बैतूल। पर्यावरण के साथ-साथ जल को संरक्षित रखने के लिए शहर की एक पहाड़ी पर बीते तीन सालों से भारत भारती शिक्षा समिति के द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है. जिसे गंगा अवतरण नाम दिया गया है. यह अभियान प्रत्येक रविवार को चलाया जाता है जिसमें सैकड़ों लोग सुबह पहाड़ी पर पौधरोपण करते हैं.
शहर से पांच किलोमीटर दूर सोनाघाटी की पहाड़ी पर हर रविवार को लोग केवल एक उद्देश्य के लिए जमा होते हैं और वो है पर्यावरण को किसी भी हाल में बचाना. एक समय में हरी भरी दिखने वाली सोनाघाटी की पहाड़ी बैतूल-नागपुर फोर लेन बनने के बाद उजड़ चुकी थी. रोड बनाने के दौरान सैकड़ों पेड़ काट दिए गए थे. उसके बाद भारत भारती शिक्षा समिति ने तीन साल पहले एक मुहिम गंगा अवतरण शुरू किया जिसमें बारिश का पानी रोकने के साथ-साथ पौधारोपण भी किया जा रहा है.
भारत भारती शिक्षा समिति के मोहन नागर ने बताया कि उनकी समिति ने जनसहयोग से सोनाघाटी की पहाड़ी पर लगभग दो हजार पांच सौ खंतीया खोदी जा चुकी हैं. इस पहाड़ी पर अभी तक दो हजार से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए जा चुके हैं. अब आगे बैतूल शहर के आस पास की अन्य पहाड़ियों पर 10 हजार पेड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. इस अभियान का उद्देश्य भविष्य में लोगों को जल संकट से बचाना है.