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8 साल में 'सीता-राम' अक्षर से लिख दी रामायण की एक-एक चौपाई, इन्हीं अक्षरों से बना दी हनुमान जी की तस्वीर - सीता राम अक्षर से रामायण

Unique Ram Bhakt from Betul : बैतूल के इस रामभक्‍त ने अनोखे ढंग से श्री रामचरित मानस लिख कर इतिहास रच दिया है. श्री राम की अनूठी भक्ति से वे गांव ही नहीं पूरे जिले में मशहूर हो गए हैं.

Unique Ram Bhakt from Betul
बैतूल के रामभक्‍त
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 1:02 PM IST

सीताराम शब्द से लिखी पूरी रामायण

बैतूल. बैतूल के ग्राम देवगांव निवासी 65 साल के रामभक्त केदार सिंह चंदेल ने सीताराम शब्द से पूरी रामायण (Ramayan) के एक-एक शब्द लिख दिए हैं. आठ वर्ष में उन्होंने यह कार्य तो किया ही, साथ ही श्री राम, हनुमान के कई चित्र भी सीताराम लिखकर बनाए हैं. श्री राम की अनूठी भक्ति से वे गांव हीं नहीं पूरे जिले में रामभक्त के रूप में पहचाने जाते हैं.

हनुमान जी ने दी इस कार्य के लिए शक्ति

केदार सिंह (Kedar Singh) ने बताया कि जब उन्होंने कई बार सीता-राम शब्द लिखे तो उनके मन में यह ख्याल आया कि सुंदरकांड (Sundarkand) को भी सीता-राम के अक्षरों में लिखने का प्रयास किया जाए. उन्होंने शुरुआत की और दो माह के अंदर इसे पूरा कर दिया. केदार सिंह का मानना है कि उन्हें हनुमान जी ने ही सीता-राम अक्षरों से पूरी रामायण लिखने के लिए शक्ति दी, जिससे वे 8 वर्ष में पूरी रामायण सीता-राम के अक्षरों में लिख पाए.

इस तरह पूरा किया ये काम

केदार सिंह के अनुसार वे पेंसिल से पहले चौपाई डबल लाइन में लिखते थे और बाद में पेन से सीता-राम-सीता-राम (Sita Ram) लिखकर चौपाई पूर्ण कर देते थे. इस तरह से पूरी रामायण लिख दी. पेशे से किसान केदार द्वारा वर्ष 1997 से करोड़ों बार सीताराम नाम लिखने के साथ ही कई सुंदर चित्र भी बनाए हैं. उनके घर के हर कोने पर रामायण की चौपाइयां लिखी हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 1997 में दोस्त से मिली प्रेरणा के बाद सीताराम लिखना शुरू किया और सैकड़ों पन्ने भर दिए. फिर सीताराम नाम के अक्षरों से दो महीने में सुंदरकांड लिख दिया और फिर वाल्मीकि रामायण (Valmiki) भी महज 8 वर्ष में लिखकर पूरी कर दी. जब भी उन्हें खेती किसानी से समय मिलता वो लिखने बैठ जाते थे.

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सीताराम शब्द से लिखी पूरी रामायण

बैतूल. बैतूल के ग्राम देवगांव निवासी 65 साल के रामभक्त केदार सिंह चंदेल ने सीताराम शब्द से पूरी रामायण (Ramayan) के एक-एक शब्द लिख दिए हैं. आठ वर्ष में उन्होंने यह कार्य तो किया ही, साथ ही श्री राम, हनुमान के कई चित्र भी सीताराम लिखकर बनाए हैं. श्री राम की अनूठी भक्ति से वे गांव हीं नहीं पूरे जिले में रामभक्त के रूप में पहचाने जाते हैं.

हनुमान जी ने दी इस कार्य के लिए शक्ति

केदार सिंह (Kedar Singh) ने बताया कि जब उन्होंने कई बार सीता-राम शब्द लिखे तो उनके मन में यह ख्याल आया कि सुंदरकांड (Sundarkand) को भी सीता-राम के अक्षरों में लिखने का प्रयास किया जाए. उन्होंने शुरुआत की और दो माह के अंदर इसे पूरा कर दिया. केदार सिंह का मानना है कि उन्हें हनुमान जी ने ही सीता-राम अक्षरों से पूरी रामायण लिखने के लिए शक्ति दी, जिससे वे 8 वर्ष में पूरी रामायण सीता-राम के अक्षरों में लिख पाए.

इस तरह पूरा किया ये काम

केदार सिंह के अनुसार वे पेंसिल से पहले चौपाई डबल लाइन में लिखते थे और बाद में पेन से सीता-राम-सीता-राम (Sita Ram) लिखकर चौपाई पूर्ण कर देते थे. इस तरह से पूरी रामायण लिख दी. पेशे से किसान केदार द्वारा वर्ष 1997 से करोड़ों बार सीताराम नाम लिखने के साथ ही कई सुंदर चित्र भी बनाए हैं. उनके घर के हर कोने पर रामायण की चौपाइयां लिखी हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 1997 में दोस्त से मिली प्रेरणा के बाद सीताराम लिखना शुरू किया और सैकड़ों पन्ने भर दिए. फिर सीताराम नाम के अक्षरों से दो महीने में सुंदरकांड लिख दिया और फिर वाल्मीकि रामायण (Valmiki) भी महज 8 वर्ष में लिखकर पूरी कर दी. जब भी उन्हें खेती किसानी से समय मिलता वो लिखने बैठ जाते थे.

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