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बैतूल: युवाओं ने बदल डाली सूरत, अब जगमगा रहा है पूरा गांव - गांव का विकास

खेड़ली किला गांव के 50 युवाओं के एक ग्रुप ने गांव की तस्वीर बदलने की कवायद शुरू की. जिसके बाद पूरा गांव जगमगा उठा है.

युवाओं के प्रयास से जगमगाया गांव
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Published : Oct 30, 2019, 3:34 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 5:32 PM IST

बैतूल। विकास के लिए यदि ग्रामीण दृढ़ संकल्पित हो जाएं, तो गांव की तस्वीर बदलने में देर नहीं लगती. यही वजह है कि जिला मुख्यालय के करीब बसे खेड़ली किला गांव के लोगों ने अपना मुकद्दर खुद से लिखना शुरू कर दिया और गांव के 50 युवाओं के हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप की मदद से पूरा गांव रोशनी से जगमगा उठा.

युवाओं ने बदल डाली गांव की सूरत

खेड़ली किला गांव में स्ट्रीट लाइट नहीं होने के चलते आये दिन चोरी की वारदात होती रहती थी, जिसके चलते गांव के 50 युवाओं के एक ग्रुप ने निगरानी करना शुरू किया. इसके लिए युवाओं ने खुद अपनी जेब से बिजली के पोल पर लाइट लगाने की सोची, लेकिन बात गांव की सरपंच लीलावती राजू उइके को पता चलने के बाद उन्होंने युवाओं से कहा कि पंचायत स्तर पर एलईडी लाइट लगवा दी जाएगी. जिसके चलते दिवाली के मौके पर 200 घरों और 2000 की आबादी वाले गांव में 28 स्ट्रीट लाइटें लगवाई गईं.

गांव के 50 युवाओं ने एक हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप बनाया है. ये ग्रुप 2018 में गांव के कुछ युवाओं ने बनाया था. जो गांव के विकास कार्यों में अपनी जनभागीदारी निभा रहे हैं. इतना ही नहीं युवाओं ने एक हजार पौधे भी रोपे हैं. साथ ही गांव के विकास कार्यों के लिए सभी 200 रुपये प्रति माह अंशदान भी जमा कर रहे हैं. जिससे इस राशि का उपयोग गांव के विकास कार्यों में किया जा सके. वहीं सरपंच पति का कहना है कि, जल्द ही गांव को नल-जल योजना का लाभ भी मिलेगा. साथ ही डिजिटल तकनीक के जरिये ये ग्रुप ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है.

बैतूल। विकास के लिए यदि ग्रामीण दृढ़ संकल्पित हो जाएं, तो गांव की तस्वीर बदलने में देर नहीं लगती. यही वजह है कि जिला मुख्यालय के करीब बसे खेड़ली किला गांव के लोगों ने अपना मुकद्दर खुद से लिखना शुरू कर दिया और गांव के 50 युवाओं के हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप की मदद से पूरा गांव रोशनी से जगमगा उठा.

युवाओं ने बदल डाली गांव की सूरत

खेड़ली किला गांव में स्ट्रीट लाइट नहीं होने के चलते आये दिन चोरी की वारदात होती रहती थी, जिसके चलते गांव के 50 युवाओं के एक ग्रुप ने निगरानी करना शुरू किया. इसके लिए युवाओं ने खुद अपनी जेब से बिजली के पोल पर लाइट लगाने की सोची, लेकिन बात गांव की सरपंच लीलावती राजू उइके को पता चलने के बाद उन्होंने युवाओं से कहा कि पंचायत स्तर पर एलईडी लाइट लगवा दी जाएगी. जिसके चलते दिवाली के मौके पर 200 घरों और 2000 की आबादी वाले गांव में 28 स्ट्रीट लाइटें लगवाई गईं.

गांव के 50 युवाओं ने एक हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप बनाया है. ये ग्रुप 2018 में गांव के कुछ युवाओं ने बनाया था. जो गांव के विकास कार्यों में अपनी जनभागीदारी निभा रहे हैं. इतना ही नहीं युवाओं ने एक हजार पौधे भी रोपे हैं. साथ ही गांव के विकास कार्यों के लिए सभी 200 रुपये प्रति माह अंशदान भी जमा कर रहे हैं. जिससे इस राशि का उपयोग गांव के विकास कार्यों में किया जा सके. वहीं सरपंच पति का कहना है कि, जल्द ही गांव को नल-जल योजना का लाभ भी मिलेगा. साथ ही डिजिटल तकनीक के जरिये ये ग्रुप ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है.

Intro:बैतूल ।। अपने गांव का विकास करने के लिए यदि गांव के लोग ही दृढ़ संकल्पित हो जाए तो गांव की तस्वीर बदलने को देर नही लगती । ऐसा ही उदाहरण जिला मुख्यालय के समीप बसे खेड़ली किला गांव के 50 युवाओं के हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप ने पेश किया है, जहा युवाओ की अथक मेहनत से पूरा गांव रोशनी से जगमगा उठा । ग्राम पंचायत का भी इस विकास में उल्लेखनीय योगदान देखने को मिला । हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप की शुरुआत 2018 में थी साफ सफाई से


Body:दरअसल ग्राम खेड़ली किला में आये दिन चोरी की घटनाओं को देखते हुए गांव के 50 युवाओं के एक ग्रुप ने निगरानी करना शुरू किया जिससे चोरी की घटनाओं में कमी आई । गांव में स्ट्रीट लाइट नही होने के कारण ही चोरी की घटनाएं बढ़ रही थी । युवाओ ने खुद अपनी जेब से बिजली के खम्बो पर लाइट लगाने की सोची लेकिन गांव की सरपंच लीलावती राजू उइके को जब पता चला कि युवा लाइट लगवाने जा रहे है तो उन्होंने युवाओ से कहा पंचायत स्तर पर इस्टीमेट बनवाकर एलईडी लाइट लगवा देंगी । फिर क्या था दीपावली के दिन गांव जगमगा उठा । बता दे कि 200 घरो और 2000 कि आबादी वाले इस गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाने में 3 लाख 12 हजार का खर्च आया है जिससे 28 लाइट लगवाई गई है । उल्लेखनीय है कि इस गांव के 50 युवाओं ने एक ग्रुप बनाया है जिसका नाम हैल्पिंग हैंड्स है । यह ग्रुप 2018 में गांव के कुछ युवाओ ने बनाया था जो गांव के विकास कार्यो में अपनी जनभागीदारी निभा रहा है । युवाओ ने एक हजार पौधों का रोपण भी किया है और उनकी देखभाल भी की जा रही है । यही नही गांव के विकास कार्यो के लिए सभी 200 रुपये प्रति माह मासिक अंशदान भी जमा कर रहे है । इस राशि से ग्रुप गांव के विकास कार्य करता है किसी गरीब के यहां शादी हो तो ये युवा आर्थिक मदद भी करते है । सरपंच पति ने बताया कि जल्द ही गांव को नल-जल योजना का लाभ भी मिलेगा । डिजिटल तकनीक के जरिये यह ग्रुप ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है ।


Conclusion:बाइट -- योगेश कुमार ( सदस्य, हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप ) बाइट -- मुकेश सिंग ठाकुर ( सदस्य, हैल्पिंग हैंड्स ग्रुप ) बाइट -- राजकुमार उइके ( सरपंच पति )
Last Updated : Oct 30, 2019, 5:32 PM IST
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