बैतूल। जिले में संतुलन संस्था और गर्ग परिवार द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं. कैंसर शिविर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह शिविर पांच सालों से आयोजित किया जा रहा है. इस शिविर के आयोजन को लेकर गर्ग परिवार की बहू और शिविर की आयोजक विनीता गर्ग का कहना है कि मेरी ननद मधुलिका अग्रवाल को कैंसर हुआ था लेकिन मुझे और मेरे ससुराल पक्ष को आखिरी स्टेज में पता चला कि उन्हें कैंसर है. हमारा परिवार उन्हें बचा नहीं सका. तब 2 से 3 साल हमारा घर परिवार यही सोचता रहा कि किसी भी परिवार को कैंसर जैसे लाइलाज बीमारी से कैसे बचा सके.
नि:शुल्क कैंसर शिविर के बारे में सोचा
खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसलिए हमने नि:शुल्क कैंसर शिविर के आयोजन के बारे में सोचा और फिर 2017 में पहला स्वर्गीय श्रीमती मधुलिका अग्रवाल स्मृति कैंसर जांच उपचार एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया. जिसमें कैंसर के लक्षणों वाले मरीजों की जांच और उपचार किया गया. आज हम इस पुण्य कार्य को करने में संतुष्टि मिल रही है. इस शिविर में बतौर मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल भी शामिल हुए और उन्होंने इस पुण्य कार्य की तारीफ की.
इस साल 500 से ज्यादा कैंसर मरीजों की जांच
विनीता गर्ग के पति और स्वर्गीय मधुलिका अग्रवाल के भाई और संतुलन समिति के अध्यक्ष मोहित गर्ग ने बताया कि वर्ष 2017 में उन्होंने शिविर की शुरुआत की थी. पहले वर्ष में मात्र 55 मरीज आए लेकिन 2020 में यह संख्या 442 पर पहुंच गई, तो वही इस साल 500 से ज्यादा कैंसर मरीजों की जांच हुई है. यह खुशी नहीं बल्कि चिंता की बात है. कैंसर के बढ़ते मरीजों के लिए पर्यावरण व खानपान प्रमुख रूप से जिम्मेदार है.
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मशीन के लिए कृषि मंत्री से किया आग्रह
कैंसर का इलाज महंगा है इसलिए से बचाव जरूरी है इस शिविर में कैंसर विशेषज्ञ भी मौजूद हैं यदि किसी को कोई जिज्ञासा है तो उन से चर्चा कर शांत कर सकते हैं। शिविर में इलाज के लिए अस्पतालों की जानकारी भी दी गई. मुंबई से मैमोग्राफी मशीन बुलाई गई, जिससे स्तन कैंसर की पहचान भी गई है. अध्यक्ष मोहित गर्ग ने कृषि मंत्री से आग्रह किया कि बैतूल जिला अस्पताल में भी यह मशीन स्वीकृत कराएं, ताकि महिलाओं के कैंसर की तत्काल पहचान हो सके और समय पर इलाज चालू हो सके. पिछले साल मशीन से 14 महिलाओं के कैंसर के लक्षण मिले थे. इसमें अच्छी बात यह है कि समय पर उचित उपचार से आज भी सभी महिलाएं कुशल हैं. पहले स्टेज में ही कैंसर का इलाज चालू हो जाए तो, 99% मरीज ठीक हो सकते हैं.
शनिवार को 100 ज्यादा मरीजों की मैमोग्राफी हुई है. मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के 5 हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने कैंसर मरीजों की जांच और उपचार किया. जो भी कैंसर पॉजिटिव पाए जाएंगे मरीजों को शासन की योजना का लाभ दिलाया जाएगा, साथ ही संतुलन संस्था उनके इलाज का पूरा खर्च उठाएगी.