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भिंड में 1 जुलाई से नदियों से रेत खनन पर लगेगी रोक, अधिसूचना जारी - भिंड न्यूज

एक दिन बाद यानि 30 जून की रात से भिंड जिले में नदियों से रेत उत्खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा. ये आदेश भिंड जिला कलेक्टर ने जारी कर दिये हैं. जो रेत के खनन पर रोक पूर्व से एनजीटी द्वारा वर्षाकाल के संबंध में जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में हैं.

ban on sand mining from rivers in Bhind
भिंड में नदियों से रेत खनन पर लगेगी रोक
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Published : Jun 29, 2023, 10:54 PM IST

भिंड। चम्बल अंचल भले ही खनिज संपदा से परिपूर्ण हो लेकिन प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए लागू नियम पूरे देश में एक जैसे हैं. यही वजह है कि मध्यप्रदेश में मानसून के चलते अब नदियों में रेत का उत्खनन इस महीने के अंत के साथ ही प्रतिबंधित हो जाएगा. चंबल अंचल में भी सिंध नदी पर सैकड़ों रेत खदानें जहां से शासन द्वारा अनुबंधित विधिमान्य ठेकेदारों द्वारा अब तक रेत का उत्खनन और परिवहन के साथ बिक्री की व्यवस्था लागू थी, लेकिन अंचल के भिंड जिले में 30 जून से नदियों से रेत निकालने पर तीन महीनों के लिए प्रतिबंध लग जाएगा.

भिंड में तीन नदियां: भिंड जिले में वैसे तो मुख्य रूप से तीन नदियां हैं. क्वारी, चम्बल और सिंध, क्वारी एक सहायक नदी है और चम्बल संरक्षित होने के चलते पहले से ही रेत खनन से मुक्त है. लेकिन अंचल में सबसे ज्यादा खनन सिंध नदी से होता है. अकेले भिंड जिले में ही रेत की 75 खदानें हैं. जिन्हें अब तक ठेकेदार कंपनी संचालित करते आई, लेकिन उससे भी ज्यादा उत्खनन इलाके में रेत माफिया द्वारा किया जाता रहा है और सरकार को राजस्व हानि उठानी पड़ती है.

Notification issued on sand mining from rivers in Bhind
भिंड में नदियों से रेत खनन पर अधिसूचना जारी
क्यों लगाया का रहा है प्रतिबंध: जब बात रेत पर प्रतिबंध की वजह पर आती है तो ये जानना जरूरी है कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जल वायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी ‘सतत रेत खनन प्रबंधन गाइडलाइन- 2016’ के अनुसार वर्षाकाल में नदियों से रेत खनन प्रतिबंधित किया गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मुताबिक, बारिश के दिनों में जलीय जीव प्रजनन अवस्था में होते हैं. ऐसे में नदी में उत्खनन से इन जलीय जीवों को नुकसान पहुंच सकता है. जिसे ध्यान में रखते हुए वर्षाकाल यानी मानसून में नदियों से रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. चूंकि भारतीय मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश में मेन्शन अवधी 15 जून से 1 अक्टूबर निर्धारित की है. जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रतिवर्ष 30 जून से 1 अक्टूबर तक यह प्रतिबंध पूरे देश में लागू होता है.

यहां पढ़ें...

भिंड में समाप्त होगा रेत कंपनी का ठेका: एनजीटी की रोक शुक्रवार शनिवार दरमियानी रात 12 बजे से लग जाएगी, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा भिंड जिले में रेत खनन पर प्रतिबंध की. अवधि कब तक रहेगी ये नहीं कहा जा सकता जिसकी बड़ी वजह है कि भिंड में शासन द्वारा अधिकृत ठेकेदार संस्था की कांट्रैक्ट अवधि भी 30 जून को समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कम्पनी प्रतिबंध से पूर्व किए गए. निर्धारित स्टॉक को तो बीच सकेगी लेकिन दोबारा इस जिले में टेंडर मिलने तक खनन नहीं कर सकेगी और टेंडर प्रक्रिया कब पूर्ण हो ये फिलहाल कहना मुश्किल है. ऐसे में नया टेंडर होने तक भिंड जिले में नदी से रेत के उत्खनन पर पूरी तरह अनिश्चितकालीन प्रतिबंध जारी रहेगा.

भिंड। चम्बल अंचल भले ही खनिज संपदा से परिपूर्ण हो लेकिन प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए लागू नियम पूरे देश में एक जैसे हैं. यही वजह है कि मध्यप्रदेश में मानसून के चलते अब नदियों में रेत का उत्खनन इस महीने के अंत के साथ ही प्रतिबंधित हो जाएगा. चंबल अंचल में भी सिंध नदी पर सैकड़ों रेत खदानें जहां से शासन द्वारा अनुबंधित विधिमान्य ठेकेदारों द्वारा अब तक रेत का उत्खनन और परिवहन के साथ बिक्री की व्यवस्था लागू थी, लेकिन अंचल के भिंड जिले में 30 जून से नदियों से रेत निकालने पर तीन महीनों के लिए प्रतिबंध लग जाएगा.

भिंड में तीन नदियां: भिंड जिले में वैसे तो मुख्य रूप से तीन नदियां हैं. क्वारी, चम्बल और सिंध, क्वारी एक सहायक नदी है और चम्बल संरक्षित होने के चलते पहले से ही रेत खनन से मुक्त है. लेकिन अंचल में सबसे ज्यादा खनन सिंध नदी से होता है. अकेले भिंड जिले में ही रेत की 75 खदानें हैं. जिन्हें अब तक ठेकेदार कंपनी संचालित करते आई, लेकिन उससे भी ज्यादा उत्खनन इलाके में रेत माफिया द्वारा किया जाता रहा है और सरकार को राजस्व हानि उठानी पड़ती है.

Notification issued on sand mining from rivers in Bhind
भिंड में नदियों से रेत खनन पर अधिसूचना जारी
क्यों लगाया का रहा है प्रतिबंध: जब बात रेत पर प्रतिबंध की वजह पर आती है तो ये जानना जरूरी है कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जल वायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी ‘सतत रेत खनन प्रबंधन गाइडलाइन- 2016’ के अनुसार वर्षाकाल में नदियों से रेत खनन प्रतिबंधित किया गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मुताबिक, बारिश के दिनों में जलीय जीव प्रजनन अवस्था में होते हैं. ऐसे में नदी में उत्खनन से इन जलीय जीवों को नुकसान पहुंच सकता है. जिसे ध्यान में रखते हुए वर्षाकाल यानी मानसून में नदियों से रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. चूंकि भारतीय मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश में मेन्शन अवधी 15 जून से 1 अक्टूबर निर्धारित की है. जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रतिवर्ष 30 जून से 1 अक्टूबर तक यह प्रतिबंध पूरे देश में लागू होता है.

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भिंड में समाप्त होगा रेत कंपनी का ठेका: एनजीटी की रोक शुक्रवार शनिवार दरमियानी रात 12 बजे से लग जाएगी, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा भिंड जिले में रेत खनन पर प्रतिबंध की. अवधि कब तक रहेगी ये नहीं कहा जा सकता जिसकी बड़ी वजह है कि भिंड में शासन द्वारा अधिकृत ठेकेदार संस्था की कांट्रैक्ट अवधि भी 30 जून को समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कम्पनी प्रतिबंध से पूर्व किए गए. निर्धारित स्टॉक को तो बीच सकेगी लेकिन दोबारा इस जिले में टेंडर मिलने तक खनन नहीं कर सकेगी और टेंडर प्रक्रिया कब पूर्ण हो ये फिलहाल कहना मुश्किल है. ऐसे में नया टेंडर होने तक भिंड जिले में नदी से रेत के उत्खनन पर पूरी तरह अनिश्चितकालीन प्रतिबंध जारी रहेगा.

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