ETV Bharat / state

इस गांव में नहीं है सड़क, कीचड़ भरे रास्ते से स्कूल जाते हैं नौनिहाल

बैतूल के आमला जनपद पंचायत के गांव छिंदी में पक्की सड़क नहीं है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्कूली छात्रों को कीचड़ भरे रास्ते से स्कूल आना-जाना पड़ता है.

इस गांव में नहीं है पक्की सड़क
author img

By

Published : Oct 20, 2019, 9:58 AM IST

Updated : Oct 20, 2019, 3:08 PM IST

बैतूल। सरकार की योजनाओं और प्रयासों के बाद भी कई गांव में लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. वहीं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाएं गांवों में असफल होती नजर आ रही हैं.

इस गांव में नहीं है पक्की सड़क
जिले के आमला जनपद पंचायत छिपन्या -पिपरिया के गांव छिंदी में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी पक्की सड़क नहीं है, जिसके चलते बच्चों को कीचड़ वाले रास्ते को पार करके स्कूल जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन से सड़क की मांग की गई लेकिन हर बार प्रशासन लोगों की परेशानियों को नजरअंदाज कर देता है.

इस मामले में अधिकारियों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण करने का आश्वासन दिया है. वहीं स्थानीय विधायक ने प्रदेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां भी जिले में भाजपा को लीड मिली वहां कोई भी काम स्वीकृत नहीं हो रहे हैं.

बैतूल। सरकार की योजनाओं और प्रयासों के बाद भी कई गांव में लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. वहीं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाएं गांवों में असफल होती नजर आ रही हैं.

इस गांव में नहीं है पक्की सड़क
जिले के आमला जनपद पंचायत छिपन्या -पिपरिया के गांव छिंदी में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी पक्की सड़क नहीं है, जिसके चलते बच्चों को कीचड़ वाले रास्ते को पार करके स्कूल जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन से सड़क की मांग की गई लेकिन हर बार प्रशासन लोगों की परेशानियों को नजरअंदाज कर देता है.

इस मामले में अधिकारियों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण करने का आश्वासन दिया है. वहीं स्थानीय विधायक ने प्रदेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां भी जिले में भाजपा को लीड मिली वहां कोई भी काम स्वीकृत नहीं हो रहे हैं.

Intro:बैतूल ।। प्रदेश की कांग्रेस सरकार सड़क बनाने के बड़े-बड़े वादे हेमामालनी और कैलाश विजयवर्गीय तक तो पहुंच गए पर धरातल कुछ और ही कहानी कह रहे है । अगर मैदानी हकीकत पर नजर डाले तो कई जगह तो ऐसी है ,जहाँ पर आज भी ग्रामीणों को बारिश खत्म होने के बाद भी कीचड़ में ही चलना पड़ रहा है। मामला है बैतूल के आमला जनपद पंचायत छिपन्या -पिपरिया के गांव छिंदी का है। जहाँ पर आज भी सड़क की सूरत देखने के लिए ग्रामीण तरस रहे है । छिंदी गांव से छिपन्यां जाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस गांव में सड़क लोगो के लिए सपना ही बनी हुई है। Body:इस गांव के नोनिहाल बच्चे अपना भविष्य बनाने के लिए कीचड़ पार करके स्कूल जाते है। कई बार तो इन बच्चों के बैग साइकिल तक कीचड़ में गिर जाती है इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन जिम्मेदारों पर इसका असर नही होना कही न कही जनप्रतिनिधियों की नीयत पर भी सवाल खड़े कर रहे है । ग्राम छिंदी के ग्रामीणों को इन दिनों खासी परेशानी का सामना के लिए पक्का मार्ग नही है ग्रामीणों को एक मात्र कच्चे मार्ग से आवागमन करना पड़ता है । बारिश होने के बाद यह मार्ग दलदल में तब्दील हो जाता है वाहन तो दूर की बात पैदल चलना तक ग्रामीणो के लिए दूभर हो जाता है। पिछले तीन माह से मार्ग की स्थिति खराब है कीचड़ कर कारण सड़क पर बड़े वाहनो के पहिए थम जाते है।ग्रामीणों ने सड़क की समस्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया पर बात नही बनी ।

ग्रामीणों कहना है की ग्राम पंचायत छिपन्या पिपरिया जोड़ से छिंदी तक मार्ग दो से तीन किमी मार्ग कच्चा है लबे समय से पक्की सड़क की मांग कर रहे है लेकिन मांग पूरी नही हो सकी है ।Conclusion:जब हमने इस मामले में उच्च अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि आपने मामले को संज्ञान में लाया है जल्द ही ग्रामीणों की समस्या दूर की जाएगी । वही स्थानीय विधायक ने प्रदेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि जहा भी जिले में भाजपा को लीड मिली वहां कोई भी काम स्वीकृत नही हो रहे है ।


बाइट --कंचन यदुवंशी (छात्रा स्कूल)

बाइट -- दुर्गेश यादव (ग्रामीण)

बाइट -- एम.एल.त्यागी (सीईओ, जिला पंचयात)

बाइट -- डॉ.योगेश पांडग्रे ( विधायक, आमला)
Last Updated : Oct 20, 2019, 3:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.