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Chambal Bridge Damaged : सावधान ! MP से UP को जोड़ने वाला 46 साल पुराना चम्बल पुल फिर क्षतिग्रस्त, मरम्मत जारी, आवागमन बंद - चम्बल पुल फिर क्षतिग्रस्त मरम्मत जारी

मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला भिंड- इटावा की सीमा पर बना चम्बल पुल ट्रांसपोर्टेशन और आवाजाही के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. 46 वर्ष पहले बना यह पुल पर हेवी लोड ट्रैफ़िक की वजह से पिछले 3 सालों में जर्जर हालत में पहुँच चुका है. हाल ही में यह पुल फिर भारी क्षतिग्रस्त हुआ. अब यहां मरम्मत का काम चल रहा है. पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा हुआ है. (Aagain damaged old Chambal bridge) (46 year old Chambal bridge repairing) (On Chambal bridge traffic stopped)

Aagain damaged old Chambal bridge
MP से UP को जोड़ने वाला 46 साल पुराना चम्बल पुल
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Published : Jul 11, 2022, 6:37 PM IST

भिंड। साल 1976 में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर चंबल नदी पर इटावा और भिंड ज़िले की सीमा को जोड़ने वाले चम्बल पुल का निर्माण हुआ था. चार दशकों से ज़्यादा समय तक यह पुल दोनों राज्यों में आवागमन का सुगम रास्ता बना रहा, लेकिन बीते 3 वर्षों में इस पुल की हालत ख़स्ता हो गयी है. 2019 से लेकर 2022 तक यह ब्रिज 5 बार क्षतिग्रस्त हो चुका है. दो हफ़्ते पहले ही पुल पर बनी सड़क के दोनों स्लैब धसक गए हैं. ऐसे में 26 जून के बाद से इस पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है.

हेवी ट्रैफ़िक के लिए रूट डायवर्ट : इटावा कलेक्टर अवनीश राय के अनुसार चम्बल पुल की हालत देखते हुए यहाँ सेतु निर्माण विभाग द्वारा इसका सर्वे किया या था. इसके बाद मरम्मत किए जाने की ज़रूरत के चलते पुल पर 27 जून से भारी वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है. हालाँकि इस दौरान उत्तर प्रदेश से और मध्य प्रदेश के बीच भिंड और इटावा से आवागमन करने वाले भारी वाहनों के लिए फूप चकरनगर होते हुए साहसों से इटावा की ओर परिवर्तित मार्ग बनाया गया था लेकिन चम्बल पुल बंद होने के बाद अचानक बढ़े ट्रैफ़िक की वजह से बरही चंबल पुल और फूफ स्थित चकरनगर मार्ग ओर बनी पुलिया टूटने से यह रास्ता बंद होने से इटावा जाने के लिए अब भारी वाहनों को ग्वालियर से मुरैना-आगरा होकर जाना होगा. भिंड की सीमा मालनपुर से इटावा जाने वाले वाहनों को बरेठा पुल से मुरैना होते हुए वैकल्पिक मार्ग पर डायवर्ट किया जा रहा है.

Aagain damaged old Chambal bridge
MP से UP को जोड़ने वाला 46 साल पुराना चम्बल पुल

पुलिया टूटने की वजह से बढ़ी भिंड और इटावा की दूरी : ग्वालियर से इटावा, कानपुर जाने वाले वाहन मुरैना, धौलपुर आगरा होते हुए निकाले जाएंगे, जबकि भिंड आए वाहनों को रौन-मिहोना-गोपालपुरा से जालौन होते हुए इटावा-कानपुर के लिए निकाला जा रहा है. वैकल्पिक मार्ग से भिंड से इटावा पहुंचने के लिए 187 किमी और ग्वालियर से मुरैना-आगरा होते हुए 250 किमी का फेरा लगाना पड़ेगा, जबकि भिंड-इटावा के बीच की दूरी महज 36 किलोमीटर है.

भारी वाहनों की वजह से आयी ख़राबी : भिंड इटावा के बीच बने चंबल पुल को 20-25 टन वजनी वाहन के हिसाब से तैयार किया गया था, लेकिन क्षमता से ज्यादा वाहन व रेत के ओवरलोड वाहनों से पुल की दोनों ओर सड़क के स्लैब धंस चुके हैं, जिसकी वजह से इस पुल पर अब मरम्मत कार्य किया जा रहा है और भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगायी गयी है. बता दें कि चम्बल पुल इससे पहले भी 3 वर्षों में 4-5 बार ख़राब हो चुका है. 6 अप्रैल 2019 को पिलर में छेद होने से दो दिन आवागमन बंद रहा था. इसके बाद 18 जुलाई 2019 को फिर पिलर में खराबी आने से दो दिन आवागमन बंद रहा. 2 अगस्त 2019 को स्लैब क्षतिग्रस्त होने से 8 दिनों तक आवागमन बंद रहा. 2 जुलाई 2021को पुल की 6 नम्बर पिलर की बैरिंग ख़राब होने से पुल को बंद किया गया था.

फिर क्षतिग्रस्त हुआ चम्बल पुल, वाहनों का लगा लंबा जाम

जल्द मिल सकती है नए पुल की सौग़ात : फ़िलहाल इस पुल की मरम्मत की जा रही है लेकिन यह पुल देखरेख के लिए आज भी राष्ट्रीय राजमार्ग और यूपी सेतु निर्माण विभाग के अधीन है. यूपी पीडब्ल्यूडी द्वारा डीपीआर गठित कर यमुना पुल से चंबल नदी के पुल तक फोरलेन सड़क बनाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. उम्मीद है कि जल्द ही 7 किलोमीटर की सड़क के साथ ही चंबल नदी का नया पुल बनाने की मंजूरी मिलने की उम्मीद भी नजर आ रही है. (Aagain damaged old Chambal bridge) (46 year old Chambal bridge repairing) (On Chambal bridge traffic stopped)

भिंड। साल 1976 में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर चंबल नदी पर इटावा और भिंड ज़िले की सीमा को जोड़ने वाले चम्बल पुल का निर्माण हुआ था. चार दशकों से ज़्यादा समय तक यह पुल दोनों राज्यों में आवागमन का सुगम रास्ता बना रहा, लेकिन बीते 3 वर्षों में इस पुल की हालत ख़स्ता हो गयी है. 2019 से लेकर 2022 तक यह ब्रिज 5 बार क्षतिग्रस्त हो चुका है. दो हफ़्ते पहले ही पुल पर बनी सड़क के दोनों स्लैब धसक गए हैं. ऐसे में 26 जून के बाद से इस पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है.

हेवी ट्रैफ़िक के लिए रूट डायवर्ट : इटावा कलेक्टर अवनीश राय के अनुसार चम्बल पुल की हालत देखते हुए यहाँ सेतु निर्माण विभाग द्वारा इसका सर्वे किया या था. इसके बाद मरम्मत किए जाने की ज़रूरत के चलते पुल पर 27 जून से भारी वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है. हालाँकि इस दौरान उत्तर प्रदेश से और मध्य प्रदेश के बीच भिंड और इटावा से आवागमन करने वाले भारी वाहनों के लिए फूप चकरनगर होते हुए साहसों से इटावा की ओर परिवर्तित मार्ग बनाया गया था लेकिन चम्बल पुल बंद होने के बाद अचानक बढ़े ट्रैफ़िक की वजह से बरही चंबल पुल और फूफ स्थित चकरनगर मार्ग ओर बनी पुलिया टूटने से यह रास्ता बंद होने से इटावा जाने के लिए अब भारी वाहनों को ग्वालियर से मुरैना-आगरा होकर जाना होगा. भिंड की सीमा मालनपुर से इटावा जाने वाले वाहनों को बरेठा पुल से मुरैना होते हुए वैकल्पिक मार्ग पर डायवर्ट किया जा रहा है.

Aagain damaged old Chambal bridge
MP से UP को जोड़ने वाला 46 साल पुराना चम्बल पुल

पुलिया टूटने की वजह से बढ़ी भिंड और इटावा की दूरी : ग्वालियर से इटावा, कानपुर जाने वाले वाहन मुरैना, धौलपुर आगरा होते हुए निकाले जाएंगे, जबकि भिंड आए वाहनों को रौन-मिहोना-गोपालपुरा से जालौन होते हुए इटावा-कानपुर के लिए निकाला जा रहा है. वैकल्पिक मार्ग से भिंड से इटावा पहुंचने के लिए 187 किमी और ग्वालियर से मुरैना-आगरा होते हुए 250 किमी का फेरा लगाना पड़ेगा, जबकि भिंड-इटावा के बीच की दूरी महज 36 किलोमीटर है.

भारी वाहनों की वजह से आयी ख़राबी : भिंड इटावा के बीच बने चंबल पुल को 20-25 टन वजनी वाहन के हिसाब से तैयार किया गया था, लेकिन क्षमता से ज्यादा वाहन व रेत के ओवरलोड वाहनों से पुल की दोनों ओर सड़क के स्लैब धंस चुके हैं, जिसकी वजह से इस पुल पर अब मरम्मत कार्य किया जा रहा है और भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगायी गयी है. बता दें कि चम्बल पुल इससे पहले भी 3 वर्षों में 4-5 बार ख़राब हो चुका है. 6 अप्रैल 2019 को पिलर में छेद होने से दो दिन आवागमन बंद रहा था. इसके बाद 18 जुलाई 2019 को फिर पिलर में खराबी आने से दो दिन आवागमन बंद रहा. 2 अगस्त 2019 को स्लैब क्षतिग्रस्त होने से 8 दिनों तक आवागमन बंद रहा. 2 जुलाई 2021को पुल की 6 नम्बर पिलर की बैरिंग ख़राब होने से पुल को बंद किया गया था.

फिर क्षतिग्रस्त हुआ चम्बल पुल, वाहनों का लगा लंबा जाम

जल्द मिल सकती है नए पुल की सौग़ात : फ़िलहाल इस पुल की मरम्मत की जा रही है लेकिन यह पुल देखरेख के लिए आज भी राष्ट्रीय राजमार्ग और यूपी सेतु निर्माण विभाग के अधीन है. यूपी पीडब्ल्यूडी द्वारा डीपीआर गठित कर यमुना पुल से चंबल नदी के पुल तक फोरलेन सड़क बनाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. उम्मीद है कि जल्द ही 7 किलोमीटर की सड़क के साथ ही चंबल नदी का नया पुल बनाने की मंजूरी मिलने की उम्मीद भी नजर आ रही है. (Aagain damaged old Chambal bridge) (46 year old Chambal bridge repairing) (On Chambal bridge traffic stopped)

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