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कोरोना वालेंटियर कर रहे बीज कलेक्शन, ताकि हरे भरे हों नदियों के किनारे

बैतूल के घोड़ाडोंगरी में कोरोना वालेंटियर द्वारा बीज कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है. इनका छिडकाव नर्मदा नदी के किनारे और घोड़ाडोंगरी की देवना नदी के रिपेयर जोन में किया जाएगा, जिससे बारिश होने पर वह पौधों का रूप ले सके और क्षेत्र में हरियाली छा जाए.

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कोरोना वालेंटियर कर रहे बीज कलेक्शन, ताकि हरे भरे हों नदियों के किनारे
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Published : Jun 13, 2021, 11:01 PM IST

बैतूल। जिले में कोरोना वालेंटियर कोरोना से बचाव अभियान के साथ पर्यावरण संरक्षण की पहल में भी जुटे हुए है. नदियों के रिपेयर जोन में लगने वाले पौधों के लिए घोड़ाडोंगरी के जंगलों में बीज कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है. ताकि नदियों के पास उनका छिडकाव कर सके, जिससे बारिश होने पर वह स्वत: अंकुरित होकर पौधों का रूप ले सके.

बीज इक्ट्ठा करते वालेंटियर

अलग-अलग बीजों को इकट्ठा कर करेंगे छिड़काव

यहां गांवों और उनके आसपास में मौजूद करंज, नीम, जामुन, पलाश और इमली जैसे बीजों का कलेक्शन किया जा रहा है. परिषद से जुड़ी प्रस्फुटन समितियों के कार्यकर्ता यहां घर-घर जाकर ग्रामीणों के पास रखे इमली के बीज इकट्ठा कर रहे है. वहीं गांवों, सड़कों ,रास्तों और जंगलों में लगे पेड़ों के नीचे गिरे बीजों को इकठ्ठा कर रहे हैं. कार्यकर्ता अब तक सैकड़ों क्विंटल बीज जमा कर चुके हैं. इन बीजों को नदियों के उन क्षेत्रों में छिड़का जाएगा. जहां पेड़-पौधों की कमी है. इस छिड़काव के लिए समिति ने इलाके में बहने वाली देवना नदी का चयन किया है. इस नदी के 20 किमी के क्षेत्र में ऐसे स्थलों का चयन भी कर लिए गया है. जहां बीज छिड़के जाना है.

रिपेयर जोन के लिए भेजे जाएंगे 5 क्विंटल बीज

नर्मदा नदी के रिपेयर जोन के लिए इक्ट्ठा किए गए बीजों को नर्मदापुरम संभाग भी भेजा जाएगा. करीब 5 क्विंटल बीजों को नर्मदा नदी के रिपेयर जोन में छिड़का जाएगा. समिति के इस पहल की आम लोग सराहना कर रहे है. वहीं कई संगठन भी इस अभियान से खुद को जोड़ने का भरोसा जता रहे है.

ये है भारत सरकार का 'स्टाम्प वाला आम', डायबटीज के मरीज भी ले सकते है स्वाद


पहले चरण में देवना नदी के किनारे होगा पौधारोपण

घोड़ाडोंगरी ब्लाक कोऑर्डिनेटर संतोष राजपूत ने बताया कि कोरोना से बचाव के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण हेतु नदियों के रिपेयर जोन में लगने वाले पौधों के लिए बीज कलेक्शन का कार्य कर रहे हैं, ताकि वर्षा ऋतु के समय नदियों के समीप उनका छिडकाव कर सके, जिससे वह स्वत: अंकुरित होकर पौधों का रूप ले सकें. देवना नदी के साथ नर्मदा नदी के रिपेयर जोन के लिए नर्मदापुरम संभाग भेजा जाएगा.

बैतूल। जिले में कोरोना वालेंटियर कोरोना से बचाव अभियान के साथ पर्यावरण संरक्षण की पहल में भी जुटे हुए है. नदियों के रिपेयर जोन में लगने वाले पौधों के लिए घोड़ाडोंगरी के जंगलों में बीज कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है. ताकि नदियों के पास उनका छिडकाव कर सके, जिससे बारिश होने पर वह स्वत: अंकुरित होकर पौधों का रूप ले सके.

बीज इक्ट्ठा करते वालेंटियर

अलग-अलग बीजों को इकट्ठा कर करेंगे छिड़काव

यहां गांवों और उनके आसपास में मौजूद करंज, नीम, जामुन, पलाश और इमली जैसे बीजों का कलेक्शन किया जा रहा है. परिषद से जुड़ी प्रस्फुटन समितियों के कार्यकर्ता यहां घर-घर जाकर ग्रामीणों के पास रखे इमली के बीज इकट्ठा कर रहे है. वहीं गांवों, सड़कों ,रास्तों और जंगलों में लगे पेड़ों के नीचे गिरे बीजों को इकठ्ठा कर रहे हैं. कार्यकर्ता अब तक सैकड़ों क्विंटल बीज जमा कर चुके हैं. इन बीजों को नदियों के उन क्षेत्रों में छिड़का जाएगा. जहां पेड़-पौधों की कमी है. इस छिड़काव के लिए समिति ने इलाके में बहने वाली देवना नदी का चयन किया है. इस नदी के 20 किमी के क्षेत्र में ऐसे स्थलों का चयन भी कर लिए गया है. जहां बीज छिड़के जाना है.

रिपेयर जोन के लिए भेजे जाएंगे 5 क्विंटल बीज

नर्मदा नदी के रिपेयर जोन के लिए इक्ट्ठा किए गए बीजों को नर्मदापुरम संभाग भी भेजा जाएगा. करीब 5 क्विंटल बीजों को नर्मदा नदी के रिपेयर जोन में छिड़का जाएगा. समिति के इस पहल की आम लोग सराहना कर रहे है. वहीं कई संगठन भी इस अभियान से खुद को जोड़ने का भरोसा जता रहे है.

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पहले चरण में देवना नदी के किनारे होगा पौधारोपण

घोड़ाडोंगरी ब्लाक कोऑर्डिनेटर संतोष राजपूत ने बताया कि कोरोना से बचाव के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण हेतु नदियों के रिपेयर जोन में लगने वाले पौधों के लिए बीज कलेक्शन का कार्य कर रहे हैं, ताकि वर्षा ऋतु के समय नदियों के समीप उनका छिडकाव कर सके, जिससे वह स्वत: अंकुरित होकर पौधों का रूप ले सकें. देवना नदी के साथ नर्मदा नदी के रिपेयर जोन के लिए नर्मदापुरम संभाग भेजा जाएगा.

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