भिंड। जब घर का कोई सदस्य पुलिस अफसर हो तब डर किस बात का. ना गाड़ी पकड़ी जाएगी, ना ही अधिकारियों में चालान काटने की हिम्मत होगी. अगर धोखे से कहीं पकड़े भी गए तो भाई के कन्धों पर चमकता स्टार कब काम आएगा! लेकिन भिंड में ऐसा नहीं हुआ और ड्यूटी पर तैनात सगे भाई ने सबक सिखा दिया. (Bhind ASI gave challan to real brother) फ़र्ज़ के आगे रिश्ते को नहीं दी अहमियत, ड्यूटी पर तैनात ASI ने सगे भाई को थमा दिया चालान का कागज. कहा- आज शहर में हूं तो बचा लूंगा, कल कौन बचाएगा. इसलिए आदत बदलनी चाहिए. रिश्ते-नाते घर पर हैं ड्यूटी के दौरान नियम सबके लिए बराबर. (brother Advice follow traffic rules)
यातायात में सुधार के लिए सगे भाई को थमाया चालान
लोग यातायात नियमों की अनदेखी जितनी शिद्दत से करते हैं. उतनी ही आसानी से आरोप लगाते हैं कि पुलिस दूसरों पर जुल्म ढाती है और अपनों को छोड़ देती हैं. लेकिन भिंड में ट्रैफ़िक पुलिस के एएसआई ने ड्यूटी के दौरान सगे भाई तक का चालान काट दिया. इस कार्रवाई के बाद ट्रैफ़िक पुलिस की तारीफ़ होने लगी है.
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चेकिंग के दौरान निभाया ड्यूटी का फ़र्ज़
जानकारी के मुताबिक़ भिंड शहर के लहार रोड स्थित कलेक्ट्रेट के पास चेकिंग चल रही थी. जहां एएसआई गौरी शंकर यादव ड्यूटी पर मौजूद थे. इस दौरान चौराहे पर एक शख़्स अपनी बाइक से नियमों की धज्जियां उड़ाते निकले. जिन्हें पुलिस कर्मियों ने रोक लिया. जब बाइक सवार ने अपना परिचय दिया तो पता चला कि वह ASI गौरी शंकर यादव के सगे भाई थे. इस बात का पता चलते ही गौरी शंकर ने खुद भाई को चालान का कागज थमा दिया. इस दौरान उनका भाई बार-बार कहता नज़र आया की "मै तुम्हारा सगा भाई हूं" लेकिन एएसआई यादव ने एक ना सुनी और अंत में उनके भाई को चालान भरना पड़ा. मामले को लेकर एएसआई यादव का कहना है कि, आज तो बचा लूंगा कल कौन बचाएगा. इसलिए आदत बदलनी चाहिए और ट्रैफ़िक नियमों का पालन करना चाहिए. नियम सबके लिए बराबर होते हैं.