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बैतूल में सतीश पारख निस्वार्थ कर रहे समाजसेवा, पेश की मिसाल

बैतूल के रहने वाले सतीश पारख जिलेवासियों के लिए समाजसेवा की मिसाल बन गए हैं. उनका समाज के प्रति समर्पण कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान भी नहीं थमा. पढ़ें पूरी खबर.

social worker Satish Parikh
समाजसेवी सतीश पारख
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Published : Oct 8, 2020, 3:36 PM IST

बैतूल। नेक नियत के साथ की गई हर अच्छी शुरुआत का अंजाम भी अच्छा ही होता है. हमेशा ही दीनदुखियों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले समाजसेवी सतीश पारख जिलेवासियों के लिए आज समाजसेवा की मिसाल बन गए हैं. समाजसेवी सतीश सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय भाव से लगातार लोगों की सेवा किए जा रहे हैं. उनका ये कारवां कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान भी नहीं थमा. इस महामारी के दौर में भी वे साहस जुटाकर जरूरतमंदों की हर संभव मदद कर रहे हैं.

'मिलती है आत्मसंतुष्टी'

62 वर्षीय व्यापारी सतीश पारख अब तक 139 बार रक्तदान कर चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान तपती धूप में अपनी स्कूटी से शहर में घूम-घूम कर लोगों की मदद करने वाले सतीश ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपनी आमदनी में से एक बड़ा हिस्सा समाजसेवा पर खर्च करते हैं. वो कहते हैं कि, सेवा ही असल में मानव जीवन का सौंदर्य और शृंगार है. सेवा न सिर्फ मानव जीवन की शोभा है, बल्कि यह भगवान की सच्ची पूजा भी है. भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है. समाजसेवी पारख का कहना है कि, समाज सेवा से ही उन्हें संतोष और असीम शांति कि प्राप्त होती है. परोपकार एक ऐसी भावना है, जिससे दूसरों का तो भला होता है, खुद को भी आत्मसंतुष्टि भी मिलती है.

निभा रहे अपना दायित्व

समाजसेवी पारख ने बताया कि, समाज सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है. वो ऐसे परिवारों की आर्थिक मदद करके किसी पर कोई उपकार नहीं कर रहे, बल्कि समाज के प्रति अपना दायित्व निभा रहे हैं. उन्होंने जिले के कई सक्षम परिवारों से अपील करते हुए कहा कि, अपनी आय का कुछ हिस्सा समाज सेवा में खर्च करें, ताकि हर तबका खुश रह सके.

'सौ हाथों से कमाएं हजार से दान दें'

उन्होंने कहा कि, शख्स सौ हाथों से कमाए, हजार हाथों से दान दे. गरीबों की सेवा में लगाया धन कभी व्यर्थ नहीं जाता. उन्होंने बताया कि, बचपन से ही उन्हें एक ही शौक है, जरूरतमंद की सेवा करना. पहले पॉकेट मनी से करते थे और अब खुद की आमदनी से एक बड़ा हिस्सा समाजसेवा में खर्च करते हैं. इससे मुझे बहुत ही खुशी मिलती है और हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहता हूं.

PPE किट तक कर चुके हैं दान

सतीश पारख वो शख्स हैं, जिन्होंने जिला अस्पतालय के भोजनालय में 21 दिन का राशन, मरीजों के लिए 100 कंबल और डॉक्टरों को 25 PPE किट दान दी है.

ये भी पढ़ें- किसकी सरकार ? उपचुनाव से जुड़ी रोचक खबरों को देखने के लिए ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम देखिए 'भैय्या जी का अड्डा'

सफाईकर्मियों का किया सम्मान

कोरोना संक्रमण से जनता को बचाने जब लॉकडाउन में दिन-रात पुलिसकर्मी तैनात रहते थे, तब समाजसेवी पारख फल, बिस्कुट, चॉकलेट और खाना पुलिसकर्मियों को देते थे. इसके अलावा मीडियाकर्मियों को भी उन्होंने बिस्कुट, चॉकलेट, गमछे और मास्क भेंट किए हैं. साथ ही सफाईकर्मियों के लिए भी फल, बिस्कुट और चॉकलेट वितरित किया और उनका सम्मान किया.

बैतूल। नेक नियत के साथ की गई हर अच्छी शुरुआत का अंजाम भी अच्छा ही होता है. हमेशा ही दीनदुखियों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले समाजसेवी सतीश पारख जिलेवासियों के लिए आज समाजसेवा की मिसाल बन गए हैं. समाजसेवी सतीश सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय भाव से लगातार लोगों की सेवा किए जा रहे हैं. उनका ये कारवां कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान भी नहीं थमा. इस महामारी के दौर में भी वे साहस जुटाकर जरूरतमंदों की हर संभव मदद कर रहे हैं.

'मिलती है आत्मसंतुष्टी'

62 वर्षीय व्यापारी सतीश पारख अब तक 139 बार रक्तदान कर चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान तपती धूप में अपनी स्कूटी से शहर में घूम-घूम कर लोगों की मदद करने वाले सतीश ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपनी आमदनी में से एक बड़ा हिस्सा समाजसेवा पर खर्च करते हैं. वो कहते हैं कि, सेवा ही असल में मानव जीवन का सौंदर्य और शृंगार है. सेवा न सिर्फ मानव जीवन की शोभा है, बल्कि यह भगवान की सच्ची पूजा भी है. भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है. समाजसेवी पारख का कहना है कि, समाज सेवा से ही उन्हें संतोष और असीम शांति कि प्राप्त होती है. परोपकार एक ऐसी भावना है, जिससे दूसरों का तो भला होता है, खुद को भी आत्मसंतुष्टि भी मिलती है.

निभा रहे अपना दायित्व

समाजसेवी पारख ने बताया कि, समाज सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है. वो ऐसे परिवारों की आर्थिक मदद करके किसी पर कोई उपकार नहीं कर रहे, बल्कि समाज के प्रति अपना दायित्व निभा रहे हैं. उन्होंने जिले के कई सक्षम परिवारों से अपील करते हुए कहा कि, अपनी आय का कुछ हिस्सा समाज सेवा में खर्च करें, ताकि हर तबका खुश रह सके.

'सौ हाथों से कमाएं हजार से दान दें'

उन्होंने कहा कि, शख्स सौ हाथों से कमाए, हजार हाथों से दान दे. गरीबों की सेवा में लगाया धन कभी व्यर्थ नहीं जाता. उन्होंने बताया कि, बचपन से ही उन्हें एक ही शौक है, जरूरतमंद की सेवा करना. पहले पॉकेट मनी से करते थे और अब खुद की आमदनी से एक बड़ा हिस्सा समाजसेवा में खर्च करते हैं. इससे मुझे बहुत ही खुशी मिलती है और हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहता हूं.

PPE किट तक कर चुके हैं दान

सतीश पारख वो शख्स हैं, जिन्होंने जिला अस्पतालय के भोजनालय में 21 दिन का राशन, मरीजों के लिए 100 कंबल और डॉक्टरों को 25 PPE किट दान दी है.

ये भी पढ़ें- किसकी सरकार ? उपचुनाव से जुड़ी रोचक खबरों को देखने के लिए ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम देखिए 'भैय्या जी का अड्डा'

सफाईकर्मियों का किया सम्मान

कोरोना संक्रमण से जनता को बचाने जब लॉकडाउन में दिन-रात पुलिसकर्मी तैनात रहते थे, तब समाजसेवी पारख फल, बिस्कुट, चॉकलेट और खाना पुलिसकर्मियों को देते थे. इसके अलावा मीडियाकर्मियों को भी उन्होंने बिस्कुट, चॉकलेट, गमछे और मास्क भेंट किए हैं. साथ ही सफाईकर्मियों के लिए भी फल, बिस्कुट और चॉकलेट वितरित किया और उनका सम्मान किया.

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