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जेल में भाईयों को देख कैदी महिला हुई भावुक, रोते हुए बांधी रखी

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Published : Aug 15, 2019, 11:54 PM IST

एक बुजुर्ग महिला बंदी उस समय फफक-फफक कर रो पड़ी जब उसके दो भाई और बेटा रखी बंधवाने जेल पहुंचे. अपनी एकलौती बहन से राखी बंधवाकर उनके भाई बहुत भावुक और खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि वे जेल प्रशासन के बहुत शुक्रगुजार है कि उन्होंने उनकी बहन से मिलवाया.

जेल में भाईयों को देख कैदी महिला हुई भावुक

बैतूल। जिला जेल में एक भावुक नजारा देखने को मिला. एक बुजुर्ग महिला बंदी उस समय फफक-फफक कर रो पड़ी जब उसके दो भाई और बेटा रखी बंधवाने जेल पहुंचे. रोती हुई बुजुर्ग महिला ने अपने भाई को राखी बांधने के बाद मुंह मीठा करवाया. वहीं भाई ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी बहन जल्द से जल्द रिहा हो जाए.

जेल में भाईयों को देख कैदी महिला हुई भावुक

बैतूल जेल में अपनी बहू को जिन्दा जलाने के आरोप में पिछले 10 माह से जेल में सजा काट रही बुजर्ग महिला बंदी रक्षाबंधन के मौके पर भावुक हो गई. रोते हुए अपने भाई की आरती उतारती हुई बुजुर्ग महिला के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.


अपनी एकलौती बहन से राखी बंधवाकर उनके भाई बहुत भावुक और खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि वे जेल प्रशासन के बहुत शुक्रगुजार है कि उन्होंने उनकी बहन से मिलवाया. वहीं महिला कैदी ने रक्षाबंधन के अवसर पर भाई-बेटे से मिलकर काफी खुशी जताई.


जेल प्रबंधन ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन 116 पुरुष बंदियों को उनकी 316 बहनों ने राखी बंधी है. जेल प्रशासन ने राखी के दिन सभी के लिए 11 बजे से 2 बजे तक का समय निर्धारित किया था लेकिन भारी बारिश के चलते समय बढ़ा कर 4 बजे तक कर दिया.

बैतूल। जिला जेल में एक भावुक नजारा देखने को मिला. एक बुजुर्ग महिला बंदी उस समय फफक-फफक कर रो पड़ी जब उसके दो भाई और बेटा रखी बंधवाने जेल पहुंचे. रोती हुई बुजुर्ग महिला ने अपने भाई को राखी बांधने के बाद मुंह मीठा करवाया. वहीं भाई ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी बहन जल्द से जल्द रिहा हो जाए.

जेल में भाईयों को देख कैदी महिला हुई भावुक

बैतूल जेल में अपनी बहू को जिन्दा जलाने के आरोप में पिछले 10 माह से जेल में सजा काट रही बुजर्ग महिला बंदी रक्षाबंधन के मौके पर भावुक हो गई. रोते हुए अपने भाई की आरती उतारती हुई बुजुर्ग महिला के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.


अपनी एकलौती बहन से राखी बंधवाकर उनके भाई बहुत भावुक और खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि वे जेल प्रशासन के बहुत शुक्रगुजार है कि उन्होंने उनकी बहन से मिलवाया. वहीं महिला कैदी ने रक्षाबंधन के अवसर पर भाई-बेटे से मिलकर काफी खुशी जताई.


जेल प्रबंधन ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन 116 पुरुष बंदियों को उनकी 316 बहनों ने राखी बंधी है. जेल प्रशासन ने राखी के दिन सभी के लिए 11 बजे से 2 बजे तक का समय निर्धारित किया था लेकिन भारी बारिश के चलते समय बढ़ा कर 4 बजे तक कर दिया.

Intro:बैतूल ।।

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन की रक्षा के साथ ही एक दूसरे की सलामती की दुआ का है। गुरुवार को जिला जेल पाहुची बहनें ऐसी थी जिनके भाई किसी न किसी अपराध के आरोप में जेल में कैद हैं। लेकिन बैतूल की जिला जेल में एक भावुक नजारा देखने को मिला जब एक बुजुर्ग महिला बंदी उस समय फफक फफक कर रो पड़ी जब उसके दो भाई और बेटा रखी बंधवाने जेल पहुचे । हाथ मे आरती और रोते बुजुर्ग महिला बंदी ने अपने भाई को राखी बांधने के बाद मुह मीठा करवाया । यह बुजर्ग महिला बंदी अपनी बहु को जिन्दा जलाने के आरोप में धारा 307 के तहत पिछले 10 माह से जेल में सजा काट रही है।Body:जिला जेल में राखी के दिन बहुत ही भावुक नजारा देखने को मिला जब रोते हुए अपने भाई की आरती उतारती हुई बुजुर्ग महिला बंदी दिखाई दी इस बुजर्ग बंदी के आंसू रुकने का नाम नही ले रहे थे और रोते हुए अपने भाई को राखी बंधी । वही छिंदवाड़ा से जेल अपनी एक लौती बहन से राखी बंधवाने पहुचे भाई अपनी बहन से राखी बंधवाकर बहुत भावुक और खुश नजर आए । उन्होंने कहा कि वे जेल प्रशासन के बहुत शुक्रगुजार है कि उन्होंने उन्हें अपनी बहन से मिलवाया और वे भगवान से प्राथना कर रहे है कि उनकी एक लौती बहन जल्द जेल से रिहा हो जाये । तो वही बूढ़ी बंदी महिला का बेटा भी अपनी माँ से मिलकर भावुक नजर आया ।Conclusion:जेल प्रबंधब ने बताया की रक्षाबंधन के दिन 116 पुरुष बंदीयो को उनकी 316 बहनों ने रखी बंधी है तो वही 3 महिला बंदियों से 4 भाई मिलने आये थे जिन्हें उनकी बहनों ने रखी बंधी । जेल प्रशासन ने राखी के दिन सभी के लिए 11 बजे से 2 बजे तक का समय निर्धारित किया था लेकिन भारी बारिश के चलते समय बढ़ा कर 4 बजे तक किया गया था ।

बाइट -- उर्मिला बाई (महिला कैदी)
बाइट -- संजय सूर्यवंशी ( महिला कैदी का भाई)
बाइट -- योगेन्द्र पवार ( जेलर )
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