बैतूल। विशेष लोक अभियोजक एसपी वर्मा, शशिकांत नागले ने बताया कि चिचोली थाने में 7 जुलाई 2020 को पीडि़ता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कि 22 जून की सुबह वह काम पर चले गए थे. घर पर पत्नी और दोनों लड़के थे. शाम को करीब 6 बजे घर वापस आए तो पत्नी पत्नि ने बताया कि बेटी सुबह 8 बजे शौच करने जाने का कहकर गई थी, जो वापस नहीं आई.
पिता के डांटने पर घर भागी थी नाबालिग : परिजनों ने आसपास और रिश्तेदारी में तलाशी की, लेकिन कहीं पर भी पता नहीं चला. शिकायत के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू की. विवेचना के दौरान 16 जुलाई को उक्त किशोरी को दुर्गालाल के कब्जे से दस्तयाब किया गया. जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो यह बात सामने आई कि 22 जून को पिता के डांटने के बाद किशोरी अपनी बड़ी मां के घर चली गई थी. वहां से अपनी सहेली के साथ बैतूल बस स्टैंड पर आई. यहां से आरोपी राजेश मिला और उसने किशोरी को घर छोड़ने का कहकर शाहपुर भौंरा के जंगल ले गया. वहां रेप किया.
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नाबालिग को बेच दिया था : इसके बाद आरोपी राजेश किशोरी को जबरदस्ती चिखलीपुर सेमकिला गांव ले जाया गया. आरोपी ने दुर्गालाल को उक्त किशोरी को 1 लाख 15 हजार रुपये में बेच दिया. दुर्गालाल ने पीडि़ता को अपने घर पर रखा था. आरोपी राजेश को आजीवन कारावास और जुर्माना लगाया गया. नाबालिग युवती को खरीदकर अपने कब्जे में रखने वाले आरोपी दुर्गालाल पिता देवीलाल 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्मान से दंडित किया गया. प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन अधिकारी एसपी वर्मा, विशेष लोक अभियोजक शशिकांत नागले एवं ओमपक्राश द्वारा पैरवी की गई. (Youth sentenced to life imprisonment) (life imprisonment for kidnapping and rape)