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वार्ड 11 की आंगनबाड़ी कचरा घर में हुई तब्दील

भिंड जिले के वार्ड 11 में बीटीआई रोड पर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भवन कचरा घर में तब्दील हो गया है. यहां आंगनबाड़ी केंद्र की हालत गंभीर है. वहीं आंगनबाड़ी का संचालन किराए के मकान में कराया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों को इसकी सुध नहीं है.

खस्ताहाल हुए जिले के आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : Nov 14, 2019, 12:09 AM IST

भिंड। जिले के वार्ड 11 में बीटीआई रोड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भवन कचरा घर में तब्दील हो गया है. जिसके कारण आंगनबाड़ी का खस्ताहाल है. वहीं आंगनबाड़ी का संचालन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के घर में किया जा रहा है. जिसके संबंध में अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी किसी ने इसकी सुध नहीं ली है.

खस्ताहाल हुए जिले के आंगनबाड़ी केंद्र

भिंड जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का खस्ताहाल
भिंड में आंगनबाड़ी केंद्रों के हाल यह है कि वार्ड 11 में बनी आंगनबाड़ी के लिए भिंड के बीटीआई रोड पर डाइट के बगल से भवन का निर्माण कराया गया था, लेकिन आंगनबाड़ी का संचालन नहीं हो सका. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि जो भवन बनवाया गया था, वहां असामाजिक तत्वों ने डेरा बना लिया था. शाम को जुआरी और शराबियों का जमावड़ा बना रहता था. कुछ दिन बाद एक दबंग ने उस पर कब्जा भी कर लिया. फागन के अधिकारियों ने प्रशासन की मदद से उसे खाली तो कराया, लेकिन तब तक भवन की स्थिति खराब हो चुकी थी, इसलिए दोबारा कभी वहां आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं हो सका. जिसके कारण आज किराए के भवन में आंगनबाड़ी का संचालन करना पड़ रहा है.

किराए के भवन में संचालित हो आंगनबाड़ी केंद्र
बता दें कि 500 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, लेकिन इनमें 85 फीसदी आंगनबाड़ियों का संचालन किराए के भवनों में करना पड़ रहा है. भिंड शहर में ही करीब स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं जिनमें कुछ ही शासकीय भवन में लगते हैं.

अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे
एक ओर जहां सरकार गर्भवती महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ियों का संचालन कर रही है, तो वहीं भिंड जिले में आंगनबाड़ियों की हालत जिला प्रशासन की नाकामियां बयां कर रही हैं. ब्यावर आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर हो चुका हैं, जिसे किराए के भवन में संचालित करना पड़ रहा हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रटे-रटाए जवाब देकर अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं.

भिंड। जिले के वार्ड 11 में बीटीआई रोड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भवन कचरा घर में तब्दील हो गया है. जिसके कारण आंगनबाड़ी का खस्ताहाल है. वहीं आंगनबाड़ी का संचालन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के घर में किया जा रहा है. जिसके संबंध में अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी किसी ने इसकी सुध नहीं ली है.

खस्ताहाल हुए जिले के आंगनबाड़ी केंद्र

भिंड जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का खस्ताहाल
भिंड में आंगनबाड़ी केंद्रों के हाल यह है कि वार्ड 11 में बनी आंगनबाड़ी के लिए भिंड के बीटीआई रोड पर डाइट के बगल से भवन का निर्माण कराया गया था, लेकिन आंगनबाड़ी का संचालन नहीं हो सका. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि जो भवन बनवाया गया था, वहां असामाजिक तत्वों ने डेरा बना लिया था. शाम को जुआरी और शराबियों का जमावड़ा बना रहता था. कुछ दिन बाद एक दबंग ने उस पर कब्जा भी कर लिया. फागन के अधिकारियों ने प्रशासन की मदद से उसे खाली तो कराया, लेकिन तब तक भवन की स्थिति खराब हो चुकी थी, इसलिए दोबारा कभी वहां आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं हो सका. जिसके कारण आज किराए के भवन में आंगनबाड़ी का संचालन करना पड़ रहा है.

किराए के भवन में संचालित हो आंगनबाड़ी केंद्र
बता दें कि 500 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, लेकिन इनमें 85 फीसदी आंगनबाड़ियों का संचालन किराए के भवनों में करना पड़ रहा है. भिंड शहर में ही करीब स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं जिनमें कुछ ही शासकीय भवन में लगते हैं.

अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे
एक ओर जहां सरकार गर्भवती महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ियों का संचालन कर रही है, तो वहीं भिंड जिले में आंगनबाड़ियों की हालत जिला प्रशासन की नाकामियां बयां कर रही हैं. ब्यावर आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर हो चुका हैं, जिसे किराए के भवन में संचालित करना पड़ रहा हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रटे-रटाए जवाब देकर अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं.

Intro:भिंड के वार्ड 11 में बीटीआई रोड स्थित आंगनवाड़ी केंद्र भवन आज बदहाली के आंसू वह आ रहा है आंगनवाड़ी भवन आज कचरा घर में तब्दील है और केंद्र का संचालन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के घर में करना पड़ रहा है यह आलम आज नहीं पिछले कई सालों से हैं ऐसा नहीं कि ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों को इसका पता नहीं है बावजूद इसके जिम्मेदार कुंभकरण की नींद सो रहे हैं


Body:भारत सरकार कुपोषण के खिलाफ एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के रूप में हर गांव हर शहर और वार्ड में आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन करा रही है लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि इन आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए शासकीय भवन तक उपलब्ध नहीं है कई जगह भवन जर्जर है या आंगनवाड़ियों का संचालन नहीं हो पा रहा है भिंड में आंगनवाड़ी केंद्रों के हाल यह है कि वार्ड 11 में बनी आंगनवाड़ी के लिए भिंड के बीटीआई रोड पर डाइट के बगल से भवन का निर्माण कराया गया था लेकिन निर्माण के बादकुछ दिन ही आंगनवाड़ी का संचालन हो सका वार्ड 11 में बनी आंगनवाड़ी 11/9 की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि जो भवन बनवाया गया था वहां असामाजिक तत्वों ने डेरा बना लिया था शाम को ज्वारी और शराबियों का जमावड़ा बना रहता था कुछ दिन बाद एक दबंग ने उस पर कब्जा भी कर लिया फागन के अधिकारियों ने प्रशासन की मदद से उसे खाली तो कराया लेकिन तब तक भवन की स्थिति खराब हो चुकी थी इसलिए दोबारा कभी वहां आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन नहीं हो सका आज किराए के भवन में संचालित करना पड़ रहा है

एक कमरे में संचालित वार्ड 11 की आंगनवाड़ी 11 /9 केंद्र में करीब 35 बच्चे आते हैं जिन्हें रोजाना भोजन और नई एक्टिविटी कराई जाती हैं समय-समय पर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई जैसे कार्यक्रम भी होते हैं ऐसे में एक कमरे में केंद्र का संचालन उतना आसान नहीं होता लेकिन जिम्मेदारों को शायद यह दिखाई नहीं देता

तत्कालीन कलेक्टर इलैयाराजा ट्रेन अभी डाइट के बगल से बने आंगनवाड़ी के शासकीय भवन को दुरुस्त कराने की बात कही थी लेकिन उन्होंने उस काम को अंजाम नहीं दे पाया और आज उस भवन की स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है अब लोग बिल्डिंग के बाहर ही कचरा फेंकते हैं और आवारा पशुओं ने डेरा बना लिया है लोगों का मानना है कि यदि आज इलैया राजा टी भिंड में पदस्थ होते तो हालात कुछ और होते।

वार्ड 11 की आंगनबाड़ियों की हालत को लेकर के भिंड कलेक्टर छोटे सिंह से बात की गई तो हमेशा की तरह डटे रहे जवाब के साथ कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन किराए के भवन में किया जा सकता है रहा सवाल यदि किसी आंगनवाड़ी की हालत खराब है तो हम उसे दिखा लेते हैं।

बता दें कि 500 से ज्यादा आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं लेकिन इनमें 85 फ़ीसदी आंगनवाड़ियों का संचालन किराए के भवनों में करना पड़ रहा है भिंड शहर में ही करीब स्वस्थ केंद्र संचालित हैं जिनमें इक्का-दुक्का ही शासकीय भवन में लगते हैं


Conclusion:एक ओर जहां सरकार गर्भवती महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनवाड़ियां चलवा रही है वही भिंड जिले में आंगनवाड़ियों की हालत जिला प्रशासन की नाकामियां बयां कर रही हैं ब्यावर आंगनवाड़ी केंद्र या तो जर्जर हो चुके हैं या किराए के भवनों में संचालित हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रटे रटाए जवाब देकर अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं।

बाइट- उमा देवी खटीक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
बाइट- रेवती, आंगनवाड़ी सहायिका
बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर, भिंड
पीटीसी- पीयूष श्रीवास्तव, संवाददाता
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