भिंड। उच्च पद पर बैठे अधिकारियों की मनमानी की खबरें तो अक्सर सुर्खियों में आती रहती हैं, लेकिन जब कोई अधिकारी वह भी जिले का कलेक्टर अपनी दबंगई दिखाने के लिए पद की गरिमा भूल अभद्रता पर उतर जाए तो क्या ही कहिए...ऐसी ही खबर आयी है मध्यप्रदेश के भिंड जिले से. जहां पदस्थ कलेक्टर और IAS सतीश कुमार एस अपने पद की गरिमा भूल कर बार-बार अभद्रता पर उतारू हैं. कभी कर्मचारियों को धमकी देते हैं तो कभी सरेआम आपा खोते दिखाई दिये. इस बार तो हद तब हो गई जब एक जूनियर एडवोकेट को उन्होंने अपने कोर्ट चेंबर में बंद करा दिया और अभद्रता की.
कलेक्टर के पास गया था जूनियर वकील: भिंड कलेक्टर पर आरोप लगाते हुए जिला न्यायालय के पीड़ित जूनियर एडवोकेट अमर सिंह शाक्य ने बताया की वे अपने कैंसर पीड़ित रिश्तेदार के साथ उनका आवेदन लेकर भिंड कलेक्टर के पास आए थे. ज्यादा समय लगा तो रिश्तेदार बलराम शाक्य को कैंसर की वजह से हो रही तकलीफ के चलते कलेक्ट्रेट की भीड़ से दूर परिसर में आराम करने का कह दिया. कुछ देर बाद कलेक्टर से मुलाकात हुई, उन्होंने परिचय पूछा जब मैंने कहा की मैं जूनियर वकील हूं तो उन्होंने अभद्रता करते हुए कहा कि तुम कोई वकील नहीं, बल्कि फर्जी वकील हो. इसके बाद उन्होंने पीड़ित जूनियर अधिवक्ता के दोनों मोबाइल और आधार कार्ड रखवा लिया और उसे पहले किचिन में बंद किया और इसके बाद अपने कोर्टरूम में बंद कर दिया था. वह जल्द ही न्यायालय में भिंड कलेक्टर के खिलाफ एक परिवाद भी दायर करेंगे.
![Bhind collector in controversy](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18638955_bhind.jpg)
अभिभाषक संघ के अध्यक्ष ने दी चेतावनी: जैसा कि पीड़ित जूनियर एडवोकेट शाक्य ने बताया कि इस घटना की जानकारी जब जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष विनीत मिश्रा को लगी तो वे अधिवक्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे. कलेक्टर से बात कर उसे बाहर निकलवाया एडवोकेट विनीत मिश्रा का कहना है कि इस संबंध में कलेक्टर को चेतावनी दी है कि आगे से अगर किसी वकील के साथ इस तरह का व्यवहार हुआ तो उनकी ओर से भी वैसा ही होगा. वहीं कलेक्टर पर कार्रवाई के लिए भी बार काउंसिल और अन्य अधिवक्ताओं के साथ चर्चा कर अग्रिम कार्रवाई के लिए फैसला लेंगे.
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![lawyer was locked in chamber](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bhi-01-collecter-abhadrata-pkg7206787_31052023141317_3105f_1685522597_318.jpeg)
शासन की अनदेखी ने दिया अभद्रता को बढ़ावा!: बता दें कि ये पहला मौका नहीं है, जब भिंड कलेक्टर इस तरह विवादों में हैं. इससे पहले भी उन्होंने साल 2021 में भिंड कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता उमाकांत मिश्रा से अभद्रता की थी. एक केस को लेकर एडवोकेट मिश्रा को अपने न्यायालय में बुलाने के लिए डीएम सतीश कुमार एस ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए कहा था कि 'उस वकील को बुलाकर लाओ नहीं आए तो पकड़ कर लाओ', यह बात मौके पर मौजूद रहे अन्य अधिवक्ताओं के सामने कही गई थी. जिसके बाद वकीलों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. वहीं पिछले साल स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक के दौरान भी भिंड कलेक्टर का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वे कर्मचारियों से गाली-गलौज और अभद्रता करते दिखाई दिये थे. तीसरी घटना भिंड नगर में अतिक्रमण हटाने के दौरान सामने आयी थी. जब व्यापारियों के विरोध पर कलेक्टर अपना आप खो बैठे थे और दबंगई दिखाते हुए चिल्लाते दिखे थे कि “गोली मार दो मुझे”. इतना सब होने के बाद भी कई बार प्रदेश के मंत्रियों के संज्ञाओं में ये बातें लायी गई लेकिन एक शॉर्ट टेंपर्ड अधिकारी पर आज तक कोई कार्रवाई शासन ने नहीं की, जिसका असर है की भिंड कलेक्टर लगातार अभद्रता करते नजर आ रहे हैं.