भिंड। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते हर आम और खास का जीवन इन दिनों घर में बीत रहा है. लेकिन अब उन लोगों की परेशानियां शुरु हो गई है, जो हर दिन काम करके अपना घर चलाते हैं. कुछ ऐसा ही हाल ऑटो रिक्शा वालों का कहा है. भिंड में ऑटो चलाने वाले लोगों पर इस लॉक डाउन का बुरा असर पड़ा है. जिससे इन लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी होती जा रही है.
ईटीवी भारत ने भिंड शहर के कुछ ऑटो रिक्शा चालकों से बात की तो उनका कहना था कि ऑटो रिक्शा चलाकर उनके घर में चार पैसे आते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते वे घर बैठे है. ऐसे में राशन पानी की चिंता सता रही है घर में रखा राशन भी धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है. जिससे आगे के लिए मुसीबत खड़ी हो रही है.
रिक्शा चालकों ने भावुक होकर कहा कि परिवार का पेट पालने के लिए दिनभर में उन्हे 400 से 500 रुपए मिल जाते थे. लेकिन लॉक डाउन की वजह से आज यह आमदनी बंद हो चुकी है. अब परिवार के लिए रोजी-रोटी का इंतजाम करने के लिए 2 महीने की किस्त चुकाने की भी चुनौती सामने है. वहीं एक अन्य ई-रिक्शा संचालक भारत श्रीवास ने बताया कि भिंड छोटा शहर है ऐसे में दिन भर की कमाई 300 से 400 के बीच होती थी. लेकिन लॉक डाउन से सब बंद हो गया.
इन रिक्शा चालकों ने अपनी पीड़ा के साथ ही यह भी बताया कि हमारे यहां का सरकारी सिस्टम कितना लचर है. रिक्शा चालकों के परिवार के लिए अब तक जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं किया गया. अगर जल्द ही इनके लिए कोई उपाय नहीं किया गया तो उनकी परेशानियां और बढ़ जाएगी.