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गढा डेम के लिए किसानों ने सड़क पर किया प्रदर्शन, अधिकारियों ने दिया आश्वासन

बैतूल में गढा डेम को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों ने मांग करते हुए कहा कि किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी डेम ही चाहिए न की बैराज.

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Published : Feb 5, 2020, 9:51 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 11:08 PM IST

farmar protest for gada dam
गढा डेम के लिए किसानों ने सड़क पर किया प्रदर्शन

बैतूल। किसानों के सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए गढा डेम को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों ने मांग करते हुए कहा कि किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी डेम ही चाहिए न की बैराज. इसलिए किसान डेम के पानी के लिए प्रदर्शन कर रहे है.

गढा डेम के लिए किसानों ने सड़क पर किया प्रदर्शन

पूर्व विधायक हेमंत खंडेलवाल ने बताया कि डेम को लेकर सरकार की तरफ से जो आश्वासन आया है और अधिकारियों ने जो भी घोषणा की है. किसान पूरी तरह से सहमत है. डेम के पानी के लिए कोई बहस नहीं होनी थी.

पहले डेम स्वीकृत था टेंडर था बनना भी था. लेकिन हैरत की बात यह है कि डेम का एक पाया भी नहीं खुदा और डेम बनाने वाली कंपनी को 49 करोड़ रुपये एडवांस में दे दिए. सरकार ने टेंडर नियम के खिलाफ जाकर एडवांस दिया है. पूर्व विधायक ने इस पूरे मामले को घोटाला करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

जल संसाधन विभाग से एके डहेरिया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि डेम की जगह पर बांध ही बनाया जाएगा उसकी जगह पर किसी भी प्रकार का बैराज नहीं बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को आश्वस्त कर दिया गया है कि गढा डेम जिस रूप में प्रस्तावित था उसी रुप में डेम का निर्माण किया जाएगा.

बैतूल। किसानों के सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए गढा डेम को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों ने मांग करते हुए कहा कि किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी डेम ही चाहिए न की बैराज. इसलिए किसान डेम के पानी के लिए प्रदर्शन कर रहे है.

गढा डेम के लिए किसानों ने सड़क पर किया प्रदर्शन

पूर्व विधायक हेमंत खंडेलवाल ने बताया कि डेम को लेकर सरकार की तरफ से जो आश्वासन आया है और अधिकारियों ने जो भी घोषणा की है. किसान पूरी तरह से सहमत है. डेम के पानी के लिए कोई बहस नहीं होनी थी.

पहले डेम स्वीकृत था टेंडर था बनना भी था. लेकिन हैरत की बात यह है कि डेम का एक पाया भी नहीं खुदा और डेम बनाने वाली कंपनी को 49 करोड़ रुपये एडवांस में दे दिए. सरकार ने टेंडर नियम के खिलाफ जाकर एडवांस दिया है. पूर्व विधायक ने इस पूरे मामले को घोटाला करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

जल संसाधन विभाग से एके डहेरिया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि डेम की जगह पर बांध ही बनाया जाएगा उसकी जगह पर किसी भी प्रकार का बैराज नहीं बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को आश्वस्त कर दिया गया है कि गढा डेम जिस रूप में प्रस्तावित था उसी रुप में डेम का निर्माण किया जाएगा.

Intro:बैतुल ।। हेमंत पवार, स्ट्रिंगर ।।

लंबे समय से गढ़ा डैम को लेकर विवाद है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा शासन के दौरान बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल थे तब क्षेत्र के कुछ गांव के किसान गढ़ा डैम बनाए जाने का ही विरोध कर रहे थे, जिनकी जमीन डैम में डूब में आ रही थी, लेकिन कुछ गांव के किसान डैम के समर्थन में भी थे, जिन्हें इस डैम के बनने से फायदा मिलता। इसी दौरान विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई और गढ़ा डैम बनाए जाने के संबंध में अधिसूचना और भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पर ग्रहण लग गया। Body:प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही फिर से एक बार गढ़ा डैम का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। पहले यह जानकारी सामने आई कि माचना नदी पर गढ़ा डैम की जगह 8 बैराज बनाए जाएंगे। यह जानकारी वायरल होते ही सबसे पहले कांग्रेस नेता एवं पिछले विधानसभा चुनाव में बैतूल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हेमंत वागद्रे किसानों के समर्थन में सामने आए और कलेक्ट्रेट में कुछ देर धरने पर भी बैठे। उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी किसानों के इस धरने में शामिल हुए, तभी राजनैतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि अब गढ़ा डैम और बैराज में कुछ ना कुछ निर्णय होना तय है, ऐसा ही हुआ। कल जिला जल संसाधन विभाग के ईई एके डहेरिया ने एक प्रेस नोट के माध्यम से यह सार्वजनिक किया कि गढ़ा डैम अपने मूल स्वरूप में बनाया जाएगा और बैराज निर्माण किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

शासन स्तर पर स्पष्ट किए जाने के बावजूद आज बुधवार को किसानों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक बैतूल-इंदौर हाईवे पर जीन जोड़ पर चक्काजाम और प्रदर्शन शुरू किया। इस प्रदर्शन में पूर्व विधायक एवं प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल एवं प्रदेश एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस नेता हेमंत वागद्रे भी शामिल हुए।Conclusion:जल संसाधन विभाग के ईई एके डहेरिया ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को लिखित में यह जानकारी दी कि गढ़ा डैम बनेगा बैराज नहीं और इस जानकारी के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।

बाइट -- राहुल राठौर ( किसान )
बाइट -- हेमंत खंडेलवाल ( भाजपा, प्रदेश कोषाध्यक्ष )
बाइट -- ए के डहेरिया ( ईई, जल संसाधन )


Last Updated : Feb 5, 2020, 11:08 PM IST
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