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हाईटेक हुआ वन विभाग, जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस से होगा वृक्षारोपण - कार्यशाला द्वारा दी गई जानकारी वन अधिकारियों

वन विभाग के कर्मचारियों को कार्यशाला के जरिए ई-ट्रैक्स डिवाइस की जानकारी दी गई. वन विभाग GPS डिवाइस के जरिए वृक्षारोपण के लिए सही स्थान का चुनाव करेगा.

जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस से होगा वृक्षारोपण
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Published : May 30, 2019, 2:19 PM IST

बैतूल। घटते जंगलों से चिंतित वन विभाग अब अत्याधुनिक तरीके से जंगलों को बचाने और बढ़ाने में जुट गया है. वन विभाग एक GPS डिवाइस के जरिए यह पता लगाएगा कि वृक्षारोपण के लिए किस क्षेत्र में कब और कैसे काम किया जाए. साथ ही किस इलाके में कौन सा पौधा किस स्थान पर लगाया जाए. इस डिवाइस की जानकारी वन विभाग के आला अधिकारियों ने वनकर्मियों को कार्यशाला के जरिए दी.

जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस से होगा वृक्षारोपण

दक्षिण वन मंडल के महुपानी के जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस की जानकारी और उसका उपयोग कैसे किया जाए, इसकी जानकारी वनकर्मियों को दी गई. ई-ट्रैक्स 10, 20 और 30 एक ऐसा डिवाइस है, जिसके जरिए वृक्षारोपण स्थल चयन के साथ-साथ मैपिंग और ट्रैकिंग का काम बहुत ही आसान कर दिया है. वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पहले मैप एनआर सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जंगल में जीपीएस लोकेशन के बाद वृक्षारोपण के लिए करते थे, लेकिन ई-ट्रैक्स सैटेलाइट से सीधे जीपीएस सिग्नल प्राप्त करके वेवपॉइंट, ट्रैक बनाकर दे देते हैं. इसका इस्तेमाल ज्यादा आसान है और ये वनकर्मियों के लिए जंगल में काम करने के दौरान बहुत ही सहायक है.


इस डिवाइस से वनरक्षकों को पहाड़ी और मैदानी एरिया का भी पता चल जाता है. साथ ही वृक्षारोपण के लिए यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सी जमीन किस तरह के पौधे के लिए ज्यादा उपयोगी है. वन विभाग इस साल जंगलों में 12 लाख पौधे लगाने वाला है. अब देखना होगा कि ई ट्रैक्स सिस्टम की मदद से वन विभाग को कितना फायदा होगा.

बैतूल। घटते जंगलों से चिंतित वन विभाग अब अत्याधुनिक तरीके से जंगलों को बचाने और बढ़ाने में जुट गया है. वन विभाग एक GPS डिवाइस के जरिए यह पता लगाएगा कि वृक्षारोपण के लिए किस क्षेत्र में कब और कैसे काम किया जाए. साथ ही किस इलाके में कौन सा पौधा किस स्थान पर लगाया जाए. इस डिवाइस की जानकारी वन विभाग के आला अधिकारियों ने वनकर्मियों को कार्यशाला के जरिए दी.

जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस से होगा वृक्षारोपण

दक्षिण वन मंडल के महुपानी के जंगलों में ई-ट्रैक्स डिवाइस की जानकारी और उसका उपयोग कैसे किया जाए, इसकी जानकारी वनकर्मियों को दी गई. ई-ट्रैक्स 10, 20 और 30 एक ऐसा डिवाइस है, जिसके जरिए वृक्षारोपण स्थल चयन के साथ-साथ मैपिंग और ट्रैकिंग का काम बहुत ही आसान कर दिया है. वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पहले मैप एनआर सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जंगल में जीपीएस लोकेशन के बाद वृक्षारोपण के लिए करते थे, लेकिन ई-ट्रैक्स सैटेलाइट से सीधे जीपीएस सिग्नल प्राप्त करके वेवपॉइंट, ट्रैक बनाकर दे देते हैं. इसका इस्तेमाल ज्यादा आसान है और ये वनकर्मियों के लिए जंगल में काम करने के दौरान बहुत ही सहायक है.


इस डिवाइस से वनरक्षकों को पहाड़ी और मैदानी एरिया का भी पता चल जाता है. साथ ही वृक्षारोपण के लिए यह आसानी से पता चल जाएगा कि कौन सी जमीन किस तरह के पौधे के लिए ज्यादा उपयोगी है. वन विभाग इस साल जंगलों में 12 लाख पौधे लगाने वाला है. अब देखना होगा कि ई ट्रैक्स सिस्टम की मदद से वन विभाग को कितना फायदा होगा.

Intro:बैतूल ।।

घटते जंगलो से चिंतित वन विभाग अब और भी अत्याधुनिक वैज्ञानिक पद्धितियों को अपनाकर जंगलो को बचाने और बढ़ाने में जुट गया है । एक जीपीएस डिवाइस के जरिये अब वन विभाग यह पता लगा लेता है कि वृक्षारोपण के लिए किस क्षेत्र में कब और कैसे काम किया जाए और कौनसा पौधा किस स्थान पर लगाया जाए । इस डिवाइस की जानकारी वन विभाग के आला अधिकारी वन कर्मियों को कार्यशाला के साथ साथ जंगलो में ले जाकर ट्रेनिंग के जरिये दे रहा है ।


Body:दक्षिण वन मंडल के महुपनी के जंगलों में मंगलवार को ई ट्रैक्स डिवाइस की जानकारी और उसका उपयोग कैसे किया जाए उसकी जानकारी वन कर्मियों को दी गई । ई ट्रैक्स 10, 20 और 30 एक ऐसा डिवाइस है जिसके जरिये व्रक्षारोपन स्थल चयन के साथ साथ मैपिंग और ट्रैकिंग का काम बहुत ही आसान कर दिया है । वन विभाग के अधिकारी बताते है कि पहले मैप एनआर सॉफ्टवेयर का उयोग कर जंगल मे जीपीएस लोकेशन के व्रक्षारोपन का स्तेमाल करते थे । लेकिन ई ट्रैक्स सैटेलाइट से सीधे जीपीएस सिग्नल प्राप्त करके वेवपॉइंट, ट्रैक बनाके दे देते है ये स्तेमाल ज्यादा आसान रहता है और ये वन कर्मियों के लिए जंगल मे काम करने के दौरान बहुत ही सहायक है ।


वन रक्षकको को ई ट्रैक्स के माध्यम से यह भी पता चल जाता है कि किसी जगह अतिक्रमण तो नही हुआ है । इसके जरिये पहाड़ी एरिया और मैदानी एरिया पता चल जाता है और व्रक्षारोपन के यह आसानी से पता चल जाएगा कि यह जमीन किस पौधे के लिए ज्यादा उपयोगी । यह सब पता चलने के बाद उस जगह सागौन के पौधे के लिए उपयोगी या अन्य प्रजाति के पौधे के लिए ।


Conclusion:वन विभाग इस साल जंगलो में 12 लाख पौधे लगाने वाला है अब देखना होगा कि ई ट्रेक्स सिस्टम की मदद से वन विभाग को कितना फायदा होगा । जंगल बचाने और उसे बढ़ाने की कवायद में जुटे वन विभाग को इस सिस्टम से कितनी मदद मिलती है ।

बाइट -- अशोक कुमार ( डीएफओ, दक्षिण वन मंडल )
बाइट -- गौरव शर्मा ( एसडीओ भैंसदेही )
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