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आग पर काबू पाने के लिए पानी के टैंकरों को बनाया मिनी फायर वाहन, जिला प्रशासन की पहल

बीते दिनों जिले में हुई आगजनी की घटनाओं से सबक लेकर प्रशासन ने पंचायतों में मौजूद पानी के टैंकरों को मिनी फायर वाहन का रूप दे दिया है. इन पानी के टैंकरों को मिनी फायर फाइटर नाम दिया गया है. अब यह मिनी फायर फाइटर आग पर काबू पाने के साथ साथ जलआपूर्ति भी कर रहे है.

पानी के टैंकरों को बनाया मिनी फायर वाहन
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Published : Jun 7, 2019, 11:41 PM IST

बैतूल। ग्रामीण अंचलों में आगजनी की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन ने नायाब तरीका निकाल लिया है. बीते दिनों जिले में हुई आगजनी की घटनाओं से सबक लेकर प्रशासन ने पंचायतों में मौजूद पानी के टैंकरों को मिनी फायर वाहन का रूप दे दिया है. इन पानी के टैंकरों को मिनी फायर फाइटर नाम दिया गया है. अब यह मिनी फायर फाइटर आग पर काबू पाने के साथ साथ जलआपूर्ति भी कर रहे है.

कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े की पहल पर जिले की 27 बड़ी ग्राम पंचायतों में यह मिनी फायर फाइटर तैयार किये गए हैं. जिसके लिए निजी एजेंसी के जरिये पंचायतकर्मियों को बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है. पानी के टैंकरों पर 5 से 3 एचपी के डीजल पंप लगाए गए है जिसमें प्रेशर पाइप भी लगा हुआ है. जिनको बनाने में 15 से 25 हजार का खर्च आया है. वहीं इस टैंकर करीब 5 हजार लीटर पानी आता है. आग लगने पर यह मिनी फायर फाइटर कारगर भी साबित हो रहे है. इन टैंकरों में सचिव, सरपंच और कर्मचारियों के फोन नंबर लिखे गए, जिसके सूचना दे सकते हैं.

पानी के टैंकरों को बनाया मिनी फायर वाहन

बता दें ग्रामीण इलाकों में आगजनी की घटना होने पर शहरी क्षेत्रों के फायर ब्रिगेड का इंतजार करना पड़ता था. घटना स्थल तक इन फायर वाहनों को पहुचने में 1 घंटे से ज्यादा समय लग जाता था, जिसके कारण लाखों का नुकसान हो जाता था. लेकिन अब मिनी फायर फाइटर की मदद से काफी हद तक जान माल की हानि होने से बचाया जा रहा है. इस अनूठे नवाचार की पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है. जनसंपर्क भोपाल ने बैतूल कलेक्टर के इस नवाचार को अपने प्रचार-प्रसार का माध्यम भी बना लिया है और एक विज्ञापन जारी किया है. बैतूल के मिनी फायर फाइटर के विज्ञापन भी प्रकाशित हो रहे है.

बैतूल। ग्रामीण अंचलों में आगजनी की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन ने नायाब तरीका निकाल लिया है. बीते दिनों जिले में हुई आगजनी की घटनाओं से सबक लेकर प्रशासन ने पंचायतों में मौजूद पानी के टैंकरों को मिनी फायर वाहन का रूप दे दिया है. इन पानी के टैंकरों को मिनी फायर फाइटर नाम दिया गया है. अब यह मिनी फायर फाइटर आग पर काबू पाने के साथ साथ जलआपूर्ति भी कर रहे है.

कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े की पहल पर जिले की 27 बड़ी ग्राम पंचायतों में यह मिनी फायर फाइटर तैयार किये गए हैं. जिसके लिए निजी एजेंसी के जरिये पंचायतकर्मियों को बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है. पानी के टैंकरों पर 5 से 3 एचपी के डीजल पंप लगाए गए है जिसमें प्रेशर पाइप भी लगा हुआ है. जिनको बनाने में 15 से 25 हजार का खर्च आया है. वहीं इस टैंकर करीब 5 हजार लीटर पानी आता है. आग लगने पर यह मिनी फायर फाइटर कारगर भी साबित हो रहे है. इन टैंकरों में सचिव, सरपंच और कर्मचारियों के फोन नंबर लिखे गए, जिसके सूचना दे सकते हैं.

पानी के टैंकरों को बनाया मिनी फायर वाहन

बता दें ग्रामीण इलाकों में आगजनी की घटना होने पर शहरी क्षेत्रों के फायर ब्रिगेड का इंतजार करना पड़ता था. घटना स्थल तक इन फायर वाहनों को पहुचने में 1 घंटे से ज्यादा समय लग जाता था, जिसके कारण लाखों का नुकसान हो जाता था. लेकिन अब मिनी फायर फाइटर की मदद से काफी हद तक जान माल की हानि होने से बचाया जा रहा है. इस अनूठे नवाचार की पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है. जनसंपर्क भोपाल ने बैतूल कलेक्टर के इस नवाचार को अपने प्रचार-प्रसार का माध्यम भी बना लिया है और एक विज्ञापन जारी किया है. बैतूल के मिनी फायर फाइटर के विज्ञापन भी प्रकाशित हो रहे है.

Intro:नीति आयोग द्वारा मिला दमोह जिला अस्पताल को इनाम चार करोड़ से सुधरेगी अस्पताल की सूरत

बजट आते ही मिल जाएगा अस्पताल को एंबुलेंस के साथ अन्य सेवाओं का इनाम

Anchor. दमोह जिला अस्पताल को अच्छे कामों के चलते नीति आयोग के माध्यम से 40000000 रुपए का इनाम मिला है, और इस इनाम की राशि से आगामी दिनों में अस्पताल में बाइक एंबुलेंस की सेवा के साथ कूलिंग सिस्टम, ड्रेनेज सिस्टम सहित अन्य सुविधाओं से लैस किया जाएगा.जिला अस्पताल के डॉक्टर एवं अस्पताल प्रशासन इस राशि से अस्पताल के सवरने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.


Body:Vo. दमोह जिला अस्पताल में बीती सरकार के समय अनेक काम करोड़ों की लागत से किए गए हैं. लेकिन अभी भी जिला अस्पताल में बहुत से काम बाकी रह गए हैं. वहीं जिला अस्पताल के द्वारा अच्छा परफॉर्मेंस दिए जाने के चलते नीति आयोग के माध्यम से 40000000 रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. दमोह के पूर्व कलेक्टर के कार्यकाल में इस राशि को स्वीकृत करने की प्रक्रिया पूरी की गई, जिससे अस्पताल में विभिन्न तरह की सुविधाओं को पूरा किया जाएगा. अस्पताल का प्रशासन राशि के इंतजार में है वह इस मामले पर आरएमओ ने इस विषय में जानकारी दी.

वाइट डॉक्टर दिवाकर पटेल आरएमओ जिला अस्पताल दमोह

Vo. दमोह के नवागत कलेक्टर तरुण राठी का इस मामले पर कहना है कि राशि आवंटन की जानकारी उनके पास नहीं है. लेकिन नीति आयोग द्वारा दमोह को यह आवंटन जरूर किया गया है. जैसे ही यह राशि आती है उस राशि का प्रयोग अस्पताल के विकास कार्यों के लिए किया जाएगा.

बाइट तरुण राठी कलेक्टर दमोह


Conclusion:Vo. भले ही नीति आयोग के माध्यम से दमोह के विकास कार्य के लिए पैसों की आमद हो रही है. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि दमोह के जिला अस्पताल के विकास के लिए दी जाने वाली राशि का प्रयोग जब जिला अस्पताल में किया जाएगा. तो यहां आने वाले मरीजों को सुविधाओं के साथ अच्छे स्वास्थ्य लाभ का इनाम भी मिलेगा. देखना होगा कब तक यह बजट आता है और कब तक काम शुरू होता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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