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साइकिल से 600 किलोमीटर सफर तय करके ये मजदूर पहुंचे अपने घर, डॉक्टरों ने होम क्वॉरेंटाइन के दिए निर्देश

लॉकडाउन में फंसे मजूदरों को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर घर पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर तेलंगाना में फंसे बैतूल के ऐसे ही 11 मजदूरों ने 600 किलोमीटर साइकिल का सफर तय कर अपने घर पहुंचे हैं.

Doctors gave instructions for home quarantine
डॉक्टरों ने होम क्वारेंटाइन के दिए निर्देश
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Published : May 5, 2020, 10:00 AM IST

बैतूल। लॉकडाउन में फंसे मजूदरों के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उन्हें घर पहुंचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन इसके बावजूद मजदूरों को मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में मजदूर कहीं पैदल तो कहीं साइकिल से यात्रा करने के लिए मजबूर हैं.

डॉक्टरों ने होम क्वारेंटाइन के दिए निर्देश
तेलंगाना में फंसे बैतूल के ऐसे ही 11 मजदूरों ने 600 किलोमीटर साइकिल का सफर तय कर अपने घर पहुंचे हैं. स्टेट हाइवे से गुजर रहे ये बैतूल के रानीपुर इलाके के ग्रामीण युवा हैं, जो तीन दिन पहले तेलंगाना से निकले थे और आज वे अपनी साइकिल के जरिये यहां पहुंचे. रेलवे ठेकेदार के पास काम करने वाले ये मजदूर वहां लाकडाउन के समय से फंसे थे.

बता दें कि इन दिनों इनके पास खर्चे के लिए रूपये तक नहीं बचे थे. आर्थिक तंगी से बेहाल होकर ये मजदूर साइकिल से ही अपने गांव के लिए निकल पड़े. इस सफर के दौरान रास्ते में जो मिल जाता वही खाकर सफर कर रहे थे और रात होने पर सड़क किनारे सोकर रात गुजारने वाले ये मजदूर अपने घर पहुंचकर खुश हैं. वहीं डॉक्टरों ने इनकी स्क्रीनिंग करके पूरी तरह से स्वस्थ बताया है, और होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश दिए हैं.

बैतूल। लॉकडाउन में फंसे मजूदरों के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उन्हें घर पहुंचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन इसके बावजूद मजदूरों को मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में मजदूर कहीं पैदल तो कहीं साइकिल से यात्रा करने के लिए मजबूर हैं.

डॉक्टरों ने होम क्वारेंटाइन के दिए निर्देश
तेलंगाना में फंसे बैतूल के ऐसे ही 11 मजदूरों ने 600 किलोमीटर साइकिल का सफर तय कर अपने घर पहुंचे हैं. स्टेट हाइवे से गुजर रहे ये बैतूल के रानीपुर इलाके के ग्रामीण युवा हैं, जो तीन दिन पहले तेलंगाना से निकले थे और आज वे अपनी साइकिल के जरिये यहां पहुंचे. रेलवे ठेकेदार के पास काम करने वाले ये मजदूर वहां लाकडाउन के समय से फंसे थे.

बता दें कि इन दिनों इनके पास खर्चे के लिए रूपये तक नहीं बचे थे. आर्थिक तंगी से बेहाल होकर ये मजदूर साइकिल से ही अपने गांव के लिए निकल पड़े. इस सफर के दौरान रास्ते में जो मिल जाता वही खाकर सफर कर रहे थे और रात होने पर सड़क किनारे सोकर रात गुजारने वाले ये मजदूर अपने घर पहुंचकर खुश हैं. वहीं डॉक्टरों ने इनकी स्क्रीनिंग करके पूरी तरह से स्वस्थ बताया है, और होम क्वॉरेंटाइन में रहने के निर्देश दिए हैं.

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