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सांसद आदर्श ग्राम में नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं, जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं ग्रामीण

बैतूल का कान्हावाड़ी पंचायत, जिसे सांसद डीडी उइके ने गोद लेकर सांसद आदर्श ग्राम घोषित कर दिया है, लेकिन यहां आज तक कोई भी बुनियादी सुविधा का विस्तार मात्र एक पुल के कारण सालों से रुका हुआ है.

Villagers crossing the river
नदी पार करते ग्रामीण
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Published : Aug 26, 2020, 4:03 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 8:11 PM IST

बैतूल। गांवों को विकसित करने के लिए भले ही प्रधानमंत्री मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की हो, जिसके तहत उन गांवों में लघु, कुटीर उद्योग के साथ-साथ ग्रामीण अर्थ व्यवस्था के साधनों को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया हो. पर इस का कुछ खासा असर दिखता नहीं. आम तौर पर सांसद ग्राम को गोद लेने के बाद उसे भूल जाते हैं और वो गांव फिर वैसे ही बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते रहते हैं. ऐसा ही कुछ हाल है कान्हावाड़ी गांव का, जिसे क्षेत्र के सांसद डीडी उइके ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है.

सांसद आदर्श ग्राम में नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं

सांसद डीडी उइके ने कान्हावाड़ी पंचायत को गोद लेकर इसे सांसद आदर्श ग्राम घोषित किया है. लेकिन यहां लोग अरसे से एक पुल के लिए परेशान हैं, जो अभी तक नहीं बन पाया. लघु कुटीर उद्योग बनना तो दूर की कौड़ी है. कान्हावाड़ी की पीपरी नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीण जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं. ग्रामीण कई वर्षों से नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक नदी में पुल निर्माण नहीं हो सका है.

Villagers crossing the river
नदी पार करते ग्रामीण

बारिश में बन जाता है टापू
पीपरी नदी पर पुल नहीं होने के कारण बारिश में कान्हावाड़ी के 3 इलाके पहाड़ढाना, इंदलढाना और ईजीसीढाना टापू बन जाते हैं. वहीं अगर गांव में बारिश के मौसम में किसी की तबीयत खराब हो तो एक अलग ही समस्या है. यहां लोगों को नदी की बाढ़ उतरने तक का इंतजार करना पड़ता है, जिस कारण कई बार इलाज मिलने में देरी के कारण मरीज की जान भी चली जाती है.

पुल के कारण नहीं आ पाते एंबुलेंस
गांव में लंबे समय से पुल नहीं होने के कारण यहां सरकार की तमाम योजनाओं के साथ ही एंबुलेंस भी यहां नहीं पहुंच पाती हैं, ऐसे में कई बार मरीज को खाट के सहारे नदी पार कराकर किसी तरह अस्पताल तक पहुंचा दिया जाता है. वहीं नदी के कारण बारिश के दिनों में यहां के बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं, वहीं मुख्य धारा से कटे होने के कारण न तो यहां कोई प्रशासनिक अधिकारी आता है और न ही कोई नेता यहां का रूख करता है.

Villagers crossing the river
नदी पार करते ग्रामीण

कई बार की मांग पर नहीं मिला कुछ
ग्रामीण इस पुल की मांग के लिए कई बार तहसीलदार और कलेक्टर से लेकर सरपंच, विधायक, सांसद और कई मंत्रियों को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन आज तक इनकी किसी ने नहीं सुनी, जिस कारण ग्रामीण सालों से उसी समस्या के साथ जीने को मजबूर हैं.

बैतूल। गांवों को विकसित करने के लिए भले ही प्रधानमंत्री मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की हो, जिसके तहत उन गांवों में लघु, कुटीर उद्योग के साथ-साथ ग्रामीण अर्थ व्यवस्था के साधनों को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया हो. पर इस का कुछ खासा असर दिखता नहीं. आम तौर पर सांसद ग्राम को गोद लेने के बाद उसे भूल जाते हैं और वो गांव फिर वैसे ही बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते रहते हैं. ऐसा ही कुछ हाल है कान्हावाड़ी गांव का, जिसे क्षेत्र के सांसद डीडी उइके ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है.

सांसद आदर्श ग्राम में नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं

सांसद डीडी उइके ने कान्हावाड़ी पंचायत को गोद लेकर इसे सांसद आदर्श ग्राम घोषित किया है. लेकिन यहां लोग अरसे से एक पुल के लिए परेशान हैं, जो अभी तक नहीं बन पाया. लघु कुटीर उद्योग बनना तो दूर की कौड़ी है. कान्हावाड़ी की पीपरी नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीण जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं. ग्रामीण कई वर्षों से नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक नदी में पुल निर्माण नहीं हो सका है.

Villagers crossing the river
नदी पार करते ग्रामीण

बारिश में बन जाता है टापू
पीपरी नदी पर पुल नहीं होने के कारण बारिश में कान्हावाड़ी के 3 इलाके पहाड़ढाना, इंदलढाना और ईजीसीढाना टापू बन जाते हैं. वहीं अगर गांव में बारिश के मौसम में किसी की तबीयत खराब हो तो एक अलग ही समस्या है. यहां लोगों को नदी की बाढ़ उतरने तक का इंतजार करना पड़ता है, जिस कारण कई बार इलाज मिलने में देरी के कारण मरीज की जान भी चली जाती है.

पुल के कारण नहीं आ पाते एंबुलेंस
गांव में लंबे समय से पुल नहीं होने के कारण यहां सरकार की तमाम योजनाओं के साथ ही एंबुलेंस भी यहां नहीं पहुंच पाती हैं, ऐसे में कई बार मरीज को खाट के सहारे नदी पार कराकर किसी तरह अस्पताल तक पहुंचा दिया जाता है. वहीं नदी के कारण बारिश के दिनों में यहां के बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं, वहीं मुख्य धारा से कटे होने के कारण न तो यहां कोई प्रशासनिक अधिकारी आता है और न ही कोई नेता यहां का रूख करता है.

Villagers crossing the river
नदी पार करते ग्रामीण

कई बार की मांग पर नहीं मिला कुछ
ग्रामीण इस पुल की मांग के लिए कई बार तहसीलदार और कलेक्टर से लेकर सरपंच, विधायक, सांसद और कई मंत्रियों को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन आज तक इनकी किसी ने नहीं सुनी, जिस कारण ग्रामीण सालों से उसी समस्या के साथ जीने को मजबूर हैं.

Last Updated : Aug 26, 2020, 8:11 PM IST
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