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शिव मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता - Bhainsdehi Ancient Shiva Temple

जिले में ऐतहासिक धरोहर भैंसदेही का प्राचीन शिव मंदिर है, जहां आज के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.

Ancient Shiva Temple
भैंसदेही का प्राचीन शिव मंदिर
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Published : Mar 11, 2021, 4:52 PM IST

बैतूल। आज देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. जिले में भी ऐतहासिक धरोहर भैंसदेही का प्राचीन शिव मंदिर है, जहां आज के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.

मंदिर की विशेषता

13वीं शताब्दी में निर्मित पूर्णा नगरी भैंसदेही का प्राचीन शिव मंदिर गौरवशाली ऐतिहासिक धरोवर के रूप में प्रसिद्ध है. शिव मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से किया गया है. मंदिर के सामने जलकुण्ड भी निर्मित है, मंदिर में प्रवेश करने पर उत्तर की ओर 5 फिट की गणेश प्रतिमा है, जो बिना किसी सहारे के एक पैर पर ही विराजमान है.

महाशिवरात्रि पर पंचामृत-फलों से हुआ बाबा महाकाल का अभिषेक, भक्तों का तांता

मंदिर के गर्भ ग्रह में शिवलिंग है, 1983 में इस प्राचीन शिव मंदिर को पुरातत्व विभाग ने अधिग्रहण किया था. यहां की कलाकृतियां अजंता एलोरा और खुजराहों से मिलती हैं. इन कलाकृति को देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं.

बैतूल। आज देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. जिले में भी ऐतहासिक धरोहर भैंसदेही का प्राचीन शिव मंदिर है, जहां आज के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.

मंदिर की विशेषता

13वीं शताब्दी में निर्मित पूर्णा नगरी भैंसदेही का प्राचीन शिव मंदिर गौरवशाली ऐतिहासिक धरोवर के रूप में प्रसिद्ध है. शिव मंदिर का निर्माण काले पत्थरों से किया गया है. मंदिर के सामने जलकुण्ड भी निर्मित है, मंदिर में प्रवेश करने पर उत्तर की ओर 5 फिट की गणेश प्रतिमा है, जो बिना किसी सहारे के एक पैर पर ही विराजमान है.

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मंदिर के गर्भ ग्रह में शिवलिंग है, 1983 में इस प्राचीन शिव मंदिर को पुरातत्व विभाग ने अधिग्रहण किया था. यहां की कलाकृतियां अजंता एलोरा और खुजराहों से मिलती हैं. इन कलाकृति को देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं.

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