भिंड। चम्बल अंचल भले ही खनिज संपदा से परिपूर्ण हो लेकिन प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए लागू नियम पूरे देश में एक जैसे हैं. यही वजह है कि मध्यप्रदेश में मानसून के चलते अब नदियों में रेत का उत्खनन इस महीने के अंत के साथ ही प्रतिबंधित हो जाएगा. चंबल अंचल में भी सिंध नदी पर सैकड़ों रेत खदानें जहां से शासन द्वारा अनुबंधित विधिमान्य ठेकेदारों द्वारा अब तक रेत का उत्खनन और परिवहन के साथ बिक्री की व्यवस्था लागू थी, लेकिन अंचल के भिंड जिले में 30 जून से नदियों से रेत निकालने पर तीन महीनों के लिए प्रतिबंध लग जाएगा.
भिंड में तीन नदियां: भिंड जिले में वैसे तो मुख्य रूप से तीन नदियां हैं. क्वारी, चम्बल और सिंध, क्वारी एक सहायक नदी है और चम्बल संरक्षित होने के चलते पहले से ही रेत खनन से मुक्त है. लेकिन अंचल में सबसे ज्यादा खनन सिंध नदी से होता है. अकेले भिंड जिले में ही रेत की 75 खदानें हैं. जिन्हें अब तक ठेकेदार कंपनी संचालित करते आई, लेकिन उससे भी ज्यादा उत्खनन इलाके में रेत माफिया द्वारा किया जाता रहा है और सरकार को राजस्व हानि उठानी पड़ती है.
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भिंड में समाप्त होगा रेत कंपनी का ठेका: एनजीटी की रोक शुक्रवार शनिवार दरमियानी रात 12 बजे से लग जाएगी, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा भिंड जिले में रेत खनन पर प्रतिबंध की. अवधि कब तक रहेगी ये नहीं कहा जा सकता जिसकी बड़ी वजह है कि भिंड में शासन द्वारा अधिकृत ठेकेदार संस्था की कांट्रैक्ट अवधि भी 30 जून को समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कम्पनी प्रतिबंध से पूर्व किए गए. निर्धारित स्टॉक को तो बीच सकेगी लेकिन दोबारा इस जिले में टेंडर मिलने तक खनन नहीं कर सकेगी और टेंडर प्रक्रिया कब पूर्ण हो ये फिलहाल कहना मुश्किल है. ऐसे में नया टेंडर होने तक भिंड जिले में नदी से रेत के उत्खनन पर पूरी तरह अनिश्चितकालीन प्रतिबंध जारी रहेगा.