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ये समाजसेवी मांग रहा दुष्कर्मियों के लिए फांसी की सजा

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Published : Dec 20, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 10:55 PM IST

दुष्कर्मियों को फांसी की सजा मिले, इसके लिए भोपाल के समाजसेवी सदीप कुलस्ते ने कानून बनाने की मांग की है.

Philanthropist Sandeep Kulaste
समाजसेवी संदीप कुलस्ते की मांग

बैतूल। दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड को 7 साल से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन पीड़िता के परिवार को न्याय अभी कर नहीं मिला है. पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी के चलते भोपाल में रहने वाले 25 साल के युवा समाजसेवी संदीप कुलस्ते पैदल यात्रा कर रहे हैं. ये युवा अकेले ही 12 दिसंबर से भोपाल के अवधपुरी, शिव मंदिर से मठारदेव बाबा सारणी तक 200 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचने वाला है. समाजसेवी का एक ही मकसद है दुष्कर्मियों को फांसी की सजा मिले.

समाजसेवी संदीप कुलस्ते की मांग

भोपाल में रहने वाले युवा समाज सेवी संदीप कुलस्ते ने 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा 12 दिसंबर को शुरू की थी. इस यात्रा का मकसद बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा तीन महीने में हो. संदीप शुक्रवार को बैतूल जिले की शाहपुर तहसील पहुंच चुके थे. यहां से वे घोड़ाडोंगरी तहसील के लिए निकले. संदीप की मांग है कि प्रदेश और केंद्र सरकार दुष्कर्म के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अलग कानून बनाया जाए और उन्हें फांसी की सजा तत्काल दी जाए.

इन जगहों से की पैदल यात्रा
संदीप एक दिन में 20-25 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए भोपाल के हबीबगंज, मंडीदीप, अब्दुल्लागंज, होशंगाबाद, इटारसी होते हुए शाहपुर तहसील से शुक्रवार शाम तक घोड़ाडोंगरी पहुंच रहे है. जहां वे रात के बाद सारनी के संत बाबा मठारदेव पहुंचकर अपनी यात्रा खत्म करेंगे.

संदीप ने ठानी जिद
इस समाजसेवी युवा ने ठान ली है कि अगर सरकार बेटियों को न्याय दिलवाने कड़ा कानून नहीं बनाती है तो वो इसके बाद भोपाल जिले की पैदल यात्रा करेंगे और उसके बाद दिल्ली की पैदल यात्रा पर रवाना होंगे.

बैतूल। दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड को 7 साल से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन पीड़िता के परिवार को न्याय अभी कर नहीं मिला है. पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी के चलते भोपाल में रहने वाले 25 साल के युवा समाजसेवी संदीप कुलस्ते पैदल यात्रा कर रहे हैं. ये युवा अकेले ही 12 दिसंबर से भोपाल के अवधपुरी, शिव मंदिर से मठारदेव बाबा सारणी तक 200 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचने वाला है. समाजसेवी का एक ही मकसद है दुष्कर्मियों को फांसी की सजा मिले.

समाजसेवी संदीप कुलस्ते की मांग

भोपाल में रहने वाले युवा समाज सेवी संदीप कुलस्ते ने 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा 12 दिसंबर को शुरू की थी. इस यात्रा का मकसद बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा तीन महीने में हो. संदीप शुक्रवार को बैतूल जिले की शाहपुर तहसील पहुंच चुके थे. यहां से वे घोड़ाडोंगरी तहसील के लिए निकले. संदीप की मांग है कि प्रदेश और केंद्र सरकार दुष्कर्म के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अलग कानून बनाया जाए और उन्हें फांसी की सजा तत्काल दी जाए.

इन जगहों से की पैदल यात्रा
संदीप एक दिन में 20-25 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए भोपाल के हबीबगंज, मंडीदीप, अब्दुल्लागंज, होशंगाबाद, इटारसी होते हुए शाहपुर तहसील से शुक्रवार शाम तक घोड़ाडोंगरी पहुंच रहे है. जहां वे रात के बाद सारनी के संत बाबा मठारदेव पहुंचकर अपनी यात्रा खत्म करेंगे.

संदीप ने ठानी जिद
इस समाजसेवी युवा ने ठान ली है कि अगर सरकार बेटियों को न्याय दिलवाने कड़ा कानून नहीं बनाती है तो वो इसके बाद भोपाल जिले की पैदल यात्रा करेंगे और उसके बाद दिल्ली की पैदल यात्रा पर रवाना होंगे.

Intro:बैतूल ।। दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड को आज सात साल से ज्यादा बीत चुके है लेकिन पीड़िता के परिवार को न्याय तो नही मिला लेकिन तारीख पे तारीख जरूर मिल रही है। पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी के चलते भोपाल का एक 25 वर्षीय युवा समाज सेवी पैदल यात्रा कर रहा है। यह युवा समाज सेवी अकेले ही 12 दिसंबर को अवधपुरी भोपाल के शिव मंदिर से मठारदेव बाबा सारणी कल 200 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुचने वाला है। इसका एक ही मकसद है दुष्कर्मियों को फाँसी की सजा मिले।


Body:भोपाल के युवा समाज सेवी संदीप कुलस्ते 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा 12 दिसंबर को शुरू की थी इस यात्रा का मकसद है बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालो को फाँसी की सजा तीन महीने में हो। संदीप शुक्रवार को बैतूल जिले की शाहपुर तहसील पहुच चुके थे यहां से वे घोड़ाडोंगरी तहसील के लिए निकले है। संदीप की मांग है कि प्रदेश और केंद्र सरकारें दुष्कर्म के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अलग कानून की मांग कर रहे है और फाँसी की सजा तत्काल।

मूलतः भोपाल निवासी संदीप कुलस्ते ने भोपाल के मोतीलाल सरकारी कालेज से बीएससी की शिक्षा प्राप्त की है। वे बच्चियों और महिलाओ के साथ हो रहे दुष्कर्म और अत्याचारों से आहत है। संदीप का कहना है कि आरोपियों को जल्द सजा देने के लिए एक ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें तीन महीनों के अंदर सजा हो और बेटियों को इंसाफ मिल सके खास तौर पर फांसी। उनके कुछ दोस्तों को पैदल यात्रा की खबर लगी तो वे भी आगे की यात्रा में उनके साथ हो लिए।

संदीप दिन में 20 से 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए हबीबगंज, मंडीदीप, अब्दुल्लागंज, होशंगाबाद, इटारसी होते हुए जिले की शाहपुर तहसील से शुक्रवार शाम तक घोड़ाडोंगरी पहुच रहे है जहाँ वे रात्रि विश्राम के बाद कल सारनी के संत बाबा मठारदेव पहुच कर अपनी यात्रा खत्म करेंगे।



Conclusion:इस समाज सेवी युवा ने ठान ली है कि यदि सरकारें बेटियों को न्याय दिलवाने कड़ा कानून नही बनाती है तो वे इसके बाद भोपाल जिले की पैदल यात्रा करेंगे और उसके बाद दिल्ली की पैदल यात्रा पर रवाना होंगे।

बाइट -- दीपक रजने ( दोस्त )
बाइट -- संदीप कुलस्ते ( समाज सेवी, भोपाल )
Last Updated : Dec 20, 2019, 10:55 PM IST
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