भिंड। इन दिनों प्रदेश में लगातार सभी विभागों में तबादलों की सूचियां (Transfer List) जारी हो रही है जिनमें शिक्षकों के तबादलों (Transfer of Teachers) को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. खासकर भिंड जिले में हुए तबादलों पर पूर्व मंत्री और विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने ETV भारत से खास चर्चा के दौरान कहा कि पहले ही भाजपा के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की लिस्ट बनाकर तैयार की, उनसे वसूली की. जिन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनके तबादले कर दिए. जहां भी कांग्रेस के लोग और उनके रिश्तेदार थे उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया.
गोविंद सिंह ने कहा कि तबादलों की नीति मुख्यमंत्री की मंशा पर चल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तहर फेल हो चुके है. अब बीजेपी को युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता मान लेना चाहिए. आज कल हर जगह उनके कहने पर ही काम हो रहे है, तो उन्हें मुख्यमंत्री ही बना देना चाहिए.
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह से खास बातचीत के प्रमूख अंश
सवाल:
आपने मध्य प्रदेश की सरकार में परिवर्तन की बात कही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को नया CM बनाने की मांग की है. इसके पीछे क्या कारण है?
जवाब:
मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान हर मुद्दे पर फेल हो चुके हैं. सरकार चलाना हो या जनता के वादों को पूरा करना हो. ऐसे मुद्दे वह सरकार सम्भाल नहीं पा रहे हैं. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया युवा चेहरा है हर जगह उनके कहने पर पीछे-पीछे बीजेपी चल रहे हैं, तो सिंधिया को हाई अपना नेता मान लें. उनको ही मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दे.
सवालः
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रदेश में सत्ता में आने पर किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था. आज भी कई किसान कर्जमाफी के प्रमाणपत्र लिए इंतज़ार कर रहे हैं. कांग्रेस इसके लिए क्या कदम उठाने वाली है?
जवाबः
राहुल गांधी का वादा पूरा करने के लिए हमारे नेता कमलनाथ ने CM बनने के 10 घंटे के भीतर ही कर्जमाफी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे. 2 लाख तक कर्ज माफ किए थे. आर्थिक स्थिति खरब होने के बावजूद हमारी सरकार ने एक साल के कार्यकाल में 1 लाख तक किसानों का कर्जा माफ किया. तीसरी किस्त के लिए भी बजट में 7.5 हजार करोड़ का प्रावधान किया था.
लेकिन मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार चली गई. जिसकी वजह से वह पैसे किसानों के खाते में नहीं पहुंच पाए. एक अप्रैल से किसानों के खातों में पैसे पहुंचेंगे, लेकिन किसान पुत्र होने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं. किसानों ने इनकी सरकार नहीं बनने दी. इस द्वेष भावना से किसानों पर वसूली जारी कर दी है. कांग्रेस फिर सरकार में लौटेगी और अपना अधूरा काम पूरा करेगी.
सवालः
किसानों के साथ अब गाय भी राजनीति की धुरी बन गई है. गौवंश संरक्षण के लिए शिवराज सरकार ने गौ केबिनेट गठित की है. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते गौशालाएं बनवाई लेकिन फिर भी गौवंश आवारा घूम रहे है?
जवाब:
सवाल इस बात है कि कांग्रेस सरकार को कई मुद्दों पर घेर रही है. प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई, अराजकता का माहौल है, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, किसान, मजदूर सब से भाजपा के गुंडे वसूली कर रहे हैं. तबादलों के नाम पर बीजेपी के नेता कार्यकर्ता पैसा ऐंठ रहे हैं. जिस तरह अफगानिस्तान में तालिबानी लूट रहे है वैसे ही मध्य प्रदेश में भाजपा जनता को लूट रही है. इसके खिलाफ कांग्रेस आंदोलन करेगी.
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सवालः
केबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कमलनाथ पर आरोप लगाया है कि कमलनाथ ने गौसेवा के लिए गौशालाओं के नाम पर अपने सेठ मित्रों को बेशकीमती जमीने आवंटित की हैं, उन्होंने कोई गौशालाएं नहीं बनाईं.
जवाबः
विश्वास सारंग को आजकल कुछ ज्यादा ही बोलने की बीमारी हो गई. आज सरकार उनकी है वे एक भी ऐसा प्रमाण बता दें, जगह बता दें. जहां जमीन आवंटित की गई है. किसान परेशान था आवारा मवैशी फसलों का नुकसान पहुंचा रहे थे. इसलिए गौशालाओं को घोषणा पत्र में शामिल किया गया था. सरकार बनने पर प्रदेशभर में साढ़े 4 हज़ार से ज्यादा गौशाला एक-एक करोड़ की लागत से स्थापित की गई. पानी के लिए बोरिंग की व्यवस्था, चारे की व्यवस्था की.
गायों कि चरने के लिए 1 से डेढ़ बीघा जमीन हर गौशाला के लिए दी. शिवराज सरकार में तो एक गाय के लिए 1 रुपये 60 पैसा देते थे, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खजाना खाली होने के बावजूद 20 रुपये प्रति गाय के लिए प्रावधान किया. मैंने इस संबंध में कमलनाथ से खुद चर्चा की.