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परिवार का पेट पालने के लिए नाबालिग चला रहे ऑटो रिक्शा, हाथ पर हाथ धरे बैठा है यातायात विभाग

भिंड में नाबालिग पने परिवार क चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाने को मजबूर हैं. ऐसे में यातायात विभाग कार्रवाई करने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.

नाबालिग चला रहे ऑटो रिक्शा
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Published : Aug 26, 2019, 6:55 PM IST

भिंड। सरकार प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुधारने के कई योजनाएं चलाने का दावा करती है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. भिंड में नाबालिग अपने परिवार क चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाने को मजबूर हैं. नाबालिक चालक न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे में यातायात विभाग कार्रवाई करने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.

नाबालिग चला रहे ऑटो रिक्शा

बता दें कि भिंड शहर में इन दिनों नाबालिक रिक्शा चालकों की भरमार हो गई है. जगह-जगह रिक्शा चलाते नजर आते हैं. इन चालकों का कहना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते रिक्शा चलाना उनकी मजबूरी बन गई है. जिस कारण से उनका स्कूल जाने तक छूट गया है.

वहीं यातायात पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाती नजर नहीं आ रही. मामला सामने आने के बाद यातायात प्रभारी नीरज शर्मा का कहना है कि जल्द ही नाबालिग ऑटो रिक्शा चालकों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं भिंड एसपी रुडोल्फ अल्वारेस का भी कहना है कि अभियान चलाकर सभी को जागरूग किया जाएगा.

भिंड। सरकार प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुधारने के कई योजनाएं चलाने का दावा करती है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. भिंड में नाबालिग अपने परिवार क चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाने को मजबूर हैं. नाबालिक चालक न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे में यातायात विभाग कार्रवाई करने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.

नाबालिग चला रहे ऑटो रिक्शा

बता दें कि भिंड शहर में इन दिनों नाबालिक रिक्शा चालकों की भरमार हो गई है. जगह-जगह रिक्शा चलाते नजर आते हैं. इन चालकों का कहना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते रिक्शा चलाना उनकी मजबूरी बन गई है. जिस कारण से उनका स्कूल जाने तक छूट गया है.

वहीं यातायात पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाती नजर नहीं आ रही. मामला सामने आने के बाद यातायात प्रभारी नीरज शर्मा का कहना है कि जल्द ही नाबालिग ऑटो रिक्शा चालकों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं भिंड एसपी रुडोल्फ अल्वारेस का भी कहना है कि अभियान चलाकर सभी को जागरूग किया जाएगा.

Intro:जिस उम्र में बच्चों के हाथों में कलम और किताब होती हैं उस उम्र में भिंड में बच्चों के हाथ ऑटो रिक्शा की कमान संभाले हुए हैं इनकी तस्वीर सरकार की उन सभी योजनाओं की पोल खुलती है जो कहती हैं के बच्चे कल का भविष्य हैं चाय स्कूल चले हम जैसी योजनाएं हैं चाइल्ड लेबर पर प्रतिबंध देखा जाए तो यह नाबालिक चालक न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं लेकिन यातायात विभाग की ओर से भी अब तक कोई खास कार्रवाई या इन नाबालिक चालकों को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए हैं


Body:जैसे-जैसे शहर या इलाके का आवागमन बढ़ता है तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बढ़ता है भिंड में भी लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए टैक्सी या रिक्शे का सहारा लेते हैं लेकिन इन दिनों भिंड शहर में नाबालिक रिक्शा चालकों की भरमार हो गई है जगह-जगह बच्चे रिक्शा चलाते नजर आते हैं इन चालकों का कहना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते रिक्शा चलाना उनकी मजबूरी बन गई है यहां तक कि पेट पालने की आवाज में उनका स्कूल तक छूट गया है

बाइट बंटी नाबालिग रिक्शा चालक
बाइट मोहित नाबालिक रिक्शा चालक

भिंड की इन तस्वीरों से शासन की सारी योजनाएं धरी की धरी दिखाई देती हैं करीबी के आगे मजबूर एंड बच्चों की आय का अब यह एकमात्र जरिया रह गया है वहीं यातायात पुलिस भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाती नजर नहीं आ रही जहां यातायात प्रभारी कहते हैं कि मामला पता लगा है तो अब कार्रवाई होगी तो वही भिंड एसपी का भी कहना है कि अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी

बाइट- नीरज शर्मा, यातायात प्रभारी
बाइट - रुडोल्फ अल्वारेस, पुलिस अधीक्षक, भिंड




Conclusion:सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 18 साल से पहले किसी का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकता लेकिन भिंड शहर में नाबालिगों के हाथों में रिक्शा इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि यातायात विभाग क्यों अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहा क्या जिम्मेदारों को किसी बड़ी घटना का इंतजार है।

भिंड से ईटीवी भारत के लिए पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट

नोट- कृपया नाबालिक चालकों के चेहरे हल्के ब्लर कर ले।
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