भिंड। भारत सरकार को आखिरकार किसानों के आगे घुटने टेकना ही पड़ा, कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन के बाद सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है. जिसकी पुष्टि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश के दौरान की है, केंद्र सरकार के इस फैसले पर किसान संगठनों ने खुशी तो जतायी है, लेकिन घोषणा के अमल होने तक आंदोलन जारी रखने की बात भी कही है, संयुक्त किसान मोर्चा के घटक संगठन अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट देवेंद्र सिंह चौहान ने ईटीवी भारत से कहा कि घोषणा के अमल और अजय मिश्रा की बर्खास्तगी, केस वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा.
केंद्र ने वापस लिया कृषि कानून, अब किसानों पर दर्ज मामले भी वापस ले सरकार: कमलनाथ
कृषि कानून वापस लेने का स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संदेश में तीनों कृषि कानूनों के वापस लेने की घोषणा की है, जिस पर अखिल भारतीय किसान महासभा (All India Kisan Mahasabha) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट देवेंद्र चौहान ने खुशी जताई है, उनका कहना है कि पीएम ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया आगामी संसद सत्र में शुरू किए जाने की बात कही है और किसानों से गुरु नानक जी के पर्व प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है, लेकिन जब तक केंद्र सरकार इन कानूनों को खत्म करने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेती, तब तक किसान संगठन आंदोलन स्थल पर ही डटे रहेंगे.
MSP कानून लाए केंद्र सरकार
चौहान ने कहा कि सिर्फ कानून वापस लेना ही काफी नहीं है, सरकार को पूरे देश में एक एमएसपी कानून भी लागू करना चाहिए क्योंकि देश में एक भी एमएसपी कानून नहीं बनाया गया है, सिर्फ राज्य सरकारें अपने अनुसार कुछ चुनिंदा फसलों पर एमएसपी देती हैं, लेकिन इसका फायदा अन्य फसलें उगाने वाले किसानों को नहीं मिलता है. इस लिए केंद्र सरकार को संसद में एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए, इस कानून में यह प्रावधान होना चाहिए की किसान जो भी फसलें उगाता है, उसका अधिकतम समर्थन मूल्य तय किया जाए, दूसरा सिर्फ घोषणा से काम नहीं चलेगा. फसलों की गुणवत्ता को देखते हुए जैसे टमाटर या अन्य फसलें जो नाशवान हैं, उन्हें एक निश्चित समय में खरीद की व्यवस्था की जाए. फसल को समर्थन मूल्य की कीमत से कम में खरीदा जाता है तो उसे अपराध माना जाए और एक निश्चित कीमत भी तय किया जाए.
एमएसपी कानून बनाने का जिक्र नहीं
प्रधानमंत्री के एलान पर भरोसे के सवाल पर एडवोकेट चौहान ने कहा कि पीएम अभी आगामी सत्र में कानून वापस लेने (Modi Repeals Farm laws) की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा किये हैं, लेकिन किसान मोर्चा और किसान आंदोलन शुरू से ही एमएसपी कानून लाने की मांग कर रहे हैं, पीएम की घोषणा में कहीं भी एमएसपी कानून को लेकर अलग से कोई बात नहीं कही गयी है, इसके लिए सरकार इसी सत्र में कोई बिल पेश करेगी.
अजय मिश्रा को बर्खास्त करे सरकार
एमएसपी के अलावा पूर्व में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को बर्खास्त (Ajay Mishra Suspension to Stop Farmer Protest) करने के अलावा उन पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है, लखीमपुर में मंत्री के बेटे की कार ने किसानों को रौंद दिया था, इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की जान गई थी. ऐसा नहीं होने तक किसान आंदोलन पर ही डटे रहेंगे.
आंदोलन में शहीद हुए 700 से अधिक किसान
अखिल भारतीय महासभा के उपाध्यक्ष देवेंद्र चौहान का कहना है कि इन सभी मांगों को सरकार जब तक पूरा नहीं करती है, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं और जब सरकार पूरी तरह तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लेगी, एमएसपी और मंत्री अजय मिश्रा पर कार्रवाई होगी तो इस आंदोलन का उद्देश्य पूर्ण होगा जो हमारे शहीद किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.