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खरपतवार की चपेट में सतपुड़ा जलाशय, भविष्य में जनता को हो सकती है मुसीबत

बैतूल जिले में 80 प्रतिशत सतपुड़ा जलाशय खरपतवार की चपेट में आ गया है, जिस पर उचित कार्रवाई नहीं करने पर जनता को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.

Weed found in Satpura Reservoir
खरपतवार की चपेट में सतपुड़ा जलाशय
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Published : Oct 11, 2020, 4:36 PM IST

बैतूल। सारणी तहसील में बीते कुछ दिनों पहले हुई लापरवाही के चलते खरपतवार ने लगभग 80 प्रतिशत सतपुड़ा जलाशय (साल्विनिया मोलेस्टा) को अपनी चपेट में ले लिया हैं. अगर समय रहते इस विषय पर उच्च अधिकारियों ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो भविष्य में क्षेत्र की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पढ़ें: सतपुड़ा डैम से छोड़ा गया 30 हजार क्यूसेक पानी, उफान पर तवा नदी

इसको लेकर मेनका संजय गांधी के संगठन पीपल फॉर एनिमल्स‍, यूनिट सारणी के अध्यक्ष आदिल खान द्वारा नवागत मुख्य अभियंता को इस संबंध से अवगत कराया गया, जिसमें आदिल खान ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि, 'अगर तत्काल सतपुड़ा जलाशय की सफाई की व्यवस्था नहीं कराई गई, तो गर्मियों में बहुत बड़ी समस्या शहर के लोगों के सामने खड़ी होने वाली है. इस मामले में मुख्य अभियंता से पिछले महीने लंबी चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि, इस बार जलाशय की संपूर्ण सफाई की व्यवस्था की जाएगी.'

पढ़ें: 6 महीने बाद आज से फिर पर्यटकों के लिए खुलेगा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व

यूनिट सारणी के अध्यक्ष आदिल खान ने बताया कि, 2 महीने पहले मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर से भी बात की गई थी. उन्होंने कहा था कि, 'हम इस समस्या का परमानेंट हल करने का प्रयास किया जा रहा है.' हालांकि इस पर आदिल का कहना है कि, 'इस मामले को लेकर मेरे माध्यम से लगातार शिकायत भी की जा रही थी. प्रबंधन को आगाह किया जा रहा था, कि आने वाले समय में सतपुड़ा जलाशय फिर से खरपतवार की चपेट में होगा, लेकिन उस समय प्रबंधन द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई.' उन्होंने कहा कि, 'जो अधिकारी यहां पर पदस्थ थे, उनके द्वारा भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया. इसका परिणाम आज सबके सामने है.'

बैतूल। सारणी तहसील में बीते कुछ दिनों पहले हुई लापरवाही के चलते खरपतवार ने लगभग 80 प्रतिशत सतपुड़ा जलाशय (साल्विनिया मोलेस्टा) को अपनी चपेट में ले लिया हैं. अगर समय रहते इस विषय पर उच्च अधिकारियों ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो भविष्य में क्षेत्र की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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इसको लेकर मेनका संजय गांधी के संगठन पीपल फॉर एनिमल्स‍, यूनिट सारणी के अध्यक्ष आदिल खान द्वारा नवागत मुख्य अभियंता को इस संबंध से अवगत कराया गया, जिसमें आदिल खान ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि, 'अगर तत्काल सतपुड़ा जलाशय की सफाई की व्यवस्था नहीं कराई गई, तो गर्मियों में बहुत बड़ी समस्या शहर के लोगों के सामने खड़ी होने वाली है. इस मामले में मुख्य अभियंता से पिछले महीने लंबी चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि, इस बार जलाशय की संपूर्ण सफाई की व्यवस्था की जाएगी.'

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यूनिट सारणी के अध्यक्ष आदिल खान ने बताया कि, 2 महीने पहले मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर से भी बात की गई थी. उन्होंने कहा था कि, 'हम इस समस्या का परमानेंट हल करने का प्रयास किया जा रहा है.' हालांकि इस पर आदिल का कहना है कि, 'इस मामले को लेकर मेरे माध्यम से लगातार शिकायत भी की जा रही थी. प्रबंधन को आगाह किया जा रहा था, कि आने वाले समय में सतपुड़ा जलाशय फिर से खरपतवार की चपेट में होगा, लेकिन उस समय प्रबंधन द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई.' उन्होंने कहा कि, 'जो अधिकारी यहां पर पदस्थ थे, उनके द्वारा भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया. इसका परिणाम आज सबके सामने है.'

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