बैतूल। सतपुड़ा जलाशय रूपी धरोहर सारणी को बचाने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. जल प्रहरी मोहन नागर के आह्वान पर सैकड़ों की तादाद में लोग जुटे सतपुड़ा जलाशय स्वच्छता अभियान में शामिल हुए. तकरीबन दो दर्जन संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तीन घंटे तक श्रमदान किया. अभियान के पहले दिन 30 ट्रैक्टर ट्राली जलीय खर पतवार और चाइनीज झालर डेम से निकाला गया. इस अभियान में मछुआरा समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. मछुआरों की टोली ने महाजाल का निर्माण कर डेम से खर पतवार निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. श्रमदानी कार्यकर्ताओ ने मलवे को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर सुरक्षित स्थान पर भेजने में अपना योगदान दिया.
सतपुड़ा डैम सारणी के बचाने के लिए आगे आए संगठन
कभी अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात घोड़ाडोंगरी तहसील का सतपुड़ा डेम सारनी चाइनीज झालर से ढंक गया है. सारनी क्षेत्र की धरोहर और एकमात्र जल संरचना को बचाने कई सामाजिक संगठन आगे आए हैं. सभी संगठनों के सामूहिक प्रयास से सतपुड़ा जलाशय स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई है. रविवार को अभियान का पहला दिन था. अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रति रविवार सुबह 8 बजे से 10 बजे तक श्रमदान होगा. अभियान का दूसरा चरण 28 फरवरी को सम्पन्न होगा. मछुआरा संघ,नपा सफाई मजदूर संघ,ठेका श्रमिक संघ,विद्या भारती,भोजपुरी एकता मंच, लोनारी कुनबी समाज,बंगाली,व्यापारी संघ,मेहरा समाज,बिजली उत्पादन कर्मचारी संघ, विश्व हिंदू परिषद,मप्र डिप्लोमा इंजीनियर एसोसीएशन, टेंट एसोसीएशन,पार्षद दल सहित अनेक संगठन के कार्यकर्ताओं ने श्रमदान किया.
सांसद विधायक जिला अध्यक्ष ने किया श्रमदान
घोड़ाडोंगरी सतपुड़ा जलाशय सारणी स्वच्छता अभियान के पहले चरण में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. सांसद दुर्गादास उइके, विधायक डॉ योगेश पण्डागरे,पूर्व सांसद हेमन्त खण्डेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष बबला शुक्ला, विद्या भारती के जनजातीय कार्य प्रमुख बुधपाल सिंह ठाकुर,सारणी एसड़ीओपी अभय राम चौधरी सहित अन्य कई जनप्रतिनिधियों ने कार्यकर्ताओं के साथ श्रमदान किया.
जल रहेगा तो जीवित रहेगी सभ्यता- मोहन नागर
श्रमदान के उपरांत सभी कार्यकर्ताओं को अल्पहार वितरित किया गया. इस अवसर पर उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए जल प्रहरी मोहन नागर ने कहा कि जहां जल होता है वहीं सभ्यताएं जीवित रहती है. भारत के अधिकांशतः गांव जल स्रोतों के किनारे बसे हैं. जीवन के साथ-साथ मानव जाति के विकास के लिए जल जरूरी है. जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए समाज को आगे आना होगा तभी जनजीवन बचेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी अच्छा काम शुरू होता है तो पहले उसकी आलोचना होती है, फिर विरोध होता है लेकिन एक दिन ऐसा भी आता है कि विरोधी भी हमारे साथ आ जाते हैं. समाज की एकजुटता एवं संकल्प शक्ति से हमारा लक्ष्य अवश्य पूरा होगा और घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा डेम सारनी की सुंदरता लौटेगी. बुधपाल सिंह ठाकुर एवं कमलेश सिंह ने सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं और श्रमदानियों का आभार व्यक्त किया.