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PHE मंत्री के जिले में ही लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज, प्रशासन मौन

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Published : May 30, 2019, 12:04 PM IST

PHE मंत्री सुखदेव पांसे के जिले में ग्रामीण बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. आजादी के बाद से न तो उन्हें पानी मिल रहा है और न ही कोई मूलभूत सुविधा.

मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है बैतूल

बैतूल। प्रदेश के PHE मंत्री सुखदेव पांसे के जिले के दर्जन भर गांवों के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. लोग 3 किलोमीटर दूर जाकर कुएं और झिरिया से गंदा और मटमैला पानी लाकर पीने के लिए मजबूर हैं.

मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है बैतूल
भीमपुर ब्लॉक में आजादी के बाद से आज तक ऐसे ही हालात बने हुए हैं. अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि 1500 की आबादी वाले इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों को झिरिया में भी पानी आने के लिए 12 घंटे इंतजार करना पड़ता है. गांव वालों की मजबूरी कुछ ऐसी है कि वो सालों से इस झिरिया के गंदे मटमैले पानी को पीकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
अधिकारियों से बात की जाए, तो वो गांववालों को खोखले आश्वासन दे देते हैं लेकिन कुछ करते नहीं हैं. सिर्फ पानी ही नहीं इस गांव में लोगों को बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है. बिना बिजली के खंभे लगे हुए कई साल बीत चुके हैं तो वहीं सड़क पर केवल मुरुम बिछाकर छोड़ दिया गया है. भैंसदेही जनपद सीईओ हेमेंद्र गोविल से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि गांवों में PHE की एक टीम भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि गांवों में बोर खनन करवाएंगे या फिर टैंकरों से पानी की सप्लाई करेंगे. 8 दिनों के भीतर पानी की समस्या और अन्य सुविधाओं को हल कर दिया जाएगा.

बैतूल। प्रदेश के PHE मंत्री सुखदेव पांसे के जिले के दर्जन भर गांवों के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. लोग 3 किलोमीटर दूर जाकर कुएं और झिरिया से गंदा और मटमैला पानी लाकर पीने के लिए मजबूर हैं.

मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है बैतूल
भीमपुर ब्लॉक में आजादी के बाद से आज तक ऐसे ही हालात बने हुए हैं. अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि 1500 की आबादी वाले इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों को झिरिया में भी पानी आने के लिए 12 घंटे इंतजार करना पड़ता है. गांव वालों की मजबूरी कुछ ऐसी है कि वो सालों से इस झिरिया के गंदे मटमैले पानी को पीकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
अधिकारियों से बात की जाए, तो वो गांववालों को खोखले आश्वासन दे देते हैं लेकिन कुछ करते नहीं हैं. सिर्फ पानी ही नहीं इस गांव में लोगों को बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है. बिना बिजली के खंभे लगे हुए कई साल बीत चुके हैं तो वहीं सड़क पर केवल मुरुम बिछाकर छोड़ दिया गया है. भैंसदेही जनपद सीईओ हेमेंद्र गोविल से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि गांवों में PHE की एक टीम भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि गांवों में बोर खनन करवाएंगे या फिर टैंकरों से पानी की सप्लाई करेंगे. 8 दिनों के भीतर पानी की समस्या और अन्य सुविधाओं को हल कर दिया जाएगा.
Intro:बैतूल ।।

प्रदेश के PHE मंत्री सुखदेव पांसे के जिले में लोग एक बूंद साफ पीने के पानी के लिए तरस रहे है वो भी एक दो गांव नही दर्जन भर गांव ऐसे है जहाँ लोगो को पीने का पानी नही मिल पा रहा है । लोग 3 किलोमीटर दूर कुवे और झिरिया से गंदा और मटमैला पानी पीने के लिए मजबूर है । बैतूल जिले के पाचो ब्लॉक में इन दिनों पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है ।


Body:आज हम बात कर रहे है जिले के कालापानी कहे जाने वाले भीमपुर ब्लॉक की जहां सबसे ज्यादा पानी की समस्य है। इस ब्लॉक् में दर्जन भर से ज्यादा गावो में पीने के पानी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है । इन गांवों के ग्रामीण गांव से 3 किलोमीटर दूर कुवे और झिरिया का गंदा पानी अपने घरों में लाकर खुद भी पी रहे है और अपने परिवार को पिला रहे है ।

हालात इतने बत्तर हो चुके है कि 1500 की आबादी वाले इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों को झिरिया में गंदे पानी के आने का भी 12 घंटे इंतजार करना पड़ता हैं । 2 से 3 टंकी पानी निकलते ही झरिया का पानी जो खत्म हो जाता है । ये हाल डेढ़ हजार से ज्यादा आबादी वाली पात्री पंचायत का है ।

पात्री पंचायत के आमा पठार, रैय्यत वाड़ी, हर्रा वन ग्राम सहित दर्जन भर गावो में यही दिक्कत बनी हुई है । गांवों के ग्रामीण बताते है कि आजादी के बाद से ही उनके गावो में पानी के पानी की कोई व्यस्था जिला प्रशासन ने आज तक नही की है । जब वे अधिकारियों पास जाते तो बस एक ही जवाब मिलता है कि आप लोगो की समस्या दूर कर दी जाएगी ।

यही नही इनमे से कुछ गावो में तो आजादी के सत्तर सालो के बाद भी ना तो बिजली पहुची है और ना ही सड़क । बिजली के खंभे लगे हुए कई साल बीत चुके तो वही सड़क पर केवल मुरुम बिछा दी गईं है । आज भी इस ब्लॉक के कुछ गांव मानो काला पानी की सजा ग्रामीण भुगत रहे है ।


Conclusion:इन मूलभूत सुविधाओं के बारे में जब हमने जनपद सीओ से बात की तो उन्होंने बताया कि हमे जानकारी लगी है कि कई गांवों में पीने के पानी समस्या है । हमारे द्वारा phe की एक टीम इन गांवों में भेजी जा रहीं है हम संभव हुआ तो बोर खनन करवाएंगे या पानी के टैंकरों से पानी की सप्लाई करेंगे 8 दिनों के भीतर पानी की समस्या और अन्य सुविधाओं को हल कर दिया जाएगा ।

बाइट -- कांति बाई ( ग्रामीण लाल साड़ी पहने ओर सिर पर गुंडी )
बाइट -- सरवन ( सिर पर गमछा बंधे हुए )
बाइट -- गुलाब उइके ( ग्रामीण लाल शर्ट में )
बाइट -- हेमेंद्र गोविल ( सीईओ जनपद, भैंसदेही )
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