेत्र के भारौलीपुरा निवासी मनोज गोयल पर शक जताया. उन्होंने कहा कि मनोज बहला-फुसला कर उनकी बेटी को अपने साथ कहीं ले गया है. पिता के शक के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जिसमें पाया कि आरोपी मनोज पीड़ित नाबालिग के साथ उसके स्कूल में पढ़ता था. दोनों 6 वर्ष से प्रेम प्रसंग में थे और शादी करना चाहते थे. पुलिस ने साइबर सेल की मदद और जानकारी के आधार पर ग्वालियर में आरोपी को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद कर लिया था.
नाबालिग को दिल्ली-राजस्थान ले गया था आरोपी: आरोपी से पूछताछ में पता लगा कि 6 जून की रात आरोपी के कहने पर नाबालिग पीड़िता बिना घर में किसी को बताए आधी रात उससे मिलने बगिया चली गयी थी. जहां से आरोपी उसे अपने साथ इटावा होते हुए आगरा से नोएडा ले गया. यहां कापासेडा दिल्ली बॉर्डर के पास एक कमरा किराए पर लिया और 10 दिन तक वहां रुके. इस बीच कमरे में ही आरोपी ने पीड़ित नाबालिग की मांग भरकर और मंगलसूत्र पहनाकर शादी की और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए. 10 दिन बाद वह पीड़िता को लेकर राजस्थान के शाहजहांपुर और फिर जयपुर भी ले गया. इसके बाद वह उदयपुर से बस के जरिये नाबालिग को ग्वालियर लाया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया था.
अलग-अलग धाराओं में मिला कठोर कारावास: इस घटनाक्रम के बाद आरोपी की गिरफ्तारी कर मामले को भिंड जिला न्यायालय में पेश किया. ढाई वर्ष बाद अब इस मामले में षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने अपना फैसला सुनाया है. आरोपी मनोज गोयल को दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए धारा 366 के तहत 5 साल की सजा और 1 हज़ार रुपये का अर्थदंड, IPC की धारा 376(1) 10 वर्ष का कठोर कारावास और ढाई हजार रुपये का अर्थदंड और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 में 10 साल का कठोर कारावास और 2500 रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है.