बैतूल। लोकसभा चुनाव में जहां प्रशासन मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई तरह के जतन कर रहा है. वहीं मतदाताओं ने भी वोटिंग को लेकर जागरूकता दिखाई है. इसे लेकर कई मिसालें भी लोगों ने पेश की है. ऐसा ही मामला देखने को मिला बैतूल में, जहां वोटिंग के लिए आदिवासी दूल्हा-दुल्हन ने शादी की तारीख बढ़ा दी है. उनका कहना है कि वे तसल्ली से वोट देना चाहते हैं.
मामला बैतूल के मर्दवानी और भड़ुकी गांव कहा है, जहां एक सैनिक दूल्हे और दुल्हन ने मतदान के लिए अपनी शादी की तारीख बढ़ा दी है. दोनों ने शादी की तारीख इसलिए बढ़ाई है, क्योंकि सारे बाराती और मेहमान भी 6 मई को होने वाले मतदान में तसल्ली से मतदान कर सकें. दुल्हन शर्मिला और दूल्हा सतीश दोनों पढ़े-लिखे हैं. सतीश सेना में 127 लाइट एडी रेजिमेंट में अनंतनाग में सिपाही है. वहीं आदिवासी गांव मर्दवानी की शर्मिला बीएससी ग्रेजुएट है.
परिजनों ने दोनों की शादी की तारीख 6 मई तय की है. टेंट से लेकर खानसामे और बारात लाने ले जाने के लिए गाड़ियों का इंतजाम कर उन्हें एडवांस दे दिया गया है. यहां तक कि सतीश के परिजनों ने आमन्त्रण पत्र छपवाकर अपने कई रिश्तेदारों में बांट भी दिए. लेकिन इसी बीच हुए चुनाव की घोषणा ने दूल्हा-दुल्हन को बेचैन कर दिया. जिसके बाद दोनों ने तय किया कि शादी 6 की जगह 7 मई को करेंगे. दोनों के इस फैसले को परिवार ने भी माना.
ससुराल जाने का रोमांच तो है लेकिन मतदान जरूरी
दोनों परिवारों ने बैठकर तय कर लिया कि मतदान के चलते मेहमानों को होने वाली परेशानी दूर करने के लिए शादी 7 मई को होगी. वहीं इस मामले में दुल्हन शर्मिला का कहना है कि उसे ससुराल जाने का रोमांच तो है, लेकिन चुनाव के चलते वह एक दिन और इंतेजार कर लेगी. जबकि परिजन ने कहा कि इससे उन्हें परेशानी तो हुई, लेकिन देश के लिए सब मंजूर है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी चुनाव को लेकर लोगों में रोमांच देखने को मिल रहा है. कुछ लोगों ने तो वेडिंग कार्ड में भी वोट देने को लेकर संदेश छपवाए. कुछ के वेडिंग कार्ड में मोदी को वोट देने के नारे लिखे मिले.