बैतूल। प्री मॉनसून ने समर्थन मूल्य पर की गई खरीदी के बाद स्टोरेज में की गई लापरवाही की पोल खोल दी, शहर में हुई बारिश के कारण उपार्जन केंद्रों में खुले में रखा अनाज भीग गया और बोरे के अंदर ही अंकुरित हो गया. बैतूल जिले के कई उपार्जन केंद्रो पर गेंहू और चना खरीदने के बाद सही समय पर अनाज को गोदामों में नहीं पहुंचाया गया, जिसके कारण जिले में दो दिनों से हो रही बातरिश के चलते गेहूं और चना बर्बाद हो गया है. इस साल जिले में रिकॉर्ड तोड़ 1 लाख 26 हजार मेट्रिक टन गेंहू की खरीदी हुई है, वहीं चने की खरीदी जारी है. अब तक एक अनुमान के मुताबिक 10 हजार मेट्रिक टन चने की खरीदी की जा चुकी है.
दरअसल, बारिश की चेतावनी के बाद भी प्रशासन ने समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं और चने को सुरक्षित रूप से गोदाम में नहीं पहुंचाया, जिसके कारण अनाज का ये हाल हुआ है. खुले में रखा गेंहू और चने के बोरों को ऊपर से ढंक दिया गया लेकिन अगल-बगल से खुला रहने के कारण बोरियां गीली हो गईं और अनाज पर अंकुर फूट पड़े. बता दें कि बैतूल बाजार, मुलताई ब्लॉक के चिखली कला, मैहतपुर और हुमलपुर में सबसे ज्यादा अनाज गीला हुआ है, बताया जा रहा है कि करीब 15 सौ गेंहू और चने के बोरे भीग गए हैं.
खरीदी करने वाली एजेंसी इसका पूरा ठीकरा ट्रांसपोर्ट पर फोड़ रही है, उनका कहना है कि 4 दिन पहले पत्र के माध्यम से अनाज उठाने की व्यवस्था की जाने को लेकर कहा था. लेकिन अनाज को ट्रांसपोर्ट करने का ठेका जिसको दिया था, उसकी लापरवाही के चलते अनाज नहीं उठ पाया. वहीं इस मामले में जब बैतूल कलेक्टर राकेश सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि जिलेभर आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, उसके बाद ही मीडिया के सवालों का जवाब दिया जा सकेगा.