बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील के तवा-टू-खदान में बुधवार दोपहर दर्दनाक हादसा हुआ. हादसे में 59 वर्षीय ड्रेसर रामचरण की मौत हो गई. खदान में हादसे की जानकारी लगते ही कोल प्रबंधन में हड़कंप मच गया. हादसा मुहाना से लगभग डेढ़ किलोमीटर अंदर हुआ. आनन-फानन में साथी कर्मियों ने 62 लेवल डिप्लेरिंग से गंभीर रूप से घायल रामचरण को मुहाने पर लेकर आए. इसके बाद वहां से क्षेत्रीय चिकित्सालय पाथाखेड़ा लाया गया. जहां डॉक्टरों ने रामचरण को मृत घोषित कर दिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए घोड़ाडोंगरी अस्पताल भिजवाया गया है.
पसली टूटने से आईं थी गंभीर चोटें
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटनास्थल पर रामचरण ने हादसे के बाद पानी पीया और साथी कर्मियों से बात भी की थी. अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि रामचरण 62 लेवल सेक्शन में सपोर्ट निकाल रहा था, जिसे विड्रॉल करना भी कहते हैं. खदान जानकार बताते हैं कि एलएचडी मशीन में चैन फंसाकर सपोर्ट खोला जाता है. सपोर्ट खोलते समय लकड़ी (सिल्ली) लगी या और कोई भारी चीज रामचरण के अगले हिस्से में लग गई, जिससे संभवतः पसली टूटने के अलावा शरीर में गंभीर चोटें आईं. रामचरण की घटना के कुछ देर बाद ही मौत हो गई.
निरीक्षण करने खदान में उतरी टीम
कोयला खदान हादसे में एक कोयला कर्मी की मौत की खबर के बाद पाथाखेड़ा डब्ल्यूसीएल के एरिया सेफ्टी ऑफिसर पीके सरकार और खान प्रबंधक घटनास्थल का निरीक्षण करने खदान में उतरे. वहीं एरिया टीएसपी सदस्य भी खदान में उतरकर हादसे की वजह तलाश रहे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि जिस स्थान पर हादसा हुआ है. वहां छह लोगों की गैंग मिलकर काम करती है, जिसमें चार टिंबर मिस्त्री, एक माइनिंग सरदार और एक ओवर मैन शामिल रहते हैं.
हादसे वाले स्थान पर ओवरमैन सरदारी का काम कर रहा था, जबकि मापदंड के अनुरूप टिंबर मिस्त्री भी वहां मौजूद नहीं थे. इतना ही नहीं ओवरमैन का पता भी नहीं था. हालांकि अब यह सभी पहलू जांच के विषय हैं. अब देखना यह है कि जांच में लीपापोती होती है या लापरवाही बरतने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाती है.
अस्पताल पहुंचे यूनियन नेता और प्रबंधन के अधिकारी
तवा-टू-खदान में हादसे की जानकारी लगते ही वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा के आला अफसर व यूनियन प्रतिनिधि क्षेत्रीय चिकित्सालय पहुंचे. चिकित्सकों से मृतक रामचरण के विषय में जानकारी ली. इसके बाद यूनियन प्रतिनिधि संबंधित कोल कर्मियों से हादसे के संबंध में जानकारी लेते रहे. तत्पश्चात यूनियन के त्रिपक्षी सदस्यों ने खदान में उतरकर हादसे की जानकारी जुटायी.
सारनी कोयला खदान हुई बंद, नई खदानें शुरु करने के सरकार के दावे फेल
खास बात यह रही कि कुछ साल पहले तक जब कभी खदान में इस तरह का दर्दनाक हादसा होता था. तब यूनियन प्रतिनिधि प्रबंधन पर आरोप मढ़कर नारेबाजी कर विरोध दर्ज किया करती थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होता. वजह यूनियन प्रतिनिधियों का क्षेत्रीय प्रबंधन के साथ आपसी समन्वय बेहतर होना है. अस्पताल में मृतक को देखने महाप्रबंधक पीके चौधरी, उपक्षेत्रीय प्रबंधक संजीवा रेड्डी, यूनियन प्रतिनिधि बृजेन्द्र सिंह, जगदीश डिगरसे, प्रमोद सिंह, समेत अन्य लोग पहुंचे थे.