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बैतूल जिले के गांव उमरिया में पानी के लिए हाहाकार, बर्तन लेकर महिलाओं किया सड़क पर प्रदर्शन

बैतूल जिले के आमला-ग्राम पंचायत के उमरिया गांव के ग्रामीणों ने पानी की समस्या सहित अन्य मांगों को लेकर आधे घंटे तक खाली बर्तन लेकर रास्ते पर बैठकर प्रदर्शन किया. यहां पानी के लिए लोगों को खासा परेशान होना पड़ रहा है. इसके साथ ही अन्य कई परेशानियों से भी ग्रामवासी जूझ रहे हैं. (Women protest on the road with utensils) ( Water crisis in villages of Betul)

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Published : May 2, 2022, 5:51 PM IST

बैतूल। उमरिया में नल-जल योजना स्वीकृत है. इसके लिए पाइप लाइन बिछा दी गई है. नल-जल योजना के तहत दो ट्यूबवेल भी खनन किए गए हैं. लेकिन अब तक टंकी और संपवेल का निर्माण नहीं कराया गया. गांव में आधे घंटे पानी की सप्लाई की जाती है. कई घरों तक तो पानी पहुंच ही नहीं पाता है. इसके चलते कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह परमार के नेतृत्व में गांव के ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया.

भीषण गर्मी में पानी को जूझ रहे : गांव की कांति चौहान, अनिता कुशवाह, गीता कुशवाह ने बताया एक तरफ तपिश भरी गर्मी तो दूसरी तरफ जलसंकट के कारण लोगों को पीने योग्य पानी मिलना भी मुहाल हो गया है. नलजल योजना का हाल काफी बुरा है और इसका सही लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने नल-जल योजना का लाभ लोगों को दिलाने की मांग की है. ग्रामीण महेन्द्र सिंह चौहान, राजेश सिंह कुशवाह, सोहन सिंह कुशवाह, दयाल चौहान, राजेश पटेल, रूप सिंह चौहान, जितेंद्र शर्मा ने बताया गांव में वर्षों से पानी की समस्या है. आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा पानी की समस्या का हल नहीं किया गया.

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पंचायत सचिव को हटाने की मांग : ग्रामीण शीला बाई, चित्रा राठौर, इतेच्छी कुशवाह ने बताया आधे घंटे में एक बाल्टी पानी मिल पाता है. आधे घरों में पानी पहुंचता है बाकी घरों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ हैं. शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं सुनते. ग्रामीणों ने पंचायत के रोजगार सहायक किशन सिंह परमार पर भी लापरवाही के आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की है. गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनाने, पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र ग्रामीण भटक रहे हैं. (Women protest on the road with utensils) ( Water crisis in villages of Betul)

बैतूल। उमरिया में नल-जल योजना स्वीकृत है. इसके लिए पाइप लाइन बिछा दी गई है. नल-जल योजना के तहत दो ट्यूबवेल भी खनन किए गए हैं. लेकिन अब तक टंकी और संपवेल का निर्माण नहीं कराया गया. गांव में आधे घंटे पानी की सप्लाई की जाती है. कई घरों तक तो पानी पहुंच ही नहीं पाता है. इसके चलते कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह परमार के नेतृत्व में गांव के ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया.

भीषण गर्मी में पानी को जूझ रहे : गांव की कांति चौहान, अनिता कुशवाह, गीता कुशवाह ने बताया एक तरफ तपिश भरी गर्मी तो दूसरी तरफ जलसंकट के कारण लोगों को पीने योग्य पानी मिलना भी मुहाल हो गया है. नलजल योजना का हाल काफी बुरा है और इसका सही लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने नल-जल योजना का लाभ लोगों को दिलाने की मांग की है. ग्रामीण महेन्द्र सिंह चौहान, राजेश सिंह कुशवाह, सोहन सिंह कुशवाह, दयाल चौहान, राजेश पटेल, रूप सिंह चौहान, जितेंद्र शर्मा ने बताया गांव में वर्षों से पानी की समस्या है. आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा पानी की समस्या का हल नहीं किया गया.

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पंचायत सचिव को हटाने की मांग : ग्रामीण शीला बाई, चित्रा राठौर, इतेच्छी कुशवाह ने बताया आधे घंटे में एक बाल्टी पानी मिल पाता है. आधे घरों में पानी पहुंचता है बाकी घरों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ हैं. शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं सुनते. ग्रामीणों ने पंचायत के रोजगार सहायक किशन सिंह परमार पर भी लापरवाही के आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की है. गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनाने, पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र ग्रामीण भटक रहे हैं. (Women protest on the road with utensils) ( Water crisis in villages of Betul)

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