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बैतूलः 3 करोड़ की लागत से लगे मेन राइडिंग सिस्टम से कामगार कर सकेंगे सफर

छतरपुर-1 खदान में काम करने वाले कामगारों को एक सौगात मिली है. अब 4 किलोमीटर लंबी छतरपुर-1 खदान में 2.76 किलोमीटर तक मेन राइडिंग सिस्टम से कामगार सफर कर सकेंगे.

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Published : Dec 26, 2020, 3:16 PM IST

Introduction of main riding system
मेन राइडिंग सिस्टम की शुरुआत

बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील के छतरपुर-1 खदान में 3 करोड़ रुपए की लागत से मेन राइडिंग सिस्टम लगाया गया है. शुक्रवार को मेन राइडिंग सिस्टम का शुभारंभ किया गया है. इससे अब 4 किलोमीटर लंबी छतरपुर-1 खदान में 2.76 किलोमीटर तक मेन राइडिंग सिस्टम से कामगार सफर कर सकेंगे.


तहसील के वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा प्रबंधन ने कामगारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छतरपुर-1 खदान में मेन राइडिंग सिस्टम (चेयर लिफ्ट) को 1.27 किलोमीटर तक और बढ़ा दिया है. इससे कामगारों को खदान में आवागमन करने में सुविधा मिलेगी, इतना ही नहीं थकान भी नहीं होगी. करीब 4 किलोमीटर लंबी इस खदान में आवागमन करने में पहले कामगारों को अच्छा खासा समय लग जाता था. जो अब कुछ ही समय में बिना थकान कामगार आसानी से खदान में प्रवेश और बाहर आ सकता है. वहीं कार्य दक्षता भी बढ़ेगी, इतना ही नहीं पूरी सुरक्षा के साथ आसानी से कामगार आवागमन कर सकेंगे.

नए सिस्टम को लगाने में 3 करोड़ का खर्च

छतरपुर-1 खदान में पहले 1.5 किलोमीटर मेन राइडिंग लगी थी. जिसे अब 1.27 किलोमीटर और बढ़ा दिया गया है. यानी अब 4 किलोमीटर लंबी इस खदान में 2.76 किलोमीटर तक मेन राइडिंग के सहारे आना-जाना हो सकेगा. इस सिस्टम को लगाने में कंपनी को 3 करोड़ से अधिक खर्च वहन करना पड़ा. मौजूदा स्थिति में इस खदान से रोजाना से करीब 1100 मीट्रिक टन तक कोयला उत्पादन होता है. सिस्टम लगने पर कामगारों की कार्य दक्षता बढ़ने से उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से इनकार नहीं किया जा सकता.


तहसील के छतरपुर-1 खदान में 780 अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें तीन सेक्शन हैं. छतरपुर-1 खदान के उपक्षेत्रीय प्रबंधक संजीवा रेड्डी ने बताया 2.76 किलोमीटर तक सिस्टम लगने से कामगारों को सुविधा मिलने के साथ कोयला उत्पादन भी बढ़ेगा. इस सुविधा का लाभ खदान में कार्य करने वाले सभी लोगों को मिलेगा. खदान में मेन राइडिंग सिस्टम और आगे तक बढ़ने से कामगारों में हर्ष है.

बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील के छतरपुर-1 खदान में 3 करोड़ रुपए की लागत से मेन राइडिंग सिस्टम लगाया गया है. शुक्रवार को मेन राइडिंग सिस्टम का शुभारंभ किया गया है. इससे अब 4 किलोमीटर लंबी छतरपुर-1 खदान में 2.76 किलोमीटर तक मेन राइडिंग सिस्टम से कामगार सफर कर सकेंगे.


तहसील के वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा प्रबंधन ने कामगारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छतरपुर-1 खदान में मेन राइडिंग सिस्टम (चेयर लिफ्ट) को 1.27 किलोमीटर तक और बढ़ा दिया है. इससे कामगारों को खदान में आवागमन करने में सुविधा मिलेगी, इतना ही नहीं थकान भी नहीं होगी. करीब 4 किलोमीटर लंबी इस खदान में आवागमन करने में पहले कामगारों को अच्छा खासा समय लग जाता था. जो अब कुछ ही समय में बिना थकान कामगार आसानी से खदान में प्रवेश और बाहर आ सकता है. वहीं कार्य दक्षता भी बढ़ेगी, इतना ही नहीं पूरी सुरक्षा के साथ आसानी से कामगार आवागमन कर सकेंगे.

नए सिस्टम को लगाने में 3 करोड़ का खर्च

छतरपुर-1 खदान में पहले 1.5 किलोमीटर मेन राइडिंग लगी थी. जिसे अब 1.27 किलोमीटर और बढ़ा दिया गया है. यानी अब 4 किलोमीटर लंबी इस खदान में 2.76 किलोमीटर तक मेन राइडिंग के सहारे आना-जाना हो सकेगा. इस सिस्टम को लगाने में कंपनी को 3 करोड़ से अधिक खर्च वहन करना पड़ा. मौजूदा स्थिति में इस खदान से रोजाना से करीब 1100 मीट्रिक टन तक कोयला उत्पादन होता है. सिस्टम लगने पर कामगारों की कार्य दक्षता बढ़ने से उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से इनकार नहीं किया जा सकता.


तहसील के छतरपुर-1 खदान में 780 अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें तीन सेक्शन हैं. छतरपुर-1 खदान के उपक्षेत्रीय प्रबंधक संजीवा रेड्डी ने बताया 2.76 किलोमीटर तक सिस्टम लगने से कामगारों को सुविधा मिलने के साथ कोयला उत्पादन भी बढ़ेगा. इस सुविधा का लाभ खदान में कार्य करने वाले सभी लोगों को मिलेगा. खदान में मेन राइडिंग सिस्टम और आगे तक बढ़ने से कामगारों में हर्ष है.

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