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MP का अनूठे चौराहों वाला शहर! यहां टायर से बना 1 टन का हाथी, बॉटल वाली डॉलफिन, मटकों वाला ईगल लोगों को चौका रहा है - बैतूल ब्रांड एम्बेसडर नेहा गर्ग

दुनिया में कुछ लोग ऐसे हैं जो सबसे अलग होते हैं. वह कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. कुछ ऐसा ही अनोखा काम किया है बैतूल की ब्रांड एम्बेसडर नेहा गर्ग ने. उन्होंने पुराने टायरों से एक टन का हाथी बनाया है. यह शहर के प्रमुख चौराहे पर रखी गई है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. (swachh survekshan 2022) (betul brand ambassador Neha Garg)

one ton elephant made from old tires
बैतूल में हाथी की कलाकृति
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Published : Mar 7, 2022, 2:26 PM IST

बैतूल। इंदौर की तर्ज पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 (swachh survekshan 2022) में बैतूल को रैकिंग में अव्वल स्थान दिलाने की कवायद जारी है. ताकि शहर साफ-सुथरा रहे, स्वस्थ रहे, प्रदूषण मुक्त रहे और बैतूल का सम्मान भी बढ़े. कलेक्टर और नगरपालिका प्रशासक अमनबीर सिंह बैंस के मार्गदर्शन में बैतूल नगर पालिका परिषद की पहली महिला ब्रांड एम्बसेडर नेहा गर्ग एवं उनकी टीम कबाड़ से जुगाड़ कर एक से बढ़कर एक कलाकृतियां बना रहे हैं. कबाड़ से बनाई गई चिड़िया के बाद उन्होंने पुराने टायरों से एक टन वजन के हाथी का निर्माण किया है. इसे शहर के प्रमुख शिवाजी चौराहे पर रखा गया है. जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

2 dolphins made from waste bottles and caps
वेस्ट बॉटलों और ढक्कनों से बनाई 2 डाल्फिन

शहर की स्वच्छता में बड़ा योगदान
हाथी के निर्माण में पुराने टायरों, पुरानी जालियों और अन्य सामग्री का उपयोग किया गया है. चूकि हाथी का वजन एक टन के लगभग था इसलिए निर्माण स्थल से शिवाजी चौक तक क्रेन से लाया गया. हाथी को बनाने के लिए कई खराब टायर काटकर छोटे-छोटे टुकड़े किये, फिर उन्हें लगभग 6000 स्क्रू से जोड़ा गया. शिवाजी चौक पर लगाने के बाद इस को कई रंगों से सजाया गया और इस पर वेस्ट रबर की चादर से सुंदर कारपेट बनाया. इस तरह से नेहा गर्ग ने कबाड़ का उपयोग कर शहर की स्वच्छता में बड़ा योगदान दिया है.

lion made waste materia
चौराहे की शोभा बढ़ा रहा है कबाड़ से बना लॉयन

मेरा प्यारा बैतूल को दिया मूर्तरूप
मेक इन इंडिया की तर्ज पर 'मेरा प्यारा बैतूल' स्लोगन देते हुए नेहा गर्ग ने एक लॉयन का भी निर्माण करवाया है. उन्होंने बताया कि इसमें उनकी टीम ने दो पहिया वाहनों से निकलने वाले चैन स्पाकिट के चकरे और पुरानी चैन का उपयोग किया. इसका वजन भी लगभग 100 किलो है और इसे नेहरू पार्क चौराहे पर अंबेडकर जी की मूर्ति के ठीक सामने लगाया गया है और यह भी आकर्षण का केंद्र बन गया है, लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं.

Eagle made from pots
टूटे मटकों से किया ईगल का निर्माण

बॉटलों से 2 डाल्फिन, टूटे मटकों से ईगल का निर्माण
नेहा गर्ग और उनकी टीम ने वेस्टेज बॉटलों और ढक्कनों से दो डाल्फिनों का निर्माण किया है. जिन्हें शहर के कोठी बाजार क्षेत्र के लल्ली चौक पर लगाया गया है, जिससे क्षेत्र का सौंदर्य बढ़ गया. इसके अलावा उन्होंने टूटे मटकों और अन्य सामग्रियों से नेहरू पार्क के कार्नर पर पत्थरों को मिलाकर एक ईगल का निर्माण किया है. स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आई एक टीम ने इसकी काफी सराहना की है. इस स्थान पर पूर्व में अतिक्रमण कर लिया गया था और लोग गंदगी करते थे. अब यह सेल्फी पाइंट भी बन चुका है, लोग ईगल के साथ अपनी सेल्फी लेने के लिए आते हैं.

WOMEN DAY SPECIAL: दिव्यांग होने के बावजूद भी अपने पैशन को जिया, कत्थक नृत्यांगना ने बनाई खुद की पहचान

पेड़ की विशाल जड़ का ऐसे किया उपयोग
कबाड़ से खूबसरत कलाकृतियों के निर्माण के अलावा नेहा गर्ग ने गिर चुके पेड़ की जड़ों का भी बेहतरीन उपयोग कर आकर्षक रूप दे दिया. अम्बेडकर चौक पर पुलिस ग्राउंड के सामने सैकड़ों साल पुराना एक पीपल का पेड़ वर्षो से गिरा पड़ा था. जिसकी जड़ इतनी अधिक विशाल थी कि उसे वहां से हटाया नहीं जा पा रहा था. उन्होंने नगर पालिका के सहयोग से इस जड़ पर भी काम किया. इस जड़ को पुराने वॉश बेसिन, कांच की शीशियां एवं अन्य सामग्रियों में उपयोग किया. इसी स्थान पर फाउंटेन की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा तारों के बड़े बंडलों के लिए आने वाले लकड़ी के चक्के पर नक्काशी करवाई जा रही है. जिसे नगर पालिका परिषद के बाल मंदिर सभागृह के बाहर मुख्य द्वार पर लगाया जाएगा. (one ton elephant made from old tires) (betul brand ambassador Neha Garg)

बैतूल। इंदौर की तर्ज पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 (swachh survekshan 2022) में बैतूल को रैकिंग में अव्वल स्थान दिलाने की कवायद जारी है. ताकि शहर साफ-सुथरा रहे, स्वस्थ रहे, प्रदूषण मुक्त रहे और बैतूल का सम्मान भी बढ़े. कलेक्टर और नगरपालिका प्रशासक अमनबीर सिंह बैंस के मार्गदर्शन में बैतूल नगर पालिका परिषद की पहली महिला ब्रांड एम्बसेडर नेहा गर्ग एवं उनकी टीम कबाड़ से जुगाड़ कर एक से बढ़कर एक कलाकृतियां बना रहे हैं. कबाड़ से बनाई गई चिड़िया के बाद उन्होंने पुराने टायरों से एक टन वजन के हाथी का निर्माण किया है. इसे शहर के प्रमुख शिवाजी चौराहे पर रखा गया है. जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

2 dolphins made from waste bottles and caps
वेस्ट बॉटलों और ढक्कनों से बनाई 2 डाल्फिन

शहर की स्वच्छता में बड़ा योगदान
हाथी के निर्माण में पुराने टायरों, पुरानी जालियों और अन्य सामग्री का उपयोग किया गया है. चूकि हाथी का वजन एक टन के लगभग था इसलिए निर्माण स्थल से शिवाजी चौक तक क्रेन से लाया गया. हाथी को बनाने के लिए कई खराब टायर काटकर छोटे-छोटे टुकड़े किये, फिर उन्हें लगभग 6000 स्क्रू से जोड़ा गया. शिवाजी चौक पर लगाने के बाद इस को कई रंगों से सजाया गया और इस पर वेस्ट रबर की चादर से सुंदर कारपेट बनाया. इस तरह से नेहा गर्ग ने कबाड़ का उपयोग कर शहर की स्वच्छता में बड़ा योगदान दिया है.

lion made waste materia
चौराहे की शोभा बढ़ा रहा है कबाड़ से बना लॉयन

मेरा प्यारा बैतूल को दिया मूर्तरूप
मेक इन इंडिया की तर्ज पर 'मेरा प्यारा बैतूल' स्लोगन देते हुए नेहा गर्ग ने एक लॉयन का भी निर्माण करवाया है. उन्होंने बताया कि इसमें उनकी टीम ने दो पहिया वाहनों से निकलने वाले चैन स्पाकिट के चकरे और पुरानी चैन का उपयोग किया. इसका वजन भी लगभग 100 किलो है और इसे नेहरू पार्क चौराहे पर अंबेडकर जी की मूर्ति के ठीक सामने लगाया गया है और यह भी आकर्षण का केंद्र बन गया है, लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं.

Eagle made from pots
टूटे मटकों से किया ईगल का निर्माण

बॉटलों से 2 डाल्फिन, टूटे मटकों से ईगल का निर्माण
नेहा गर्ग और उनकी टीम ने वेस्टेज बॉटलों और ढक्कनों से दो डाल्फिनों का निर्माण किया है. जिन्हें शहर के कोठी बाजार क्षेत्र के लल्ली चौक पर लगाया गया है, जिससे क्षेत्र का सौंदर्य बढ़ गया. इसके अलावा उन्होंने टूटे मटकों और अन्य सामग्रियों से नेहरू पार्क के कार्नर पर पत्थरों को मिलाकर एक ईगल का निर्माण किया है. स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आई एक टीम ने इसकी काफी सराहना की है. इस स्थान पर पूर्व में अतिक्रमण कर लिया गया था और लोग गंदगी करते थे. अब यह सेल्फी पाइंट भी बन चुका है, लोग ईगल के साथ अपनी सेल्फी लेने के लिए आते हैं.

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पेड़ की विशाल जड़ का ऐसे किया उपयोग
कबाड़ से खूबसरत कलाकृतियों के निर्माण के अलावा नेहा गर्ग ने गिर चुके पेड़ की जड़ों का भी बेहतरीन उपयोग कर आकर्षक रूप दे दिया. अम्बेडकर चौक पर पुलिस ग्राउंड के सामने सैकड़ों साल पुराना एक पीपल का पेड़ वर्षो से गिरा पड़ा था. जिसकी जड़ इतनी अधिक विशाल थी कि उसे वहां से हटाया नहीं जा पा रहा था. उन्होंने नगर पालिका के सहयोग से इस जड़ पर भी काम किया. इस जड़ को पुराने वॉश बेसिन, कांच की शीशियां एवं अन्य सामग्रियों में उपयोग किया. इसी स्थान पर फाउंटेन की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा तारों के बड़े बंडलों के लिए आने वाले लकड़ी के चक्के पर नक्काशी करवाई जा रही है. जिसे नगर पालिका परिषद के बाल मंदिर सभागृह के बाहर मुख्य द्वार पर लगाया जाएगा. (one ton elephant made from old tires) (betul brand ambassador Neha Garg)

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