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पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने की पहल, इको फ्रेंडली अनुभूति के जरिए छात्रों को दी गई पेड़ों की जानकारी - environmentally friendly cognition program

बैतूल में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वन विभाग ने अस्थि बाधित स्कूल के छात्रों के लिए इको फ्रेंडली अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें बच्चों को वन से जुड़ी जानकारी दी और साथ ही प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के सलाह भी दी.

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अनुभूति कार्यक्रम में शामिल हुए अस्थि बाधित स्कूल के छात्र
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Published : Dec 22, 2019, 6:29 AM IST

Updated : Dec 22, 2019, 7:47 AM IST

बैतूल। स्कूली छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा ईको फ्रेंडली अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की खास बात ये थी कि पहली बार इस कार्यक्रम में अस्थि बाधित स्कूल के छात्र शामिल हुए और बच्चो ने जंगल में बने पलसे के पत्तों से बने दोने और पत्तल में जमीन पर बैठकर खाना खाया.

पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने की पहल


इस कार्यक्रम के तहत शनिवार को दक्षिण वन मंडल द्वारा 120 स्कूली बच्चों को सापना नर्सरी और सापना से लगे वन परिक्षेत्र में भ्रमण कराया. इस दौरान अस्थि बाधित बच्चों ने दिन भर जंगल की सैर की और जंगल से जुड़ी जानकारी भी ली और प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लिया. साथ ही बच्चों को प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की सलाह भी दी गई.


स्कूली बच्चों को जल संरक्षण के तरीके, पेड़ों और जड़ी बूटियों के महत्व और उनकी पहचान करना बताया गया. जंगलों से होने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी छात्रों को दी गई. प्रतियोगिता में शामिल हुए बच्चों को उपहार भी प्रदान किये गए.

बैतूल। स्कूली छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा ईको फ्रेंडली अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की खास बात ये थी कि पहली बार इस कार्यक्रम में अस्थि बाधित स्कूल के छात्र शामिल हुए और बच्चो ने जंगल में बने पलसे के पत्तों से बने दोने और पत्तल में जमीन पर बैठकर खाना खाया.

पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने की पहल


इस कार्यक्रम के तहत शनिवार को दक्षिण वन मंडल द्वारा 120 स्कूली बच्चों को सापना नर्सरी और सापना से लगे वन परिक्षेत्र में भ्रमण कराया. इस दौरान अस्थि बाधित बच्चों ने दिन भर जंगल की सैर की और जंगल से जुड़ी जानकारी भी ली और प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लिया. साथ ही बच्चों को प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की सलाह भी दी गई.


स्कूली बच्चों को जल संरक्षण के तरीके, पेड़ों और जड़ी बूटियों के महत्व और उनकी पहचान करना बताया गया. जंगलों से होने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी छात्रों को दी गई. प्रतियोगिता में शामिल हुए बच्चों को उपहार भी प्रदान किये गए.

Intro:बैतूल ।। स्कूली विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा इको फ्रेंडली अनिभूति कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस भ्रमण की खास बात यह रही कि पहली बार इस कार्यक्रम में अस्थि बाधित स्कूल के छात्र शामिल हुए। बच्चो ने जंगल में बने पलसे के पत्तो से बने दोने पत्तल में जमीन पर बैठकर भोजन भी किया।


Body:जंगलो के प्रति स्कूली बच्चों में जागरूकता लाने के लिए पूरे जिले में वन विभाग इको फ्रेंडली अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत शनिवार को दक्षिण वन मंडल द्वारा 120 स्कूली बच्चों को सापना नर्सरी और सापना से लगे वन परिक्षेत्र में भ्रमण कराया गया।

अस्थि बाधित बच्चो ने दिन भर जंगल की सैर की और जंगल से जुड़ी जानकारी ली और प्रतियोगिताओ में हिस्सा लिया। यही नही बच्चो ने जंगल में बने पलसे के पत्तो से बने दोने पत्तल में जमीन पर बैठकर भोजन भी किया। इस दौरान बच्चो को प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग नही करने की सलाह दी।

स्कूली बच्चों को इस दौरान जल संरक्षण के तरीके, पेड़ो और जड़ी बूटियों महत्व तथा उनकी पहचान करना बताया गया। जंगलो से होने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभो के बारे में विस्तृत जानकारी भी छात्रों को दी गई। प्रतियोगिता में शामिल हुए बच्चो को उपहार प्रदान किये गए।



Conclusion:इस कार्यक्रम में पहली बार शामिल होने आए अस्थि बाधित बच्चे काफी खुश थे।

बाइट -- अमन बचले ( छात्र )
बाइट -- योगेश सूर्यवंशी ( छात्र )
बाइट -- एल लोखंडे ( प्रशिक्षक,वन विभाग )
Last Updated : Dec 22, 2019, 7:47 AM IST
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