बैतूल। घटते जंगलों से चिंतित वन विभाग अब अत्याधुनिक तरीके से जंगलों को बचाने और बढ़ाने में जुट गया है. वन विभाग एक GPS डिवाइस के जरिए यह पता लगाएगा कि वृक्षारोपण के लिए किस क्षेत्र में कब और कैसे काम किया जाए. साथ ही किस इलाके में कौन सा पौधा किस स्थान पर लगाया जाए. इस डिवाइस की जानकारी वन विभाग के आला अधिकारियों ने वनकर्मियों को कार्यशाला के जरिए दी.
दक्षिण वन मंडल के महुपानी के जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस की जानकारी और उसका उपयोग कैसे किया जाए, इसकी जानकारी वनकर्मियों को दी गई. ई-ट्रैक्स 10, 20 और 30 एक ऐसा डिवाइस है, जिसके जरिए वृक्षारोपण स्थल चयन के साथ-साथ मैपिंग और ट्रैकिंग का काम बहुत ही आसान कर दिया है. वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पहले मैप एनआर सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जंगल में जीपीएस लोकेशन के बाद वृक्षारोपण के लिए करते थे, लेकिन ई-ट्रैक्स सैटेलाइट से सीधे जीपीएस सिग्नल प्राप्त करके वेवपॉइंट, ट्रैक बनाकर दे देते हैं. इसका इस्तेमाल ज्यादा आसान है और ये वनकर्मियों के लिए जंगल में काम करने के दौरान बहुत ही सहायक है.
इस डिवाइस से वनरक्षकों को पहाड़ी और मैदानी एरिया का भी पता चल जाता है. साथ ही वृक्षारोपण के लिए यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सी जमीन किस तरह के पौधे के लिए ज्यादा उपयोगी है. वन विभाग इस साल जंगलों में 12 लाख पौधे लगाने वाला है. अब देखना होगा कि ई ट्रैक्स सिस्टम की मदद से वन विभाग को कितना फायदा होगा.