बैतूल। बैतूल में विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को बड़ा झटका लगा है.आदिवासी समाज के कद्दावर नेता गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष और जयस के पूर्व जिला संरक्षक हेमंत सरियाम ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. हेमंत सरियाम विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. हेमंत की माने तो उन्होंने कांग्रेस की रीति नीति और बैतूल विधायक निलय विनोद डागा द्वारा आदिवासी हित में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस का दामन थामा है.
कांग्रेस को देंगे समर्थन: हेमंत सरियाम का मानना है कि वह सिर्फ आदिवासी हितों के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से जुड़े हुए थे. जयस जिला संरक्षक रहते हुए भी उन्होंने आदिवासियों के हित के लिए संघर्ष किया. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के पीछे भी उनकी यही मंशा है कि वह आदिवासियों के हित में राजनीति से जुड़कर सेवा कर सकें. उन्होंने कहा कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतना उनके लिए संभव नहीं है इसी उद्देश्य से उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन दिया है.
ये भी पढ़े: |
क्या है मंशा: आदिवासियों का एक बड़ा वर्ग कांग्रेस को समर्थन दे रहा है. उनकी मंशा सिर्फ यह है कि वह राजनीति के माध्यम से आदिवासियों को उनका हक अधिकार दिला सकें. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस के शासनकाल में ही संभव है. उन्होंने ऐसे कई उदाहरण बताए जहां भाजपा के शासनकाल में आदिवासियों के साथ गलत व्यवहार किया गया.
कई युवा भी कांग्रेस में शामिल: सदर क्षेत्र के पचास से ज्यादा युवाओं ने भी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया.कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाले युवा कांग्रेस पार्टी की नीति-रीति और बैतूल विधायक निलय विनोद डागा के विजन से प्रेरित होकर शामिल हुए हैं. पाढर के भाजपा कार्यकर्ता अखिलेश यादव भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.