बैतूल। विश्व के सभी देशों में आज यानि 16 जुलाई को सर्प दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों में सांपों के प्रति भय और भ्रम को दूर करना है. दरअसल हर तरह के सांप जहरीले नहीं होते हैं, फिर भी डर के कारण लोग इन्हें मार डालते हैं और ऐसा करना प्रकृति के संतुलन के लिए सही नहीं है.
शहर में बीते दिनों दो ऐसे मामले सामने आए, जहां कोबरा सांप के काटने से एक महिला की मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने महिला की मौत का बदला लेते हुए सांप को बंधक बना लिया, तो वहीं दूसरे मामले में लोग सांप को कैदकर अस्पताल लेकर पहुंच गए.
गौरतलब है कि बारिश के आते ही गड्ढों और बिलों में पानी भर जाता है, जिसके कारण सांप अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं. इस दौरान सांप के काटने की घटनाएं बढ़ने लगती हैं. सांप डरकर इंसानों को काट लेते हैं, तो वहीं इंसान भी डरकर या फिर बदला लेने की नीयत से सांप को मार डालते हैं.
कब हमला करते हैं सांप
सर्प विशेषज्ञ जमील भाई का कहना है कि बेशक ये जहरीले सांप जानलेवा हैं, लेकिन ये ऐसे ही हमला नहीं कर देते हैं. सांप हमला तब करते हैं, जब हम गलती से उनके आसपास पहुंच जाएं या उनके संपर्क में आ जाएं. सांप खुद पर खतरा मंडराता देख हमला करते हैं. ऐसे में बारिश के मौसम में हमें इनसे बचने की जरूरत है, ताकि ये बेजुबान भी सुरक्षित रहें और हम भी. साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में केवल 4 प्रजाति के सांप ही जहरीले हैं बाकी के नहीं.
'सांपों के साथ हो रही घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण'
उत्तर वन मंडल अधिकारी राखी नंदा ने कहा कि सांपों के साथ हो रही घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और वे इसे लेकर जनजागरण अभियान चलाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं को खासकर सर्प के जानकारों को आगे आने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.