बैतूल। सावन के पहले सोमवार को एक से कोबरा के करीब सौ से ज्यादा बच्चे निकलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. लेकिन ग्रामीण कोबरा प्रजाति के सांपों के निकलने को चमत्कार मान रहे हैं. दरअसल बैतूल जिले के भीमपूर ब्लॉक के चुनालोहमा ग्राम पंचायत के भुरूढाना गांव में एक किसान के घर के समीप सैकड़ों सांप निकले. ग्रामीण इन सांपों की पूजा कर रहे हैं. वहीं सर्प विशेषज्ञ इसे खतरनाक बता रहे हैं. जब इसकी सूचना वन विभाग को लगी तो वनकर्मियों ने सांप के बच्चों को ग्रामीणों से बरामद कर उन्हें जंगल में छोड़ दिया है.
अंधविश्वास में डूबे ग्रामीण
ग्रामीणों का मानना है कि सावन के महीने में सांपों का दिखना शुभ होता है. सांप भगवान भोलेनाथ का आभूषण माना जाता है और सावन के महीने में भगवान शिव को पूजा जाता है. दरअसल बैतूल जिले के भीमपूर ब्लाक के चुनालोहमा ग्राम पंचायत के भुरूढाना गांव में एक किसान के घर के समीप सैकड़ों सांप निकले हैं. उस किसान ने कोबरा प्राजति के सांपों को एक बड़े से बर्तन में रखा है. वहीं ग्रामीण अब सांपों की पूजा पाठ कर रहे हैं.
इतने सांप एक साथ कभी नहीं देखे
किसान चिंधु पाटनकर के घर के समीप जमीन के एक बिल से निकले इन सांपों को एक बर्तन में रखा गया है. वैसे भी श्रावन के महीने में सांपों की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. वहीं ग्रामीणों की मान्यता है कि श्रावन के महीने में सांपों को दूध और धान खिलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
वहीं सर्प विशेषज्ञ आदिल खान का कहना है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी भर जाता है और सांप सुरक्षित स्थानों की तलाश में लोगों के घरों में घुसने लगते हैं. जिससे सर्पदंश का खतरा बना रहता है. सर्प विशेषज्ञ के मुताबिक कोबरा के बच्चे भी खतरनाक होते हैं. ऐसे में इन्हें स्पर्श करना भी खतरें से खाली नहीं है. रेंजर विजय करण वर्मा का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी. अगर वन्य प्राणी प्रताड़ना का मामला सामने आएगा तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.