बैतूल। मध्य प्रदेश में असंगठित श्रमिकों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना फ्लॉप साबित होती दिखाई दे रही है, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस योजना का लाभ जरूरतमंद परिवार को नहीं मिल पा रहा है.
विगत 9 सितंबर 2020 को भंडारपानी गांव की प्रसूता को संजीवनी एम्बुलेंस ढाई घंटे तक नहीं मिली, जिसके बाद प्राइवेट वाहन से अस्पताल लाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई. गरीबी में जीवन यापन करने के बावजूद भी परिवार को शिवराज सरकार की अति महत्वपूर्ण संबल योजना का लाभ नहीं मिल सका.
मृतका की एक माह की बच्ची है, जिसके पालन-पोषण में परिवार के सामने आ रही कठिनाइयों को देखते हुए आदिवासी कोरकू उन्नतशील समाज ने आर्थिक सहायता के साथ ही राशन मुहैया कराया है. समाज के उपाध्यक्ष पूनासिंह धिकारे ने बताया कि, भंडारपानी निवासी जग्गोबाई की मौत लगभग 20-25 दिन पहले हुई थी, जहां उसने बेटी को जन्म दिया था. उन्होंने बताया कि, गांव में कोई सुविधा नहीं है. यहां के अधिकांश बच्चों की डिलीवरी गांव में ही होती है.
पंचायत ने आज तक नहीं किया सर्वे
आजादी के इतने वर्षों बाद भी ये गांव सड़क, चिकित्सा और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. नूतनडंगा पंचायत द्वारा आज तक भंडारपानी गांव में सर्वे नहीं किया गया है, जिसके चलते यहां जरूरतमंद गरीब परिवारों को संबल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लगभग 300 की आबादी वाले इस गांव में प्रशासन की नाकामी के चलते आज तक शिक्षा की अलख नहीं जग पाई है. दुर्गम रास्तों की वजह से बच्चे दूसरे गांव में भी पढ़ने के लिए नहीं जा सकते है. ऐसी परिस्थिति में गांव के एक शिक्षित युवक द्वारा बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है.
नूतनडंगा पंचायत के भंडारपानी गांव की हजारों फीट ऊंची पहाड़ी से उतरने पर इमलीखेड़ा आता है. यहां से घोड़ाडोंगरी सामुदायिक अस्पताल की दूरी महज 25 किलोमीटर, शाहपुर की 30 किमी और बैतूल की 50 किलोमीटर है. अगर कोशिश की जाती, तो 20 से 25 मिनट में ही एंबुलेंस महिला को घोड़ाडोंगरी या शाहपुर अस्पताल पहुंचा सकती थी.
कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन
पीड़ित परिवार की परिस्थिति को देखते हुए आदिवासी कोरकू उन्नतशील समाज के जिला अध्यक्ष चैतराम कासदे के नेतृत्व में घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के अध्यक्ष लालू दरसीमा और आमला ब्लॉक के अध्यक्ष राजू शीलू के सहयोग से मृतका जग्गूबाई के पति को बच्चे की देखभाल के लिए आर्थिक सहयोग राशि प्रदान की. संगठन ने निर्णय लिया है कि, आने वाले समय में आदिवासी कोरकू उन्नतिशील समाज कलेक्टर को आवेदन सौंपकर समस्या का निराकरण करने की मांग करेगा.