बैतूल। बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. फसलें सूख रही हैं. इसलिए किसान बारिश कराने वाले देवता इंद्र देव से नाखुश हो गए हैं. बैतूल जिले के चिचोली तहसील के आषाढ़ी में मढ़ देव नामक प्रसिद्ध स्थान है. यहां 250 वर्ष पुरानी भगवान इंद्र की प्राचीन मूर्ति है. जिसे अकाल या सूखे के वक्त गांव वाले मिट्टी से पूरी तरह ढंककर उनसे बारिश की मांग करते हैं. ग्रामीण किसान श्याम सुंदर शुक्ला बताते है कि बीते 20-25 दिनों से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई. फसले सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं.
फसलें हो रही तबाह : बारिश नहीं होने से 25 प्रतिशत फ़सलें तो सूख चुकी हैं. इस वक्त फसलों में फूल आ रहे हैं. फल्लियां लगनी शुरू हुई हैं. मक्का में दाने भरने वाले हैं. किसानों को ऐसे वक्त में पानी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है. किसानों ने कर्ज़ लेकर अपना सब कुछ लगा दिया है. अगर 2 दिन और बारिश नहीं हुई तो किसानों की फसलें तबाह हो जाएंगी. सरकार यदि किसानों की तरफ ध्यान नही देंगी तो बहुत दिक्कत होगी. आज हम ग्रामीणों के साथ इन्द्र देव को मिट्टी से छाबने आये हैं. जोकि हमारी ग्रामीण परम्परा है. शुक्ला भी मानते हैं कि इससे अच्छी बारिश होती है.
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पुरानी परंपरा का पालन : आषाढ़ी निवासी पूर्व सरपंच माली सिंह उइके बताते है कि हमारे गांव में भगवान इन्द्र देव की प्राचीन मूर्ति है. जब भी गांव में अकाल या सूखा पड़ता है तो हमारे पूर्वजों ने जो विधि बताई थी, आज भी हम उसे जीवित रखे हुए हैं. हम सभी ग्रामीण इंद्र देव की मूर्ति को मिट्टी से ढांक देते हैं. हमने जब-जब बारिश के लिए इंद्र देव को मिट्टी से ढांका तब-तब बारिश हुई और भगवान इंद्र देव की मूर्ति से मिट्टी खुद ब खुद धुल जाती है. आषाढ़ी के ही जेपी शुक्ला ने बताया कि बारिश न होने से सभी परेशान हैं. आज मढ़ देव स्थित इंद्र देव के पास सभी ग्रामीण आए हैं. यहां भगवान श्री राम नाम का जाप चल रहा है और इंद्र देवता की परिक्रमा करते हुए अच्छी बारिश की प्रार्थना कर रहे हैं.