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MP: बीजेपी सांसद की बढ़ी मुश्किलें, जांच में फर्जी मिला जाति प्रमाण पत्र

बैतूल से बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र जांच के लिए बनी राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी है, मुख्य सचिव के निर्देश पर बनी उच्च स्तरीय जांच समिति ने भी धुर्वे का जाति प्रमाण फर्जी पाया है.

ज्योति धुर्वे, बीजेपी सांसद
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Published : Feb 7, 2019, 9:50 AM IST

Updated : Feb 7, 2019, 10:12 AM IST

बैतूल। बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र जांच के लिए बनी राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी है, पूर्व में समिति ने धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाया था.

बैतूल से बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे के फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक हुई. जिसमें मुख्य सचिव एसआर मोहंती के निर्देश पर रायपुर बैतूल और बालाघाट गई टीमों ने जांच रिपोर्ट पेश की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समिति ने ज्योति धुर्वे द्वारा लगाई गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि, समिति के फैसले के आदेश जारी होने तक इसमें गोपनीयता बरती गई है.

गौरतलब है कि वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में ज्योति धुर्वे ने बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था. नामांकन में उन्होंने अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र लगाया था. जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताने वाले बैतूल के अधिवक्ता शंकर पेंदाम ने अप्रैल 2009 में चुनाव अधिकारी को शिकायत की थी, शिकायत खारिज होने पर उन्होंने इसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच समिति में शिकायत की थी. मई 2017 में जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति ने सांसद ज्योति धुर्वे के अनुसूचित जनजाति होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया था, जिसके बाद धुर्वे ने इसकी अपील की थी.

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बीजेपी सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टाल दी थी, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आते ही फाइल रिओपन कर जांच शुरू कर दी गई थी.

बैतूल। बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र जांच के लिए बनी राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी है, पूर्व में समिति ने धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाया था.

बैतूल से बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे के फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक हुई. जिसमें मुख्य सचिव एसआर मोहंती के निर्देश पर रायपुर बैतूल और बालाघाट गई टीमों ने जांच रिपोर्ट पेश की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समिति ने ज्योति धुर्वे द्वारा लगाई गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि, समिति के फैसले के आदेश जारी होने तक इसमें गोपनीयता बरती गई है.

गौरतलब है कि वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में ज्योति धुर्वे ने बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था. नामांकन में उन्होंने अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र लगाया था. जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताने वाले बैतूल के अधिवक्ता शंकर पेंदाम ने अप्रैल 2009 में चुनाव अधिकारी को शिकायत की थी, शिकायत खारिज होने पर उन्होंने इसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच समिति में शिकायत की थी. मई 2017 में जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति ने सांसद ज्योति धुर्वे के अनुसूचित जनजाति होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया था, जिसके बाद धुर्वे ने इसकी अपील की थी.

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बीजेपी सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टाल दी थी, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आते ही फाइल रिओपन कर जांच शुरू कर दी गई थी.

Intro:बैतूल से बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे की मुश्किलें बढ़ गई है जाति प्रमाण पत्र जांच के लिए बनी राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने सांसद धुर्वे की अपील को खारिज कर दिया है। पूर्व में समिति ने धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र जांच में फर्जी होना पाया था।


Body:बैतूल से बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे के फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक की । बैठक में मुख्य सचिव एसआर मोहंती के निर्देश पर रायपुर बेतूल और बालाघाट गई टीमों ने जांच पूरी कर सौंपी गई जांच रिपोर्ट को रखा गया । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने ज्योति धुर्वे द्वारा लगाई गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि समिति के फैसले के आदेश होने तक इसमें गोपनीयता बरती गई है।
गौरतलब है कि वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में ज्योति धुर्वे ने बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था नामांकन में उन्होंने अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र लगाया था। जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताने की बैतूल के अधिवक्ता शंकर पेंदाम ने अप्रैल 2009 में चुनाव अधिकारी को शिकायत की थी शिकायत खारिज होने पर उन्होंने इसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच समिति में शिकायत की थी। मई 2017 में जाति प्रमाण पत्र की जांच के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति ने सांसद ज्योति धुर्वे के अनुसूचित जनजाति होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया था आदेश के बाद सांसद ज्योति धुर्वे ने इस की अपील की थी।
बीजेपी सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टाल दी थी लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आते ही फाइल रिओपन कर जांच शुरू की गई थी।


Conclusion:
Last Updated : Feb 7, 2019, 10:12 AM IST
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