बैतूल। आमतौर पर शादी के पंडालों, मंदिरों, गुरुद्वारों, गिरजाघरों में एक दूजे का होते हुए दूल्हा दुल्हनों को देखा होगा. लेकिन बैतूल के मुलताई में न्याय के मंदिर कोर्ट में दो तलाकशुदा जोड़े ने एक-दुसरे को वरमाला पहना कर फिर से हमसफर बन गए. यही नहीं दोनों ने अपना अतीत भुलाने का वादा भी किया.
स्कूल टीचर संदीप की अपनी पत्नी सोनिका से अनबन हो गई थी. जिसकी शिकायत लोक अदालत पहुंची और दोनों के बीच तलाक हो गया. आठ साल पहले 2011में संदीप ने पत्नी सोनिका के खिलाफ तलाक का मामला पेश किया. जिसके कई साल की सुनवाई के बाद साल 2013 में अदालत ने दोनों का तलाक मंजूर करते हुए अलग रहने का फैसला सुना दिया. शायद यह तालाक पूरा नहीं हुआ था.
दोनों का एक साल का बेटा जब आठ साल का हुआ, तो बेटे के भविष्य की चिंता ने इस जोड़े को एक दूजे का होने के लिए मजबूर कर कर दिया. पति-पत्नी के अलगाव को एक करने में बैतूल जिले अदालत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डीजे शिवबाला सिंह ने इस जोड़े की काउंसिलिंग की फिर उन्हें नया दाम्पत्य जीवन गुजारने की सलाह दी. इस जोड़े ने अदालत के इस परामर्श को माना और आज यह यह जोड़ा न्यायधीशों और वकीलों के आशीर्वाद के बीच फिर से एक दूजे के हो गए. इस मौके पर न्यायधीशों ने जोड़े को आशीर्वाद देकर और मिठाई खिलाकर विदा किया. वहीं वकीलों ने रामायण भेटकर आदर्श जीवन में उतारने की समझाइश दी.