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मध्यप्रदेश में बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दर्ज, सतपुड़ा पावर प्लांट से भी गुड न्यूज

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. दो दिनों से प्रदेश में 14,500 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग दर्ज हो रही है. वहीं घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पावर प्लांट सारणी के लिए अच्छी खबर यह है कि लंबे समय से दो नंबर प्लांट की 2 में से 1 इकाई को ही चलाया जा रहा था. लेकिन ऊर्जा मंत्री के दौरे के बाद दो नंबर प्लांट की दोनों इकाइयों को चलाया जा रहा है.

Units of Satpura power plant open
सतपुड़ा पावर प्लांट सारणी
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Published : Dec 4, 2020, 4:26 PM IST

बैतूल: दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. दो दिनों से प्रदेश में 14,500 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग दर्ज हो रही है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वर्ष प्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दर्ज होगा. बीते साल दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह में सर्वाधिक बिजली की मांग 14 हजार मेगावाट के आसपास थी. वहीं साल 2020 फरवरी महीने में रिकॉर्ड बिजली की मांग 14,470 मेगावाट दर्ज हुई थी. इसी साल बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दिसंबर में दर्ज किया गया.

डिमांड बढ़ी तो जनवरी 2021 में नया रिकॉर्ड

इसी तरह डिमांड बढ़ती रही तो जनवरी या फरवरी 2021 में प्रदेश में नया रिकॉर्ड बनने से इनकार नहीं किया जा सकता. शुक्रवार को मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के चारों बिजली घरों से 2500 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हुआ. जबकि चारों बिजली घरों की क्षमता 5400 मेगावाट है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के पास 16 विद्युत इकाइयां हैं जिनकी कुल क्षमता 5400 मेगावाट है. शुक्रवार को प्रदेश की 16 में से 10 इकाइयों से विद्युत उत्पादन हुआ. वहीं 6 इकाइयां विभिन्न कारणों से बंद रही.

6 इकाइयां रहीं बंद

बंद इकाइयों में घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की आठ व नौ नंबर, श्री सिंगाजी पावर प्लांट खंडवा की दो, तीन और चार नंबर, बिरसिंहपुर पावर प्लांट की एक नंबर इकाई शामिल है. बंद इकाइयों की क्षमता 2550 मेगावाट है. रिकॉर्ड बिजली की मांग के समय जेनको की इकाइयों को बंद रखने का सीधा मतलब है कि निजी कंपनियों पर प्रदेश सरकार को ज्यादा भरोसा है. मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी द्वारा सतपुड़ा ताप ग्रह की दो इकाइयों को बंद रखकर यहां का कोयला सिंगाजी पावर प्लांट खंडवा डायवर्ट करने की बात भी समझ से परे है. इस विषय को लेकर ना तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आपत्ति दर्ज कर रहे हैं और ना ही जिम्मेदार अधिकारी सही स्थिति से अवगत करा रहे हैं. लेकिन इस मामले में ऊर्जा मंत्री भी साधे हैं चुप्पी

सतपुड़ा पावर प्लांट के लिए गुड न्यूज

यही हाल रहे तो इन दोनों इकाइयों का भविष्य खतरे में पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पावर प्लांट सारणी के लिए अच्छी खबर यह है कि लंबे समय से दो नंबर प्लांट की 2 में से 1 इकाई को ही चलाया जा रहा था. लेकिन ऊर्जा मंत्री के दौरे के बाद दो नंबर प्लांट की दोनों इकाइयों को चलाया जा रहा है. इससे सतपुड़ा के विद्युत उत्पादन में सुधार आया है. शुक्रवार को घोडाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की चार इकाइयों से 820 मेगावाट से ज्यादा विद्युत उत्पादन हुआ. यहां 2 लाख 90 हजार मैट्रिक टन कोल स्टॉक है.

बैतूल: दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. दो दिनों से प्रदेश में 14,500 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग दर्ज हो रही है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वर्ष प्रदेश में सर्वाधिक बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दर्ज होगा. बीते साल दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह में सर्वाधिक बिजली की मांग 14 हजार मेगावाट के आसपास थी. वहीं साल 2020 फरवरी महीने में रिकॉर्ड बिजली की मांग 14,470 मेगावाट दर्ज हुई थी. इसी साल बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड दिसंबर में दर्ज किया गया.

डिमांड बढ़ी तो जनवरी 2021 में नया रिकॉर्ड

इसी तरह डिमांड बढ़ती रही तो जनवरी या फरवरी 2021 में प्रदेश में नया रिकॉर्ड बनने से इनकार नहीं किया जा सकता. शुक्रवार को मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के चारों बिजली घरों से 2500 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हुआ. जबकि चारों बिजली घरों की क्षमता 5400 मेगावाट है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के पास 16 विद्युत इकाइयां हैं जिनकी कुल क्षमता 5400 मेगावाट है. शुक्रवार को प्रदेश की 16 में से 10 इकाइयों से विद्युत उत्पादन हुआ. वहीं 6 इकाइयां विभिन्न कारणों से बंद रही.

6 इकाइयां रहीं बंद

बंद इकाइयों में घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की आठ व नौ नंबर, श्री सिंगाजी पावर प्लांट खंडवा की दो, तीन और चार नंबर, बिरसिंहपुर पावर प्लांट की एक नंबर इकाई शामिल है. बंद इकाइयों की क्षमता 2550 मेगावाट है. रिकॉर्ड बिजली की मांग के समय जेनको की इकाइयों को बंद रखने का सीधा मतलब है कि निजी कंपनियों पर प्रदेश सरकार को ज्यादा भरोसा है. मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी द्वारा सतपुड़ा ताप ग्रह की दो इकाइयों को बंद रखकर यहां का कोयला सिंगाजी पावर प्लांट खंडवा डायवर्ट करने की बात भी समझ से परे है. इस विषय को लेकर ना तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आपत्ति दर्ज कर रहे हैं और ना ही जिम्मेदार अधिकारी सही स्थिति से अवगत करा रहे हैं. लेकिन इस मामले में ऊर्जा मंत्री भी साधे हैं चुप्पी

सतपुड़ा पावर प्लांट के लिए गुड न्यूज

यही हाल रहे तो इन दोनों इकाइयों का भविष्य खतरे में पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा पावर प्लांट सारणी के लिए अच्छी खबर यह है कि लंबे समय से दो नंबर प्लांट की 2 में से 1 इकाई को ही चलाया जा रहा था. लेकिन ऊर्जा मंत्री के दौरे के बाद दो नंबर प्लांट की दोनों इकाइयों को चलाया जा रहा है. इससे सतपुड़ा के विद्युत उत्पादन में सुधार आया है. शुक्रवार को घोडाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की चार इकाइयों से 820 मेगावाट से ज्यादा विद्युत उत्पादन हुआ. यहां 2 लाख 90 हजार मैट्रिक टन कोल स्टॉक है.

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