बैतूल। दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड को 7 साल से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन पीड़िता के परिवार को न्याय अभी कर नहीं मिला है. पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी के चलते भोपाल में रहने वाले 25 साल के युवा समाजसेवी संदीप कुलस्ते पैदल यात्रा कर रहे हैं. ये युवा अकेले ही 12 दिसंबर से भोपाल के अवधपुरी, शिव मंदिर से मठारदेव बाबा सारणी तक 200 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचने वाला है. समाजसेवी का एक ही मकसद है दुष्कर्मियों को फांसी की सजा मिले.
भोपाल में रहने वाले युवा समाज सेवी संदीप कुलस्ते ने 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा 12 दिसंबर को शुरू की थी. इस यात्रा का मकसद बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा तीन महीने में हो. संदीप शुक्रवार को बैतूल जिले की शाहपुर तहसील पहुंच चुके थे. यहां से वे घोड़ाडोंगरी तहसील के लिए निकले. संदीप की मांग है कि प्रदेश और केंद्र सरकार दुष्कर्म के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अलग कानून बनाया जाए और उन्हें फांसी की सजा तत्काल दी जाए.
इन जगहों से की पैदल यात्रा
संदीप एक दिन में 20-25 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए भोपाल के हबीबगंज, मंडीदीप, अब्दुल्लागंज, होशंगाबाद, इटारसी होते हुए शाहपुर तहसील से शुक्रवार शाम तक घोड़ाडोंगरी पहुंच रहे है. जहां वे रात के बाद सारनी के संत बाबा मठारदेव पहुंचकर अपनी यात्रा खत्म करेंगे.
संदीप ने ठानी जिद
इस समाजसेवी युवा ने ठान ली है कि अगर सरकार बेटियों को न्याय दिलवाने कड़ा कानून नहीं बनाती है तो वो इसके बाद भोपाल जिले की पैदल यात्रा करेंगे और उसके बाद दिल्ली की पैदल यात्रा पर रवाना होंगे.