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सतपुड़ा जलाशय के लिए खतरा बनी खरपतवार: खतरे में जनजीवन

लोकसभा में सतपुड़ा जलाशय सारनी का मुद्दा गूंजा. सांसद उइके ने कहा सतपुड़ा जलाशय एक बड़ी जल संरचना है. इसे खरपतवार मुक्त किया जाए. उइके ने खरपतवार के मुद्दे पर केंद्रीय जल मंत्रालय और मंत्री का ध्यानाकर्षण करवाया.

satpuda reservoir echoed in lok sabha
सतपुड़ा जलाशय के लिए खतरा बनी खरपतवार
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Published : Mar 30, 2021, 2:46 PM IST

बैतूल/दिल्ली। घोड़ाडोंगरी तहसील के दो बड़े औद्योगिक संस्थान और नगरीय क्षेत्र की जीवनदायिनी सतपुड़ा जलाशय के अस्तित्व का मुद्दा लोकसभा में गूंजा. इससे सारनी नगरीय क्षेत्र के बाशिंदों के साथ पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई. चार सालों से सतपुड़ा जलाशय के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

सतपुड़ा जलाशय सारनी का मुद्दा गूंजा

सतपुड़ा जलाशय के लिए खतरा बनी खरपतवार

बुधवार को बैतूल-हरदा-हरसूद जनजाति लोकसभा क्षेत्र के सांसद दुर्गादास उइके ने सतपुड़ा जलाशय के लिए खतरा बनी जलीय खरपतवार का मुद्दा लोकसभा में रखा. केंद्रीय जल मंत्रालय से बैतूल जिले की सबसे बड़ी जल संरचना घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा जलाशय सारनी को खरपतवार मुक्त करने की मांग की.

खरपतवार से खतरे में जनजीवन

सांसद उइके ने लोकसभा में कहा, कि सतपुड़ा जलाशय तवा नदी पर लगभग 3000 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. यह जलाशय आसपास के लगभग 100 गांवों का भू-जल स्तर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बीते कुछ सालों में सतपुड़ा जलाशय खरपतवार से ढक गया है. इससे 650 से ज्यादा मछुआरे परिवारों की आजीविका प्रभावित हो रही है. इससे क्षेत्र का जनजीवन खतरे में पड़ गया है. सांसद ने कहा सतपुड़ा जलाशय के अस्तित्व को बचाने के लिए खरपतवार मुक्त करना होगा.

MPPGCL ने जताई असमर्थता

बैतूल सांसद डीडी उइके ने लोकसभा में कहा कि जलाशय का आधिपत्य मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के पास है. बजट के अभाव में मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी ने जलाशय को खरपतवार मुक्त करने में असमर्थता जाहिर की जा रही है. समय रहते जलाशय को खरपतवार मुक्त नहीं किया गया तो घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा जलाशय सारनी से ये खरपतवार बारिश के पानी के साथ बहकर अन्य सभी छोटी-बड़ी नदियों तक पहुंच जाएगी, जो भविष्य के लिए चिंता का विषय है.

खरपतवार की चपेट में सतपुड़ा जलाशय, भविष्य में जनता को हो सकती है मुसीबत

सांसद को नहीं पता सारनी में कितनी बिजली बनती है

इसी बीच सांसद ने सतपुड़ा जलाशय के क्षेत्रफल और सतपुड़ा ताप विद्युत गृह से बिजली उत्पादन की जानकारी भी लोकसभा को बताई. जिसमें सांसद ने सतपुड़ा ताप विद्युत ग्रह से 13 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होना बताया. जबकि सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 1330 मेगावाट है. इसमें से भी 410 मेगावाट क्षमता की दो इकाई एक साल से अधिक समय से बंद है. फिलहाल सतपुड़ा ताप विद्युत गृह से महज 500 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है।

बैतूल/दिल्ली। घोड़ाडोंगरी तहसील के दो बड़े औद्योगिक संस्थान और नगरीय क्षेत्र की जीवनदायिनी सतपुड़ा जलाशय के अस्तित्व का मुद्दा लोकसभा में गूंजा. इससे सारनी नगरीय क्षेत्र के बाशिंदों के साथ पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई. चार सालों से सतपुड़ा जलाशय के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

सतपुड़ा जलाशय सारनी का मुद्दा गूंजा

सतपुड़ा जलाशय के लिए खतरा बनी खरपतवार

बुधवार को बैतूल-हरदा-हरसूद जनजाति लोकसभा क्षेत्र के सांसद दुर्गादास उइके ने सतपुड़ा जलाशय के लिए खतरा बनी जलीय खरपतवार का मुद्दा लोकसभा में रखा. केंद्रीय जल मंत्रालय से बैतूल जिले की सबसे बड़ी जल संरचना घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा जलाशय सारनी को खरपतवार मुक्त करने की मांग की.

खरपतवार से खतरे में जनजीवन

सांसद उइके ने लोकसभा में कहा, कि सतपुड़ा जलाशय तवा नदी पर लगभग 3000 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. यह जलाशय आसपास के लगभग 100 गांवों का भू-जल स्तर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बीते कुछ सालों में सतपुड़ा जलाशय खरपतवार से ढक गया है. इससे 650 से ज्यादा मछुआरे परिवारों की आजीविका प्रभावित हो रही है. इससे क्षेत्र का जनजीवन खतरे में पड़ गया है. सांसद ने कहा सतपुड़ा जलाशय के अस्तित्व को बचाने के लिए खरपतवार मुक्त करना होगा.

MPPGCL ने जताई असमर्थता

बैतूल सांसद डीडी उइके ने लोकसभा में कहा कि जलाशय का आधिपत्य मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के पास है. बजट के अभाव में मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी ने जलाशय को खरपतवार मुक्त करने में असमर्थता जाहिर की जा रही है. समय रहते जलाशय को खरपतवार मुक्त नहीं किया गया तो घोड़ाडोंगरी तहसील के सतपुड़ा जलाशय सारनी से ये खरपतवार बारिश के पानी के साथ बहकर अन्य सभी छोटी-बड़ी नदियों तक पहुंच जाएगी, जो भविष्य के लिए चिंता का विषय है.

खरपतवार की चपेट में सतपुड़ा जलाशय, भविष्य में जनता को हो सकती है मुसीबत

सांसद को नहीं पता सारनी में कितनी बिजली बनती है

इसी बीच सांसद ने सतपुड़ा जलाशय के क्षेत्रफल और सतपुड़ा ताप विद्युत गृह से बिजली उत्पादन की जानकारी भी लोकसभा को बताई. जिसमें सांसद ने सतपुड़ा ताप विद्युत ग्रह से 13 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होना बताया. जबकि सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 1330 मेगावाट है. इसमें से भी 410 मेगावाट क्षमता की दो इकाई एक साल से अधिक समय से बंद है. फिलहाल सतपुड़ा ताप विद्युत गृह से महज 500 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है।

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