भिंड। अटेर तहसील के 20 से 25 गांव गांधीसागर और कोटा बैराज डैम से चंबल नदी में छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के चलते खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. बचाव कार्य के लिए आर्मी, एनडीआरएफ व स्थानीय पुलिस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है. पिछले तीन दिनों से रेस्क्यू जारी है, जिसके जरिए अब तक 2100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. भिंड-दतिया सांसद संध्या राय ने भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर हालातों का जायजा लीं.
तेजी से चल रहा बचाव कार्य
राजस्थान के गांधी सागर डैम और कोटा बैराज से दो दिन पहले तक करीब 2200000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. मंगलवार सुबह भी 4:30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके चलते भिंड में चंबल नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से करीब 6 मीटर ऊपर बह रही है. अधिकारियों के मुताबिक पानी 2 से 3 मीटर और ऊपर जा सकता है. पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि जिले भर में लगातार पुलिस बल राहत एवं बचाव कार्य में मदद कर रही है, वहीं एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ का दल भी रेस्क्यू में मदद कर रहा है.कलेक्टर-एसपी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है.
2100 लोगों को किया जा चुका रेस्कयू
कलेक्टर छोटे सिंह ने बताया कि बाढ़ग्रस्त गांव आधे से ज्यादा डूब चुके हैं. कुछ लोग सोमवार रात वहां भी फंस गए थे, जिन्हें सुबह तक निकाल लिया गया, बावजूद इसके लोग अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं और जिद पर अड़े हैं. जिन्हें अब फोर्सफुली निकालने का काम किया जा रहा है. अब तक अटेर क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त ग्रामीण इलाकों से 2100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.