बैतूल। मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के सारनी स्थित सतपुडा थर्मल पावर प्लांट ने बिजली उत्पादन में इतिहास रचा है. सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की 10 और 11 नंबर इकाई ने पहली बार एक साथ 200 से अधिक दिनों तक बिजली उत्पादन करने का रिकॉर्ड बनाया है, हालांकि इससे पहले भी दोनों इकाइयां 200 से अधिक दिनों तक सतत बिजली उत्पादन करने में सफल रही है. लेकिन यह पहला अवसर है जब संधारण के बाद दोनों इकाइयों ने एक साथ सतत बिजली उत्पादन के 200 दिन पूरे किए हैं. यह रिकॉर्ड मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के किसी भी पावर प्लांट में इससे पहले दर्ज नहीं हुआ है. सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के मुख्य अभियंता वीके कैथवार बताया कि "15 अक्टूबर 2022 को 10 और 11 नंबर इकाई लोड पर आई थी, तब से ही दोनों इकाइयां बिना रुके बिजली उत्पादन कर रही है."
101 प्रतिशत से अधिक है पीएएफ: खास बात यह है कि दोनों इकाइयों का पीएएफ 101 प्रतिशत से अधिक हैं, दोनों इकाइयों में विद्युत नियामक आयोग के मापदंड से भी कम कोयले की खपत हो रही है. पीएलएफ 98 प्रतिशत है, इतना ही नहीं, इन दोनों इकाइयों में आयल की खपत भी मामूली रही हैं. सतपुड़ा पावर प्लांट की इस उपलब्धि के लिए मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी मुख्यालय के अलावा स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा पावर हाउस सारनी के मुख्य अभियंता को बधाई दे रहे हैं. मुख्य अभियंता ने कहा मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश और अधीनस्थ अभियंताओं व कर्मियों के सामूहिक प्रयास से ही इस उपलब्धि को पाना संभव हो सका है. उन्होंने कहा हमारा प्रयास है कि सतपुड़ा की दोनों बिजली इकाई ऊर्जा के क्षेत्र में नए आयाम रचे, गौरतलब है कि सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारनी में 250-250 मेगावाट क्षमता की 10 और 11 नंबर बिजली इकाई है.
बनेगा नया रिकॉर्ड: सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन का नया रिकॉर्ड दर्ज होना है. दरअसल 10 और 11 नंबर इकाई के नाम 202 और 217 दिनों तक सतत बिजली उत्पादन का पहले से रिकार्ड है, सतपुड़ा का यह रिकॉर्ड मई माह में टूट सकता है. अगर यह रिकॉर्ड बना तो सतपुड़ा पावर प्लांट में अब तक की सबसे अधिक दिनों तक सतत बिजली उत्पादन करने वाली 10 और 11 नंबर बिजली इकाई बन जाएगी, सतपुड़ा की दोनों इकाइयों की इस सफलता से बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी का माहौल है.
कैसा पाया ये मुकाम: सतपुड़ा ताप गृह सारनी के चीफ इंजीनियर वीके कैथवार का कहना है कि "इस उपलब्धि में मुख्यालय जबलपुर के वरिष्ठ अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का पालन करना सतपुड़ा की सफलता में विशेष भूमिका निभा रहे हैं. वहीं सारनी की पूरी टीम, एसई ऑपरेशन और एसई मेंटनेंस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है."