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नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारी बेघर होने की कगार पर

नगरपालिका ने अपने ही कर्मचारियों को खुद के ही घर तोड़ने का फरमान सुना दिया है. यही नहीं कर्मचारियों को पिछले छह महीने से वेतन तक नहीं मिला है.

Municipal workers on the verge of homelessness
नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारी बेघर होने की कगार पर
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Published : Feb 1, 2020, 11:10 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 11:53 PM IST

बैतूल। कमलनाथ सरकार के माफिया ऑपरेशन का शिकार बैतूल नगरपालिका कर्मचारी भी होने शुरु हो गए हैं. यहां नगरपालिका ने अपने ही कर्मचारियों को खुद के ही घर तोड़ने का फरमान सुना दिया है. यही नहीं कर्मचारियों को पिछले छह महीने से वेतन तक नहीं मिला है. जिससे तंग आकर परेशान कर्मचारी आत्मदाह करने की धमकी दे रहे हैं. वहीं सांसद ने भी इन कर्मचारियों की वकालत करते हुए नगरपालिका के फरमान को तुगलकी बताया है.

नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारी बेघर होने की कगार पर

बैतूल नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे नियमित, दैनिक भोगी और संविदा कर्मी फिल्टर प्लांट परिसर में ही मकान बनाकर रह रहे हैं. इन्हें सरकार ने उन जमीनों के पट्टे भी दिए हुए हैं. अब इसी जमीन पर नगर पालिका बाउंड्री वॉल का निर्माण करवा रही है. जिसके चलते कर्मचारियों को उनके घर तोड़कर वहां से हटने का फरमान जारी किया है. जब इन कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना किया, तो इनकी तनख्वाह रोक दी गई.

बीजेपी सांसद डीडी उइके इन कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को सोची समझी साजिश करार दिया है.
साथ ही सांसद ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि, अगर कर्मचारियों को वहां से हटाया गया, तो वे पूरे जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन करेंगे.

बैतूल। कमलनाथ सरकार के माफिया ऑपरेशन का शिकार बैतूल नगरपालिका कर्मचारी भी होने शुरु हो गए हैं. यहां नगरपालिका ने अपने ही कर्मचारियों को खुद के ही घर तोड़ने का फरमान सुना दिया है. यही नहीं कर्मचारियों को पिछले छह महीने से वेतन तक नहीं मिला है. जिससे तंग आकर परेशान कर्मचारी आत्मदाह करने की धमकी दे रहे हैं. वहीं सांसद ने भी इन कर्मचारियों की वकालत करते हुए नगरपालिका के फरमान को तुगलकी बताया है.

नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे कर्मचारी बेघर होने की कगार पर

बैतूल नगरपालिका के फिल्टर प्लांट में सालों से नौकरी कर रहे नियमित, दैनिक भोगी और संविदा कर्मी फिल्टर प्लांट परिसर में ही मकान बनाकर रह रहे हैं. इन्हें सरकार ने उन जमीनों के पट्टे भी दिए हुए हैं. अब इसी जमीन पर नगर पालिका बाउंड्री वॉल का निर्माण करवा रही है. जिसके चलते कर्मचारियों को उनके घर तोड़कर वहां से हटने का फरमान जारी किया है. जब इन कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना किया, तो इनकी तनख्वाह रोक दी गई.

बीजेपी सांसद डीडी उइके इन कर्मचारियों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को सोची समझी साजिश करार दिया है.
साथ ही सांसद ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि, अगर कर्मचारियों को वहां से हटाया गया, तो वे पूरे जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन करेंगे.

Intro:बैतुल ।। कमलनाथ सरकार के माफिया आपरेशन का शिकार बैतूल में आम लोग और अब खुद नगरपालिका के कर्मचारी होने लगे है। यहां नगरपालिका प्रशासन ने अपने ही कर्मचारियों को अपने ही घर तोड़ने का फरमान सुना दिया है। यही नही छह महीने से उनका वेतन तक बन्द कर दिया है। जिससे परेशान कर्मचारी अब आत्मदाह की धमकी दे रहे है। सांसद ने भी इन कर्मचारियों की वकालत करते हुए नगरपालिका के फरमान को तुगलकी बताया है। Body:दरअसल नगरपालिका के फिल्टर प्लांट पर वर्षो से नौकरी कर रहे नियमित,दैनिक भोगी और संविदा कर्मी फिल्टर प्लांट परिसर में ही मकान बनाकर रह रहे है। इन्हें सरकार ने उन जमीनों के पट्टे भी दिए हुए है। अब इसी जमीन पर नगर पालिका बाउंड्री वाल बनवा रही है। जिसके चलते उसने कर्मचारियों को उनके घर तोड़कर वहां से हटने का फरमान सुना दिया है। जब इन कर्मचारियों ने इससे इनकार कर दिया तो बीते अगस्त से उनकी तनख्वाह रोक दी गयी है।

हालात यह है कि कर्मचारियों के बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। किराना दुकान वालो ने उधार देना बंद कर दिया है और वे अपने बीमार परिजनों का इलाज तक नही करवा पा रहे है। ऐसे में कर्मचारियों ने आत्मदाह करने की धमकी दी है। इधर कर्मचारियों की इन दिक्कतों पर भाजपा सांसद डीडी उइके सामने आ गए है। उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही को सोची समझी साझीश बताया है। सांसद ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर कर्मचारियों को हटाया गया तो वे पूरे जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन करने को मजबूर होंगे। Conclusion:खास बात यह है कि इस मामले के राजनैतिक रूप लेने और भाजपा नेताओं के सामने आ जाने से नगरपालिका के अधिकारी कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नही है।


बाईट-- गोलू परते कर्मचारी
बाईट-- चैतराम परते कर्मचारी
बाईट--- डीडी उइके सांसद बैतूल
Last Updated : Feb 1, 2020, 11:53 PM IST
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