बैतूल। जिले से छत्तीसगढ़ जा रहे नैफेड के चने में फफूंद लगी होने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. जब यह मामला सामने आया तो ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद आनन-फानन में वेयर हाउस कार्पोरेशन ने चार ट्रक में भरे लगभग 100 टन चने को निजी वेयर हाउस संचालक को वापस कर दिया. साथ ही इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और कॉर्पोरेशन ने संचालक को नोटिस देकर 7 दिन में जवाब मांगा है.
साल 2017-18 में नैफेड (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने समर्थन मूल्य पर चना खरीदा था. इस चने को मप्र वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के माध्यम से सरकारी और निजी गोदामों में भंडारण कराया गया था. भंडारण नियम के तहत वेयर हाउस कार्पोरेशन को अनाज सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर इन गोदामों का निरीक्षण करना होता है.
इसके लिए विभाग में गुणवत्ता निरीक्षक की भी पोस्टिंग है, लेकिन इन चार ट्रक से चने के लिए गए सैंपल में फफूंद लगा चना निकलने से पता चलता है कि विभाग ने नियमों का पालन नहीं किया. जब लापरवाही और गड़बड़ी उजागर हुई तो नैफेड और वेयर हाउस कार्पोरेशन के अधिकारियों की नींद खुली.
अब मामला सामने आने के बाद वेयर हाउस कार्पोरेशन इस मामले की तो जांच कर ही रहा है. साथ ही 4 हजार मीट्रिक टन के भंडारण पर भी नजर रखेगा. नैफेड के अधिकारी बोल रहे है कि अब गोदाम से अनाज निकलने पर सैंपल के साथ ही ट्राने मैक करके सील किया जाएगा.