ETV Bharat / state

बैतूल: बारिश से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग, किसानों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

अतिवृष्टि से बर्बाद हुई सोयाबीन और मक्का की फसल का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की गई है. किसानों ने इसके लिए कलेक्टर को एक आवेदन भी दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

Farmers demand compensation for crop damage
किसानों ने फसल क्षति मुआवजे की मांग की
author img

By

Published : Sep 16, 2020, 3:10 AM IST

बैतूल। अतिवृष्टि से बर्बाद हुई सोयाबीन, मक्का सहित अन्य फसल को लेकर किसान परेशान हैं. बारिश से ज्यादा नुकसान चिचोली ब्लॉक के ग्राम पीपल बर्रा में बताया जा रहा है. जहां के किसानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है. फसल नुकसान के मुआवजे की आस लेकर सैकड़ों किसान मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कलेक्टर को आवेदन दिया और सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की.

किसानों ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इसके अलावा मक्का की फसल भी बर्बाद हुई है, लेकिन प्रशासन ने अब तक किसी प्रकार का कोई सर्वे तक नहीं किया है. किसानों की मानें तो अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे करने अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं अधिकारी सर्वे कराने की बात कह रहे हैं.

किसानों का कहना हैं कि ज्यादातर खाद, बीज, कीटनाशक, खरपतवार और जरुरत का सभी सामान सोयाबीन की फसल के भरोसे पर ही बाजार से उधार लेते हैं, लेकिन इस बार सोयाबीन की फसल ही नष्ट हो जाने के कारण किसान असहाय महसूस कर रहे हैं.

अतिवृष्टि से चौपट हुई फसलों से किसानों की कमर टूट गई है. जिन्हें अब परिवार का पेट भरने के लिए भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे समय में शासन-प्रशासन से मदद की उम्मीद भी बेईमानी साबित हो रही है. जिसे लेकर भी किसान नाराज हैं.

आक्रोशित किसानों का तो यह भी कहना है कि कभी कर्ज माफी तो कभी फसल बीमा के नाम पर उन्हें छला जा रहा है. फसल खराब होने के बाद हाथ में पैसे नहीं, तो कैसे कर्ज चुकाए, बच्चों की फीस भरने और परिवार के पालन-पोषण की चिंता सता रही है.

बैतूल। अतिवृष्टि से बर्बाद हुई सोयाबीन, मक्का सहित अन्य फसल को लेकर किसान परेशान हैं. बारिश से ज्यादा नुकसान चिचोली ब्लॉक के ग्राम पीपल बर्रा में बताया जा रहा है. जहां के किसानों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है. फसल नुकसान के मुआवजे की आस लेकर सैकड़ों किसान मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कलेक्टर को आवेदन दिया और सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की.

किसानों ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इसके अलावा मक्का की फसल भी बर्बाद हुई है, लेकिन प्रशासन ने अब तक किसी प्रकार का कोई सर्वे तक नहीं किया है. किसानों की मानें तो अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे करने अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं अधिकारी सर्वे कराने की बात कह रहे हैं.

किसानों का कहना हैं कि ज्यादातर खाद, बीज, कीटनाशक, खरपतवार और जरुरत का सभी सामान सोयाबीन की फसल के भरोसे पर ही बाजार से उधार लेते हैं, लेकिन इस बार सोयाबीन की फसल ही नष्ट हो जाने के कारण किसान असहाय महसूस कर रहे हैं.

अतिवृष्टि से चौपट हुई फसलों से किसानों की कमर टूट गई है. जिन्हें अब परिवार का पेट भरने के लिए भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे समय में शासन-प्रशासन से मदद की उम्मीद भी बेईमानी साबित हो रही है. जिसे लेकर भी किसान नाराज हैं.

आक्रोशित किसानों का तो यह भी कहना है कि कभी कर्ज माफी तो कभी फसल बीमा के नाम पर उन्हें छला जा रहा है. फसल खराब होने के बाद हाथ में पैसे नहीं, तो कैसे कर्ज चुकाए, बच्चों की फीस भरने और परिवार के पालन-पोषण की चिंता सता रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.